कलायत की बेटी का कमाल, भारतीय सेना में बनीं कैप्टन

कैथल के कलायत की बेटी डॉक्‍टर पायल छाबड़ा को भारतीय सेना में कैप्‍टन की कमान मिली है। डॉक्‍टर पायल करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में कार्यरत हैं। डा. पायल की इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 30 Dec 2020 01:54 PM (IST) Updated:Wed, 30 Dec 2020 01:54 PM (IST)
कलायत की बेटी का कमाल, भारतीय सेना में बनीं कैप्टन
कैथल के उपमंडल कलायत की बेटी डा. पायल छाबड़ा।

पानीपत/कैथल, जेएनएन। कैथल के उपमंडल कलायत की बेटी डा. पायल छाबड़ा को भारतीय सेना में कैप्टन की कमान मिली है। भारतीय सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा में आल इंडिया में उनका 18 वें रैंक आया है। डा. पायल के साथ देशभर से 30 अन्य बेटियों का भी चयन हुआ है। डा. पायल भारतीय सेना में बतौर सर्जन सेवाएं देंगी। डा. पायल की इस उपलब्धि से परिवार में खुशी माहौल बना हुआ है। बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

नव नियुक्त कैप्टन डा. पायल के पिता डा. राजेंद्र कुमार और माता डा. वीना ने बताया कि बेटी का शुरू से ही भारतीय सेना और मेडिकल क्षेत्र में काम करने का सपना रहा है। डा. पायल के बड़े भाई डा. संजीव छाबड़ा और भाभी डा. सलोनी ने उन्हें शिक्षा के साथ-साथ मेडिकल सेवा की राह दिखाई। मिशनं-विजन पूरा होने पर परिवार और इलाके में खुशी का माहौल है। वर्तमान में करनाल स्थित राजकीय कल्पना चावला मेडिकल कालेज सर्जरी विभाग में डा. पायल बतौर सीनियर रेजिडेंट तैनात हैं। उनके दादा स्वर्गीय चमन लाल भारतीय रेलवे में अधिकारी रहे है। दादा के निधन के बाद माता-पिता के साथ-साथ दादी प्रेमवंती ने उनमें देश सेवा के गुण भरे।

खुशी का नहीं है कोई ठिकाना

डा. पायल ने बताया बचपन से ही डाक्टर बनने का सपना था। परिवार के लोगों ने उसे प्रेरित करते हुए आगे बढ़ाने का काम किया। माता-पिता ने एक बेटे की तरह उसका पालन-पोषण किया। किसी भी तरह की कमी नहीं महसूस नहीं होने दी। पूरा श्रेय माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को जाता है। उसने कड़ी मेहनत करते हुए स्वयं का भी और माता-पिता का भी सपना पूरा किया। इस उपलब्धि के लिए वह बहुत खुश है।

राज्य मंत्री ने दी बधाई

कलायत की बेटी डा. पायल छाबड़ा को भारतीय सेना में कैप्टन की कमान मिलने पर महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने डा. पायल और उसके माता-पिता को बधाई दी है। कहा कि डा. पायल की इस उपलब्धि से न केवल कलायत क्षेत्र की बल्कि देश और प्रदेश की बेटियों को प्रेरणा मिलेगी।

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