हरियाणा के कई जिलों में डाक्‍टरों की हड़ताल, अस्‍पतालों के बाहर धरने पर बैठे, मरीज परेशान

हरियाणा में डाक्‍टरों ने हड़ताल की। अस्‍पताल के बाहर धरने पर बैठे रहे। डाक्‍टरों की दो घंटे की हड़ताल पर मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। डाक्‍टरों ने सीधे वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी की भर्ती किए जाने पर रोष जताया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 11:35 AM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 11:35 AM (IST)
हरियाणा के कई जिलों में डाक्‍टरों की हड़ताल, अस्‍पतालों के बाहर धरने पर बैठे, मरीज परेशान
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसिस एसोसिएशन की हड़ताल।

पानीपत, जागरण संवाददाता। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसिस एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात चिकित्सक सुबह दो घंटे की हड़ताल पर चले गए। चिकित्सक अपने समय पर अस्पताल जरूर पहुंचे, लेकिन ओपीडी में जाने की बजाए अस्पताल के बाहर धरना देकर बैठ गए। यहां पर चिकित्सकों ने नारेबाजी करके सीधे वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती किए जाने पर रोष जताया। वहीं मरीज चिकित्सकों की ओपीडी के बाहर चक्कर लगाते रहे।

कुरुक्षेत्र में ओपीडी शुरू नहीं होने की वजह से न तो मरीजों के टेस्ट हुए और न ही अल्ट्रासाउंड। हालांकि दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक 11 बजे संपन्न हो गई, जिसके बाद चिकित्सकों ने ओपीडी संभाल ली। मगर इस दौरान अस्पताल का आपातकालीन विभाग प्रभावित नहीं हुआ। हड़ताल में एसोसिएशन प्रधान डा. ललित कल्सन, उपप्रधान डा. जगमेंद्र मलिक, सचिव डा. प्रदीप कुमार, सह सचिव डा. सुमित कौशिक ने उपायुक्त मुकुल कुमार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

नहीं पता था हड़ताल पर हैं चिकित्सक : तेजिंद्र

पिहोवा निवासी तेजिंद्र ने बताया कि उसे मुंह में काफी दर्द है और बोला तक नहीं जा रहा। वह सुबह-सुबह अस्पताल में इसलिए आया था कि दवा लेने के बाद समय से काम पर निकल पाएगा। मगर अब यहां आने के बाद पता लगा कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं। बाकी मरीज भी इसी उम्मीद में जल्दी आए थे कि यहां आकर या तो जल्द दर्द से राहत मिल सकेगी या समय से दवा ले सकेंगे। चिकित्सकों की हड़ताल के बारे में यहां आकर पता लगा।

अब निजी अस्पताल में जाना पड़ेगा उपचार को : सुनील

मरीज सुनील ने बताया कि उसके पेट में दर्द था। अस्पताल में पर्ची कटवाने के बाद जब वह ओपीडी में गया तो पता लगा कि चिकित्सक तो हड़ताल पर हैं। दर्द सहन नहीं हो रहा इसलिए अब निजी अस्पताल में जाना पड़ रहा है। अगर चिकित्सक हड़ताल पर हैं तो बारे में मरीजों को पर्ची बनवाते हुए ही सूचित किया जाना चाहिए था। मरीज पहले पर्ची कटवाने के लिए कतार में लगे इसके बाद ओपीडी में जाकर उन्हें यहां मायूस वापस लौटना पड़ रहा है।

सीधी भर्ती न की जाए : डा. ललित

एसोसिएशन के प्रधान डा. ललित कल्सन ने कहा कि सरकार वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की सीधी भर्ती कर रही है जोकि गलत है। वर्ष 2015 के बाद चिकित्सकों के विरोध पर यह भर्ती बंद कर दी गई थी अब इसे फिर से शुरू किया जा रहा है। एसोसिएशन इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। यही नहीं एसोसिएशन सरकार से विशेषज्ञों का काडर बनाने, पीजी पालिसी और केंद्र के समान एसीपी देने की मांग लगातार की जा रही है। लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों की जांच की जाएगी।

पानीपत में चिकित्‍सकों के इंतजार में बैठे रहे मरीज

पानीपत सिविल अस्पताल सहित सीएचसी-पीएचसी के चिकित्सकों ने दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक की। सुबह नौ से 11 बजे तक की हड़ताल में चिकित्सक, सीनियर मेडिकल आफिसर की सीधी भर्ती का विरोध कर रहे हैं। पेन-डाउन स्ट्राइक के कारण मरीजों को सरकारी अस्पतालों में दो घंटे तक इलाज नहीं मिला। एसोसिएशन के नव-चयनित जिला प्रधान डा. राजीव मान ने बताया कि हरियाणा सरकार सीनियर मेडिकल आफिसर (एसएमओ) के रिक्त पद भरने के लिए सीधी भर्ती कर रही है, जबकि इन पदों को पदोन्नति करके भरा जाना चाहिए।

पे-स्केल के मामले में भी चिकित्सकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। एसोसिएशन ने अन्य राज्यों की तर्ज पर चार, नौ, 13 व 20 सालों में क्रमश: पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन(एसीपी) की मांग की गई थी। इसके अलावा एचसीएमएस चिकित्सकों को स्पेशल पैकेज या विशेषज्ञ चिकित्सकों को अतिरिक्त इंक्रीमेंट दिए जाने की मांग की जा रही है। कालांतर में सरकार के प्रतिनिधियों से दो बार वार्ता हाे चुकी है। वर्ष-2019 में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल मांग को स्वीकार कर लिया था। फाइनेंस विभाग को पे स्केल दुरुस्त करने की बात कही थी, आज तक वहां से मंजूरी नहीं मिली है। समाधान नहीं होने पर चिकित्सकों ने आगामी रणनीति की जल्द ऐलान करने की बात कही है।

डेढ़ घंटे नहीं बनी ओपीडी स्लिप

अस्पताल में ओपीडी के बाहर मरीजों की कतार न जुटे, हंगामा न हो, इसके लिए करीब पौने दो घंटे तक पर्चियां नहीं बनाई गई। 11:45 बजे ओपीडी स्लिप बननी शुरू हुई। तब तक कतार में लगे मरीज हलकान रहे। सबसे अधिक दिक्कत बुखार और दर्द के मरीजों को हुई।

यह है चिकित्सकों की पीड़ा

एसएमओ की सीधी भर्ती की जाएगी तो पदोन्नति पाकर ये सिविल सर्जन व डिप्टी डायरेक्टर तक पहुंच जाएंगे। पहले से बतौर मेडिकल आफिसर (एमओ) काम कर रहे चिकित्सकों की तरक्की का रास्ता बंद हो जाएगा। इसका असर पूरी चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ेगा। डाक्टर नौकरी छोड़कर निजी प्रेक्टिस का रुख करने लगेंगे।

डा. प्रवीन सेठी का भी विरोध

सरकार ने चिकित्सक भर्ती के लिए स्वास्थ्य निदेशक (दंत चिकित्सा) प्रवीन सेठी को चयन समिति का सदस्य सचिव बनाकर नियुक्तियों की कमान सौंपी है। एचसीएमएसए के पदाधिकारियों ने इसे भी नियमाें के विरुद्ध बताया है और विरोध जारी रखने का ऐलान किया है।

जींद में भी दो घंटे बंद रही ओपीडी, मरीज हुए परेशान

जींद के नागरिक अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर तैनात चिकित्सक सुबह नौ से 11 बजे तक हड़ताल रखी। हालांकि इस दौरान नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी सेवा को जारी रखा। शुक्रवार सुबह मरीजों का सुबह नौ बजे आना शुरू हो गया था और लाइन में लगकर ओपीडी पर्ची भी बना ली। जब मरीज चिकित्सक के कमरे के पास पहुंचे तो वहां पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि चिकित्सक 11 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे और उसके बाद ही मरीजों का चेकअप करेंगे। चिकित्सक नहीं मिलने के चलते मरीज हड़ताल को खत्म होने के इंतजार चिकित्सकों के कमरों के बाहर ही फर्श पर बैठे हुए नजर आए।

11 बजते ही चिकित्सकों ने ओपीडी शुरू कर दी और उनके कमरों के बाहर मरीजों की काफी भीड़ जुट गई। सबसे ज्यादा परेशानी बुखार पीड़ित मरीजों को उठानी पड़ी, क्योंकि 11 बजे तक बाद चिकित्सकों ने टेस्ट के लिए लिखा, लेकिन उस समय तक लैब में सैंपल लेने का समय हो चुका था। सुबह अस्पताल खुलते ही आने के बाद भी मरीजों का पूरा इलाज नहीं हो सका। वहीं एसोसिएशन के उपप्रधान डा. रघुबीर पूनिया व सह सचिव डा. राजेश भोला ने कहा कि लंबे समय से चिकित्सा सेवा दे रहे चिकित्सकों को अब तक पदोन्नति नहीं मिली है, लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग ने सीधे ही एसएमओ की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगर एसएमओ की सीधी भर्ती हो जाती है तो वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे चिकित्सकों की प्रमोशन का रास्ता बंद हो जाएगा। पहले तीन दिन काले बिल्ले लगाकर विरोध जताया था और शुक्रवार को दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की है। अगर फिर भी फैसला वापस नहीं लिया तो चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल करने से पीछे नहीं हटेंगे।

कैथल में भी डाक्टरों ने की हड़ताल तो हलकान हुए मरीज

वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की सीधी भर्ती सहित अन्य मांगों को लेकर हरियाणा सिविल डाक्टर एसोसिएशन के बैनर तले जिले के सरकारी अस्पताल के डाक्टरों ने शुक्रवार को दो घंटे तक हड़ताल की। डाक्टरों ने हड़ताल के दौरान सरकार पर मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। डाक्टरों का कहना है कि चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती में नए डाक्टरों को शामिल किया जा रहा है। जबकि हक पहले से ही कार्यरत डाक्टरों का बनता है। कई वर्षाें तक जनता की सेवा करने के बावजूद सरकार सीधा भर्ती करती हैं। जिससे डाक्टरों को पदोन्नति नहीं मिल पाती है। हड़ताल के दौरान डाक्टरों ने सिविल सर्जन के कार्यालय में पहुंचकर धरना दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान डा. राजीव मित्तल ने की। वहीं, डाक्टरों की दो घंटे की हड़ताल के कारण जिला नागरिक अस्पताल में मरीजों को इलाज नहीं हो पाया। मरीजों द्वारा सुबह के समय इलाज के रजिस्ट्रेशन को करवाया गया। काफी देर तक इंतजार करने के बाद डाक्टरों के न मिलने की स्थिति में अधिकतर मरीजों को वापस लौटना पड़ा। हड़ताल के कारण डाक्टर न मिलने की स्थिति में मरीजों में काफी रोष देखने को मिला। इन मरीजों का कहना था कि हड़ताल के अलावा अन्य दिनों में भी डाक्टर नहीं मिलते हैं।

नहीं मिला इलाज

जिला नागरिक अस्पताल में इलाज करवाने पहुंची कलायत निवासी महिला लाजवंती ने बताया कि वह सुबह नौ बजे ही अस्तपाल में पहुचं गई थी। उसने बताया कि उसे कई दिनों से सिर में दर्द की परेशानी है। इसकी जांच को लेकर ही उसे डाक्टर से इलाज करवाना था, लेकिन डाक्टर नहीं मिला। काफी परेशानी झेलनी पड़ी है। लाजवंती ने कहा कि डाक्टर न मिलने की स्थिति में उसे अब सोमवार को फिर से अस्पताल में पहुंचना पड़ेगा।

ओपीडी में नहीं पहुंचा कोई डाक्टर

जिला नागरिक अस्पताल में इलाज करवाने गांव दुमाड़ा निवासी महिला बिनोद ने बताया कि उसे पिछले कई दिन से पूरे शरीर में दर्द की शिकायत है। इसको लेकर वह अस्पताल में डाक्टर से अपना इलाज करवाने पहुंची थी। डाक्टर ओपीडी में ही नहीं पहुंचा है। जिस कारण उसे अब दोबारा से अस्पताल में आना होगा।

सरकार नहीं दे रही पदोन्नति

हरियाणा सिविल डाक्टर एसोसिएशन के जिला प्रधान डा. राजीव मित्तल ने कहा कि डाक्टरों द्वारा लगातार जनता की सेवा की है। कोरोना महामारी के दौरान डाक्टरों ने न दिन देखा न रात देखी। इसके बावजूद प्रदेश सरकार पुराने डाक्टरों की पदोन्नति नहीं कर रही है। सरकार ने नए डाक्टरों को भर्ती कर सीधा चिकित्सा अधिकारियों की सीट पर बैठा रही है। जो काफी गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सरकार वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति करें।

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