हरियाणा के इस सैनिक स्कूल पर देश को नाज, सेनाध्यक्ष से लेकर राफेल कमांडर भी है यहां के छात्र

करनाल के सैनिक स्कूल में रविवार को पूर्व छात्र सम्मेलन है जिसमें स्वर्णिम स्मृतियां फिर से ताजा होंगी। सम्मेलन में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर मुख्यतिथि होंगे। 300 से ज्यादा पूर्व छात्रों इस कार्यक्रम में उपस्थित होंगे। यह स्कूल इतना खास क्यूं है जानने के लिए पढ़ें ये खबर

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Sat, 18 Dec 2021 05:13 PM (IST) Updated:Sat, 18 Dec 2021 06:25 PM (IST)
हरियाणा के इस सैनिक स्कूल पर देश को नाज, सेनाध्यक्ष से लेकर राफेल कमांडर भी है यहां के छात्र
करनाल में स्थित सैनिक स्कूल का मुख्य द्वार।

करनाल, [पवन शर्मा]। सिद्धिम सन्नद:...यानि लक्ष्य पूरा करना। जी हां, अपने इसी लक्ष्य वाक्य से प्रेरणा लेकर करनाल के कुंजपुरा सैनिक स्कूल ने सशस्त्र सेनाओं को जितने भी अनमोल रत्न दिए, आज उन सभी का नाम भारतीय सेना की शौर्य गाथा में बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है। इनमें पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर से लेकर पूर्व एयर मार्शल पीएस भंगू, शिक्षाविद् लेफ्टिनेंट जनरल डीडीएस संधू, ओलंपियन कर्नल संत कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसएस देशवाल, लेफ्टिनेंट जनरल पीएस भल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा व विज्ञापन गुरु प्रह्लाद कक्कड़ जैसी हस्तियां शामिल हैं।

रविवार को स्कूल में पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित हो रहा है, जिसमें सेनाध्यक्ष रह चुके जनरल दीपक कपूर मुख्य अतिथि होंगे। इसमें तीन सौ से अधिक पूर्व छात्र शामिल होंगे। 1971 की जंग के योद्धाओं व कोरोना से लड़ने वालों को सम्मानित किया जाएगा। 

1961 में की थी स्थापना

1961 में तत्कालीन रक्षा मंत्री वीके कृष्णा मेनन ने इसकी स्थापना की थी। आज देश के 30 सैनिक स्कूलों में कुंजपुरा का नाम अग्रणी पंक्ति में गर्व के साथ लिया जाता है। यहां के आठ सौ से ज्यादा कैडेट्स आन रिकार्ड एनडीए के मार्फत सशस्त्र सेनाओं में कमीशंड अधिकारी बने जबकि सीडीएस और ओटीए से सीधे कमीशन पाकर सैन्य अधिकारी बने छात्रों की भी लगभग इतनी ही संख्या है। भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, चिकित्सा व न्यायिक सेवाओं से लेकर राजनीतिक क्षेत्र में भी पूर्व छात्रों का दबदबा है।


पूर्व विद्यार्थियों को दिया गया न्यौता

रविवार को स्कूल में इन्हीं पूर्व छात्रों का सम्मेलन आयोजित हो रहा है, जिसमें स्वर्ण जयंती वर्ष यानि 1971 बैच और सिल्वर जुबली वर्ष यानि 1996 का हिस्सा रहे छात्र भागीदारी कर रहे हैं। 1961 में शुरू हुए स्कूल के पहले सत्र से अब तक के सभी सत्रों के पूर्व विद्यार्थियों को भी न्यौता दिया गया है। प्रिंसिपल कर्नल विजय राणा और स्कूल ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन के प्रधान मेजर जनरल विशंभरदयाल अगवानी करेंगे।  

पहले बैच के छात्र जनरल कपूर 

एसोसिएशन द कुंजियंस के राष्ट्रीय महासचिव राजेश सांगवान ने बताया कि रविवार को स्कूल के पूर्व छात्र ऐतिहासिक क्षणों के साक्षी बनेंगे। 1993 में पंजीकृत उनके संगठन ने यादगार सफर तय किया है, जिसके अनुभव साझा किए जाएंगे। आज व्हाट्स अप ग्रुप्स के जरिए करीब साढ़े सात हजार पूर्व छात्र एक-दूसरे से जुड़े हैं। इन सभी का पूरा शैक्षणिक ब्यौरा उनके पास है। स्कूल ने कई बडे सैन्य अधिकारी

देश को दिए हैं। पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल दीपक कपूर ने यहां स्कूल के शुरुआती वर्ष 1961 में कक्षा नौ में प्रवेश लिया था। पहले बैच में कक्षा पांच से नौ तक ही चली थीं। जनरल कपूर 1963 में पास आउट होकर एनडीए चले गए थे। 

ये योद्धा होंगे सम्मानित 

सम्मेलन दो थीम पर हो रहा है। इसके तहत जहां 1971 की जंग के योद्धाओं में शामिल लेफ्टिनेंट जरनल डीडीए संधू और कर्नल मिलन चटर्जी सहित 12 अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा वहीं कोरोना से लड़ने वाले पुलिसकर्मी तथा चिकित्सक भी सम्मानित होंगे। इनमें स्कूल में कोरोना संक्रमित विद्यार्थियों का उपचार करने वाले सात चिकित्सक शामिल हैं। युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। फिर पूर्व छात्रों व वर्तमान विद्यार्थियों में रस्साकशी का मुकाबला होगा। पूर्व छात्रों द्वारा समर्पित फाउंटेन व शौर्य पथ की शुरुआत सहित म्यूजिक कंसर्ट व अन्य गतिविधियां भी रखी गई हैं। 

सिद्धिम सन्नद: लक्ष्य वाक्य

यह केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से संबद्ध अंग्रेजी माध्यम का आवासीय विद्यालय है, जहां कक्षा छह में प्रतिवर्ष सौ व कक्षा नौ में तीस छात्रों को प्रवेश मिलता है। जनवरी के पहले रविवार को अखिल भारतीय परीक्षा होती है। श्रेष्ठता क्रम से प्रवेश होता है। छात्र शारीरिक, मानसिक, चारित्रिक विकास की सीख लेते हैं। स्कूल का लक्ष्य वाक्य सिद्धिम सन्नद: है। इसी से प्रेरित होकर कच्ची मिट्टी को यहां फौलाद में ढाला जाता है।

आदर्श सैनिक बनाने की नर्सरी 

स्कूल में आदर्श सैनिक बनाने के लिए पुख्ता प्रबंध हैं। रचनात्मक गतिविधियों के अलावा शारीरिक विकास में सहायक हाकी, फुटबाल, बास्केटबाल, वालीबाल, तैराकी, मुक्केबाजी, घुड़सवारी की सुविधा है। राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियों में एनडीए में सर्वाधिक छात्र भेजने के कारण कुंजपुरा स्कूल को सात बार रक्षा मंत्री ट्राफी मिली। 15 बार स्कूल ने अखिल भारतीय सैनिक स्कूल पर्वतारोहण दल का नेतृत्व करके हिमालय की अछूती चोटियों पर ध्वज फहराया। स्कूल की वालीबाल टीम ने 17 बार आइपीएस ट्राफी जीतकर नया कीर्तिमान बनाया है।

राफेल लाए थे विंग कमांडर मनीष 

अंबाला एयरबेस पर राफेल लाने वाली टीम में शामिल विंग कमांडर मनीष कुुंजपुरा स्कूल के ही होनहार छात्र रहे हैं तो इसी टीम के जाबांज रोहित कटारिया के पिता कर्नल सतबीर सिंह भी यहां शिक्षक रह चुके हैं। 24 जुलाई 1961 को स्थापित इस संस्थान के नाम देश के पहले पांच सैनिक स्कूलों में एक होने की गौरवशाली उपलब्धि दर्ज है।

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