दवाइयों पर कोरोना वायरस का इफेक्ट, चीन से कच्चे माल की सप्लाई पर ब्रेक

चीन से कच्चे माल की सप्लाई पर ब्रेक लग गया है। ऐसे में दवाइयों पर इसका असर दिखेगा। दवाइयां महंगी होगी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 04:18 PM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 04:18 PM (IST)
दवाइयों पर कोरोना वायरस का इफेक्ट, चीन से कच्चे माल की सप्लाई पर ब्रेक
दवाइयों पर कोरोना वायरस का इफेक्ट, चीन से कच्चे माल की सप्लाई पर ब्रेक

पानीपत/करनाल, [प्रदीप शर्मा]। चीन से फैले कोरोना वायरस का असर स्वास्थ्य ही नहीं, जेब पर भी पडऩे वाला है। दवाइयां बनाने के लिए प्रयोग होने वाला 80 फीसद कच्चा माल चीन हमारे देश में आयात होता है। लेकिन डेढ़ माह से इस पर ब्रेक लगा है। कोरोना वायरस के चलते वहां पर प्रोडक्शन बंद हो जाने के कारण माल आ नहीं पा रहा है, इसलिए फार्मा इंडस्ट्री पर भी संकट के बादल छाने लगे हैं। करनाल में भी फार्मा इंडस्ट्री ग्रोथ कर रही थी, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। आयात बंद हो जाने के कारण मुंबई में उन हॉल शैलर्स ने 50 फीसद तक रेट बढ़ा दिए, जिनके पास स्टॉक उपलब्ध था। अब माल आसानी से नहीं मिल पा रहा है। कच्चा माल महंगा मिलने के कारण अब मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट पर असर आना शुरू हो गया है। ऐसे में स्वभाविक तौर पर पेन किलर, मास्क, एंटी बायोटिक व विटामिन प्रोडक्ट में 50 से 60 फीसद तक का उछाल आ सकता है। एक माह में रिटेल कारोबार में भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

जेब पर कैसे पड़ेगा असर

यदि चीन से कच्चे माल का आयात नहीं खुलता है तो जो स्टॉक बचा है वह भी जल्द खत्म हो जाएगा। कच्चे माल की डिमांड ओर अधिक बढ़ेगी, जिससे रेट भी कई गुणा बढ़ सकते हैं। दवा बनाने वाली कंपनियां रेट रिवाइज करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे, क्योंकि उनकी दवा बनाने की लागत भी बढ़ चुकी होगी। ऐसे में मैन्यूफेक्चङ्क्षरग सेक्टर पर असर पड़ेगा तो रिटेल में दवाओं के दामों में भी मोटा इजाफा होगा। जिस प्रकार की परिस्थितियां बनी हुई हैं, उसको देखते हुए पेन किलर व एंटी बायोटिक दवाओं के दाम 50 फीसद तक बढ़ सकते हैं। 

 

मास्क भी हुए महंगे

मौजूदा हालात में वे मास्क भी खासे महंगे हो गए हैं, जो पहले होलसेल रेट में काफी सस्ते में उपलब्ध हो जाते थे। महज एक से दो रुपये प्रति मास्क की दर से बढ़कर अब इनकी कीमत में कई गुना इजाफा देखा जा रहा है। 

वायरस फैलने के बाद उत्पादन बंद हुआ

आरएल शर्मा ने बताया कि चीन में जनवरी में छुट्टियां थीं, इसलिए कच्चा माल कम आया था। फिर वायरस फैल गया और चीन में उत्पादन तत्काल रोक दिया गया। सप्लाई करीब डेढ़ माह से बंद है। वहां स्थिति सामान्य होने के बाद जब उद्योग शुरू होंगे तो समुद्री रास्ते से भारत तक दवा पहुंचने में कम से कम 20 दिन लगेंगे।

 

बेसिक ड्रग प्लांट लगाए सरकार : शर्मा

हरियाणा फार्मास्युटिकल एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेजीडेंट आरएल शर्मा ने कहा कि चीन में फार्मा सेक्टर को अधिक सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। यहां ऐसा नहीं है। सरकार से अनुरोध है कि दवा निर्माताओं को सुविधाएं दे। वन ङ्क्षवडो सर्विस उपलब्ध कराई जाए। देश में बेसिक ड्रग प्लांट लगाए जाएंगे तो काफी हद तक हम आत्मनिर्भर होंगे। फार्मा इंडस्ट्री की ग्रोथ को लेकर सरकार के समक्ष कई बार डिमांड रख चुके हैं।

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