फाइलों में ही दफन न हो जाए तरसेम गुप्ता की मौत का केस

सरकारी बाबूओं की लापरवाही के कारण शहर में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 09:28 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 06:22 AM (IST)
फाइलों में ही दफन न हो जाए तरसेम गुप्ता की मौत का केस
फाइलों में ही दफन न हो जाए तरसेम गुप्ता की मौत का केस

राजेश मलकानियां, पंचकूला : सरकारी बाबूओं की लापरवाही के कारण शहर में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। दबाव के बाद पुलिस विभागों के खिलाफ केस तो दर्ज कर देती है लेकिन आज तक किसी अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं हुई। किसी कर्मचारी की जिम्मेदारी फिक्स नहीं हुई और कुछ दिन बाद मामला ठप कर दिया जाता है। नगर निगम पंचकूला और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण मुख्य तौर पर शहर में डेवलपमेंट कामों के लिए जिम्मेदार है। इन्हीं विभागों की लापरवाही के कारण पिछले कुछ साल में लगभग छह से सात लोग जान गंवा चुके हैं लेकिन पुलिस मृतकों के परिवारजनों की शिकायत पर केस तो दर्ज कर लिया गया परंतु उसके बाद मामले में कार्रवाई नहीं की गई। केस नंबर-1

जून 2017 को सेक्टर-19 निवासी दीपक ने हाल ही में 10वीं की परीक्षा पास की थी। दीपक सेक्टर-11 स्थित डांस अकादमी से क्लास खत्म करने के बाद घर आ रहा था। रोजाना वह साइकिल से आता था लेकिन उस दिन वह पैदल आ रहा था। रात करीब सवा नौ बजे जैसे ही दीपक ने सेक्टर-11 की सड़क पार कर सेक्टर-14 की तरफ जाने के लिए डिवाइडर पर पहुंचा तो पोल पर पहले से आए करंट की चपेट में आ गया। घटना के वक्त वहां से गुजर रहे लोगों ने दीपक को सिविल अस्पताल पहुंचाया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इसके बाद नगर निगम के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। परंतु किसी की जिम्मेदारी फिक्स नहीं हुई। केस नंबर-2

सात जून 2017 राजीव कॉलोनी निवासी प्रमोद उर्फ गुल्लू (24) अपने दोस्त और पेंटर चन्द्र केश (24) और मुकेश उर्फ टीटू (27) के साथ एक बाइक पर सवार होकर सेक्टर-19 से निकल कर मुख्य सड़क से होते हुए अपने घर लौट रहे थे। उस दिन तड़के दो बजे सेक्टर-12ए स्थित परशुराम भवन के सामने मुख्य सड़क सेक्टर-19/12 की डिवाइडिग रोड जर्जर हालत के कारण उनकी बाइक तेज रफ्तार होने के चलते बाइक अनियंत्रित हो गई और गड्ढे में पलट गई। तीनों के सिरों पर गहरी चोटें आई, उन्हें सेक्टर-6 के सामान्य अस्पताल ले गए थे। जिसमें से प्रमोद और चन्द्र केश को मृत घोषित कर दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने प्रशासन पर केस दर्ज कर लिया था और केस फाइल में दफन हो गया। केस नंबर-3

जुलाई 2017 सेक्टर-20 स्थित आशियाना में बृहस्पतिवार सुबह बरसात में खेल रहे एक साढ़े पांच वर्षीय बालक की अचानक करंट लगने से मौत हो गई थी। घर के नजदीक लगे ट्रांसफार्मर के नीचे जमा पानी में बालक को खेलते समय करंट लगा था। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। सेक्टर-20 पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर फिलहाल 304ए के तहत केस दर्ज किया था, परंतु नतीजा जीरो रहा। केस नंबर-4

15 नवंबर 2019 को सेक्टर-16 में शुक्रवार रात सेक्टर-15/16 की डिवाइडिग पर वाटर ऑपरेटिग चैंबर में गिरने से 53 साल के तरसेम गुप्ता की मौत हो गई थी। इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी रविवार को न तो निगम और न एचएसवीपी के अफसरों का ध्यान इस तरफ गया। बेटों की शिकायत पर पुलिस द्वारा जनस्वास्थ्य विभाग पर केस तो दर्ज कर लिया गया लेकिन विभाग ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया और एचएसवीपी पर केस दर्ज करने की बात कह दी। ऐसे में तरसेम गुप्ता की मौत भी कहीं अन्य मामलों की तरह फाइलों में दफन न होकर रह जाए।

chat bot
आपका साथी