सनसनीखेज खुलासा: फरारी दौरान हनीप्रीत को मिला पंजाब पुलिस का संरक्षण

गुरमीत राम रहीम की गोद ली बेटी को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पंजाब के मुक्‍तसर से गिरफ्तार उसके करीबी ने बताया है कि फरारी के दौरान हनीप्रीत को पंजाब पुलिस का सुंरक्षण मिला।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 27 Oct 2017 11:07 AM (IST) Updated:Fri, 27 Oct 2017 07:10 PM (IST)
सनसनीखेज खुलासा: फरारी दौरान हनीप्रीत को मिला पंजाब पुलिस का संरक्षण
सनसनीखेज खुलासा: फरारी दौरान हनीप्रीत को मिला पंजाब पुलिस का संरक्षण

जेएनएन, पंचकूला। रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत की गोद ली  बेटी हनीप्रीत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। हनीप्रीत को फरार हाेने के दौरान पंजाब पुलिस का संरक्षण मिला था। हरियाणा पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि हनीप्रीत को सुरक्षित स्थानों पर रखवाने में पंजाब पुलिस ने  सहयोग किया।

पंचकूला पुलिस के समक्ष यह खुलासा पंजाब के मुक्तसर जिले के गांव खंडेवाला निवासी गुरमीत सिंह ने किया है। पुलिस ने गुरमीत सिंह को बुधवार देर रात गिरफ्तार किया था। गुरमीत सिंह को वीरवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत मिल गई। बता दें कि हनीप्रीत ने भी पुलिस के समक्ष माना था कि वह अंतिम दो दिनों मुक्तसर खंडेवाला स्थित गुरमीत सिंह के घर पर रुकी थी।

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पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुरमीत सिंह ने पूछताछ में हनीप्रीत के ठिकानों के बारे में जानकारी दी है। गुरमीत ने बताया कि हनीप्रीत रोहतक की सुनारिया जेल के बाद सिरसा डेरा सच्चा सौदा चली गई थी। वहां वह दो दिन रुकी थी और इसके बाद वह राजस्थान के श्रीगंगानगर स्थित गुरुसर मोडिया के डेरे में चली गई। पंचकूला पुलिस द्वारा उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिए जाने के कारण वह सच्‍चा सौदा से गई थी।

गुरमीत सिंह ने बताया कि राजस्थान पुलिस भी डेरा प्रमुख के पैतृक निवास स्थान में जाने से डरती थी। जिस दिन पंचकूला पुलिस ने गुरुसर मोडिया में छापा मारना था, उस दौरान राजस्थान पुलिस हरियाणा को सहयोग करने को तैयार नहीं हो रही थी। जब हरियाणा पुलिस ने कह दिया कि वह खुद ही वहां जाकर रेड कर देंगे तो राजस्थान पुलिस सहयोग को तैयार हुई थी।

एसीपी मुकेश मल्होत्रा की अगुवाई वाली एसआइटी ने गुरुसर मोडिया में रेड की थी, लेकिन इससे पहले ही हनीप्रीत वहां से फरार हो गई थी। हनीप्रीत लगभग 11 दिनों तक गुरुसर मोडिया में रुकी। गुरुसर मोडिया के बाद हनीप्रीत पंजाब के बठिंडा के गांव जंगीराणा में सुखदीप कौर से मिली, जहां उसे शरणदीप के घर पर रखा गया था।

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हनीप्रीत की सेवा शरणदीप कौर का बेटा गुरमीत सिंह कर रहा था। यहां पर हनीप्रीत लगभग 12 दिन रुकी। इसके बाद हनीप्रीत अपनी अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली में एक एडवोकेट से संपर्क करने गई थी। दिल्ली में वह एक दिन रुकी। दिल्ली से वापस आने के बाद वह मुक्तसर के खांडेवाला निवासी गुरमीत सिंह के घर चली गई। वह 12 दिन तक खांडेवाला में रुकी।

इसके बाद यहां से सीधा वह चंडीगढ़ आई, जहां पर पंजाब पुलिस के कुछ अधिकारियों ने हनीप्रीत का इंटरव्यू एक निजी चैनल के साथ तय किया। इंटरव्यू होने के बाद हनीप्रीत निकल गई थी, लेकिन इंटरव्यू टेलीकास्ट होने के बाद पंचकूला पुलिस ने उसे जीरकपुर में पटियाला रोड से गिरफ्तार कर लिया था।

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हनीप्रीत पर मेहरबान तीन गुरमीत

हनीप्रीत के जीवन में गुरमीत सिंह नाम के लोगों का बड़ा योगदान रहा। डेरा प्रमुख गुरमीत जब तक जेल से बाहर थे, तब तक वह हनीप्रीत पर पूरी तरह मेहरबान रहे। उसके जेल जाने के बाद शरणदीप के बेटे गुरमीत सिंह और मुक्तसर निवासी गुरमीत सिंह ने संरक्षण दिया।

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