हरियाणा में सेटेलाइट से होगी परियोजनाओं की निगरानी, पानीपत, पलवल सहित 11 जिलों में GIS Lab शुरू

हरियाणा में अब सेटेलाइट के जरिये विकास परियोजनाओं की निगरानी होगी। 11 जिलों में हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (Haryana Space Applications Centre) द्वारा स्थापित भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रयोगशालाएं (जीआइएस लैब) शुरू हो गई हैं। अन्य जिलों में भी जल्द शुरू होंगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 07:08 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 07:16 PM (IST)
हरियाणा में सेटेलाइट से होगी परियोजनाओं की निगरानी, पानीपत, पलवल सहित 11 जिलों में GIS Lab शुरू
कार्यक्रम के दौरान हरियाणा के सीएम मनोहर लाल।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में 11 जिलों में हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (हरसैक) द्वारा स्थापित भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रयोगशालाएं (जीआइएस लैब) शुरू हो गई हैं। पहले चरण में अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत, रेवाड़ी, नूंह, भिवानी, फतेहाबाद व पलवल में यह लैब बनाई गई हैं। सभी जिलों में यह लैब स्थापित की जाएंगी। इससे सेटेलाइट के जरिये विभिन्न विभागों से संबंधित डाटा एकत्रित किया जा सकेगा और परियोजनाओं की निगरानी की जा सकेगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को वर्चुअल मीटिंग के जरिये हरसैक की ओर से 11 जिलों में बनाई गई जीआइएस लैब का लोकार्पण किया। इस दौरान जिला मुख्यालयों पर उपस्थित कैबिनेट मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लैब में सैटेलाइट इमेज के इस्तेमाल से डाटा जुटाकर संरक्षित रखा जाएगा। इस डाटा का पूरा विवरण जैसे संपत्ति के मालिक का नाम, संपर्क नंबर, संपत्ति का क्षेत्र, संपत्ति की आवासीय या वाणिज्यिक क्षेत्र से संबंधित स्थिति का रिकार्ड तैयार होगा। संपत्ति का स्थान और क्षेत्र में उपलब्ध सार्वजनिक सुविधाओं की जानकारी भी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। सैटेलाइट के जरिए अधिकृत और अनाधिकृत कालोनियों की भी आसानी से पहचान की जा सकती है। इससे संपत्ति खरीदते समय भी लोगों को पता चल जाएगा कि वह संपत्ति अधिकृत क्षेत्र में है या नहीं।

Geographic Information System (GIS) लैब्स से आएगी पारदर्शिता तथा ई-गवर्नेंस को मिलेगा बढ़ावा pic.twitter.com/urPLwvpicv

— Manohar Lal (@mlkhattar) November 21, 2021

मुख्यमंत्री ने बताया कि लैब में राजस्व, सिंचाई, शहरी स्थानीय निकाय, कृषि एवं किसान कल्याण, विकास एवं पंचायत, पुलिस व शिक्षा विभाग सहित सभी विभागों से संबंधित डाटा एकत्रित रहेगा। इस साइंटिफिक तरीके से तैयार डाटा से भविष्य की योजनाएं बनाने में आसानी होगी। जीआइएस लैब में सभी विभागों का डाटा आनलाइन होगा और आम आदमी को तमाम जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री ने थपथपाई हरसैक चेयरमैन वी उमाशंकर की पीठ

मुख्यमंत्री ने जिला स्तर पर स्थापित की जा रही प्रयोगशालाओं के लिए हरसैक के चैयरमैन वी उमाशंकर के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने हरसैक के वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि राज्य में सैटेलाइट तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन को और आगे बढ़ाएं, ताकि आम जनता को भी इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इससे प्रदेश में सभी विभागों से संबंधित संपत्ति का डाटा संकलित करना आसान होगा। जिला स्तर पर इन प्रयोगशालाओं के स्थापित होने से प्राकृतिक संसाधनों के मानचित्रण, शहरीकरण, ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की विभिन्न स्कीमों का आंकलन करने एवं जिला स्तर पर योजना तैयार करने के लिए कम समय व कम खर्च होगा।

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