कालका-शिमला ट्रेक पर ट्रेन कार चलाने की योजना, ट्रेक हाइटेक करने में ताइवान कर रहा मदद

कालका-शिमला रेलवे ट्रेक पर अब ट्रेन के अलावा ट्रेन कार चलाने की भी योजना है। ट्रेक को हाइटेक करने के लिए रेलवे ताइवान की मदद ले रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 12:45 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 09:14 AM (IST)
कालका-शिमला ट्रेक पर ट्रेन कार चलाने की योजना, ट्रेक हाइटेक करने में ताइवान कर रहा मदद
कालका-शिमला ट्रेक पर ट्रेन कार चलाने की योजना, ट्रेक हाइटेक करने में ताइवान कर रहा मदद

जेएनएन, कालका। कालका-शिमला रेलवे ट्रेक पर अब ट्रेन के अलावा ट्रेन कार चलाने की भी योजना है। ट्रेक को हाइटेक करने के लिए रेलवे ताइवान की मदद ले रहा है। ताइवान हिल रेलवे के 8 सदस्यों ने इस रूट्स का जायजा भी लिया। सदस्यों ने ट्रेक से लेकर इस पर चलने वाली ट्रेनों की तमाम तरह की जानकारी रेलवे अधिकारियों से ली। सदस्यों ने 96 किलोमीटर लंबे इस ट्रेक पर साफ सफाई, स्पीड और रेल ट्रेक की जानकारी ली और कालका, बड़ोग और शिमला स्टेशन और कनोह ब्रिज का जायजा लिया। अंबाला के एडीआरएम कुलदीप सिंह ने सदस्यों को पूरी जानकारी मुहैया कराई।

सीनियर डीसीएम प्रवीण गौर द्विवेदी ने बताया कि भारतीय रेलवे ने ताईवान हिल रेलवे के साथ इस वर्ल्ड  हेरीटेज रेलवे ट्रेक के संरक्षण, अपग्रेडेशन व टूरिजम को बढ़ावा देने के लिए समझौता हुआ है। ताइवान इस रूट को अपग्रेड करने में मदद करेगा। रेलवे का यही प्रयास है कि इस रेल ट्रेक के मौजूदा स्वरूप को बदले बिना ही इसे हाईटेक किया जाए, ताकि वक्त से पुराने हो चुके कई पुलों की मरम्मत की जा सके।

ट्रेक पर रेल कार चलाने की तैयारी में हैं रेलवे

रेलवे इस ट्रेक को अपग्रेड और हाईटेक करने की दिशा में ही काम नहीं कर रहा है, बल्कि रेलवे इस ट्रेक पर चलने वाली नैरोगेज ट्रेनों की जगह रेल कार चलाने जा रहा है। अंबाला मंडल के डीआरएम दिनेश चंद शर्मा ने बताया कि जल्द रेल कार बनकर आ जाएंगे। इन रेल कार की खासियत यह होगी कि यह रेल कार ऊपर से खुली होंगी। इसमें 15 से 20 लोग जा सकेंगे। यह रेलकार निरंतर इस रेल ट्रेक पर चलते रहेंगे, अगर कहीं आपको रूकना है तो आप प्राकृतिक सौंदर्य को आराम से निहार सकते हो और दूसरी रेल कार से अपना सफर पूरा कर सकते हो।

रोमांचकारी है कालका से शिमला का  सफर

कालका समुद्र तल से 2150 फीट की ऊंचाई पर है, जबकि शिमला समुद्र तल से 6811 फीट की ऊंचाई पर है। ऐसे में इस ऊंचाई को 103 सुरंगों को क्रास करते हुए जाना सच में रोमांचकारी है। पहाड़ी खुबसूरती से टूरिजम को रिझाने के लिए रेलवे इस ट्रेक पर कई नए प्रयोग करने जा रहे हैं।

वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है यह रेल ट्रेक

कालका-शिमला का 96 किलोमीटर लंबा रेल ट्रेक वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है। साल 1903 से शुरू हुए इस रेल ट्रेक में 103 टनल हैं, 864 पुल हैं। 900 के करीब मोड़ हैं। रेल ट्रेक की इन्हीं खासियतों की वजह से इस ट्रेक को यूनेस्को ने 10 जुलाई, 2008 को माउंटेन रेलवे की कैटेगरी में रखकर वल्र्ड हेरीटेज का दर्जा दिया था। इससे पहले हिमाचल सरकार ने साल 2007 को ही इसे वर्ल्ड हेरिटेज की श्रेणी में रख दिया था।

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