हरियाणा बजट: नया टैक्‍स न‍हीं, CNG होगी सस्‍ती, गांव व किसानों का खास ध्‍यान

कैप्‍टन अभिमन्‍यु ने हरियाणा बजट में नया टैक्‍स नहीं लगाया है। इसमें किसानों व गांवों की खास चिंता की गई है। वैट दर घटने से सीएनजी सस्‍ती होगी। डीजीपी 8 फीसद होने की उम्‍मीद है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 09 Mar 2018 11:08 AM (IST) Updated:Sat, 10 Mar 2018 08:36 AM (IST)
हरियाणा बजट: नया टैक्‍स न‍हीं, CNG होगी सस्‍ती, गांव व किसानों का खास ध्‍यान
हरियाणा बजट: नया टैक्‍स न‍हीं, CNG होगी सस्‍ती, गांव व किसानों का खास ध्‍यान

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने विधानसभा ने बजट पेश कर दिया है। वित्‍तमंत्री ने बजट में विकास की ऊंची उड़ान का सपना दिखाया और बजट में विकास दर (जीडीपी) आठ फीसदी पहुंचने की संभावना जताई। बजट में कोई नया टैक्‍स नहीं लगाया गया है। बजट में किसानों और गांवों पर खासा ध्‍यान दिया गया है। सरकारी कर्मचारियों को भी बड़ा तोहफा दिया गया है। उनको गंभीर बीमारियों से इलाज के लिए कैशलेस मेडिकल सुविधा की पांच लाख रुपये की प्रति दाखिला की सीमा हटाई गई।यानि उनके इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। राज्‍य में वैट की दर घटने से सीएनजी सस्‍ती होगी।

कर्मचारियों के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी सरकार, कैशलेस मेडिकल सुविधा की सीमा समाप्‍त

इसके साथ ही बजट में कई कल्‍याण कार्यक्रमों की घोषणा की गई। राज्‍य में हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा। इस‍के लिए चालू सत्र में विधेयक लाया जाएगा। एसवाईएल निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन भी किया गया है। सघन प्राकृतिक गैस (सीएनजी) पर लगने वाले 12.5 वैट की दर को घटाकर छह प्रतिशत कर दिया गया है।

सीएनजी पर वैट दर साढ़े 12 फीसद से 6 फीसद हुई, बनेगा हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण

बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री अभिमन्यु ने शेरो शायरी भी की। वह बोले, 'कुछ तो फूल खिलाए हमने कुछ और खिलाने हैं पर मुश्किल यह है कि बाग में कुछ कांटे पुराने हैं।'  वित्‍तमंत्री ने कहा कि कुल बजट 1.15 लाख करोड़ रुपये का है और इसमें 44,911.16 करोड़ रुपये की राशि उन योजनाओं के लिए आवंटित की गई है, जिनसे प्रदेश में उचित समय में 15 सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी। इसका विवरण एक अलग दस्तावेज में दिया गया है।

कैप्‍टन अभिमन्‍यु ने 2018-19 के लिए 1.15 लाख करोड़ का बजट विधानसभा में पेश किया

वित्‍तमंत्री हरियाणा विधानसभा में 2018-19 का बजट पेश कर रहे हैं। सदन में मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल, सरकार के सभी मंत्री सहित भाजपा के सभी विधायक भी मौजूद रहे। कांग्रेस और इनेलो के विधायक भी सदन मौजूद थे। कैप्‍टन अभिमन्‍यु की पत्नी और परिवार भी विशेष दीर्घा में मौजूद रहा।

 

हरियाणा विधानसभा में बजट सुनते मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल व अन्‍य मंत्री।

वित्‍तमंत्री ने कहा कि कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के लिए 657 .94 करोड़ रुपये व्यय  का प्रस्ताव है। यह पिछली बार की तुलना में 43. 43 फीसद अधिक है। उन्‍होंने कहा कि 'हरियाणा कौशल विकास मिशन’ शुरू किया गया है। इसके तहत वर्ष 2018-19 में 1.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य है।

कैप्‍टन अभिमन्‍यु ने दिखाए उच्‍च विकास के सपने, जीडीपी 8 फीसद होने का अनुमान

उन्‍हाेंने कहा कि राज्य सरकार सक्षम युवा योजना के तहत सहायता के साथ बेरोजगारों तक पहुंची है। हरियाणा शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए हर महीने 100 घंटे का वैतनिक कार्य सुनिश्चित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

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वित्‍तमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मई 2016 में प्रोेफेसर मुकुल आशेर की अध्यक्षता में आठ अन्य सदस्यों वाले पांचवें राज्य वित्त आयोग का गठन किया था। आयोग को स्थानीय निकायों (ग्रामीण और शहरी दोनों) को निधियों के हस्तांतरण और उनके वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के लिए सिफारिशें करनी थी। उन्‍होंने कहा कि आयोग ने सितंबर, 2017 में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपाेर्ट की कैबिनेट उप समिति जांच कर रही है। ऐसे में अंतरिम उपाय के रूप में, ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों को वर्ष 2018-19 के लिए निधियाें का हस्तांतरण मौजूदा पद्धति पर जारी रहेगा।

हरियाणा विधानसभा में बजट सुनते कांग्रेस के विधायक।

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बजट एक नजर में

-  सीएनजी गैस कंपनियों को बड़ी राहत, वैट 12.5 फीसदी से घटाकर छह किया।

- पंजाब की तर्ज पर जिला योजना होगी शुरू, 400 करोड़ का प्रावधान।

- सरकार ने की सबसे ज्यादा खेती-किसानी की चिंता, बजट में 51.22 फीसदी की बढ़ोतरी।

- ग्रामीण विकास, उद्योग, आइटी और रोजगार के लिए कौशल विकास पर भी खासा जोर।

- हर 20 किलोमीटर की दूरी पर बनेंगे कालेज, हर जिले में मेडिकल इंस्टीट्यूट।

- कुल बजट का 28.7 फीसदी आर्थिक सेवाओं पर होगा खर्च।

- 33.89 फीसदी सामाजिक क्षेत्र के लिए रखा सरकार ने ।

- सामान्य सेवाओं पर होगी 14.40 फीसदी राशि खर्च।

- ऋण व मूल उतारने में भी छूटेंगे पसीने, 23 फीसदी बजट का किया प्रावधान।

- राज्य के बजट में ढांचागत विकास पर खोस जोर, पूंजीगत खर्च बढ़ाएगी सरकार।

- किसानों को सात हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी जारी रहेगी।

- पिछले साल की अपेक्षा इस बार बजट में 13 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी।
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बजट में खास

- कुल बजट 1.15 लाख करोड़ रुपये का।

-सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8.0 प्रतिशत पर पहुंचने की संभावना।

- राज्‍य में हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण स्थापित होगा।

- एसवाईएल निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान।

-कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के लिए 657 .94 करोड़ रुपये का प्रावधान।

- हर महीने 100 घंटे का वैतनिक कार्य सुनिश्चित करने वाला देश का पहला राज्य।

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महत्‍वपूर्ण पांच घोषणाएं

- हरियाणा के करीब पौने तीन लाख कर्मचारियों को बड़ा तोहफा। गंभीर बीमारियों से इलाज के लिए कैशलेस मेडिकल सुविधा की पांच लाख रुपये की प्रति दाखिला की सीमा हटाई गई। यानी अब इलाज में कितनी भी राशि खर्च होगी तो सरकार देगी।

- हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण का होगा गठन। विधानसभा के चालू सत्र में ही लाया जाएगा विधेयक। कृषि को लाभकारी बनाने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने तथा किसान परिवारों तथा भूमिहीन श्रमिकों को दबाव को कम करने के लिए काम करेगा प्राधिकरण।

- हिसार जिले के नारनौंद उपमंडल में मुर्राह अनुसंधान एवं कौशल विकास केंद्र स्थापित होगा। महिलाओं, बेरोजगार युवाओं तथा किसानों का कौशल विकास कर मुर्राह नस्ल की भैैंसों के समग्र्र विकास को बनाया जाएगा सुनिश्चित। आय भी बढ़ेगी।

- एसवाईएल नहर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए 100 करोड़ रुपये के कोष का इंतजाम। जरूरत पड़ने पर यदि एक हजार करोड़ रुपये का भी इंतजाम करना पड़ा तो सरकार करेगी।

- हरियाणा के गरीब लोगों को समय पर मनरेगा की मजदूरी का भुगतान करने के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये का अलग से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना रिवाल्विंग फंड बनाया।

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बजट अनुमान 2018-19

वित्‍तमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष हमारे राज्य की स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये (1,02,329.35 करोड़ रुपये) से अधिक के परिव्यय वाला बजट प्रस्तुत कर हमने प्रदेश के बजट इतिहास मेें एक बड़ा मील का पत्थर पार किया था।

- उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 के लिए, 1,15,198.29 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव है। यह बजट अनुमान 2017-18 की तुलना में 12.6 प्रतिशत और 1,00,739.38 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान 2017-18 से 14.4 प्रतिशत अधिक है। इस बजट परिव्यय में 30,012 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के रूप में 26.1 प्रतिशत और 85,187 करोड़ रुपये के राजस्व व्यय के रूप में 73.9 प्रतिशत परिव्यय शामिल है।

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- उन्‍होंने कहा कि हरियाणा उन कुछेक राज्यों में से एक है, जिन्होंने यूएनडीपी की सहायता से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर आधारित अपना विजन 2030 दस्तावेज तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने जून 2017 में हरियाणा एसडीजी 2030 दस्तावेज का अनावरण किया था।

- उन्‍होंने कहा कि राज्य के बजट 2018-19 को एसडीजी विजन 2030 के दस्तावेज के आधार पर तैयार करने का प्रयास किया है ताकि हमारे राज्य को संघीय भारत की एक जीवंत, गतिशील और उदीयमान इकाई में परिवर्तित किया जा सके।

हरियाणा विधानसभा में बजट सुनते अभय चौटाला व अन्‍य इनेलो विधायक।

- उन्‍होंने कहा कि तीन मुख्य सिद्धांत- ‘किसी को भी पीछे न छोड़कर, सबसे पहले सबसे आगे पहुंचना‘, राज्य सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास‘ और ‘अंत्योदय‘ के दर्शन के अनुरूप है, सतत विकास के लिए एकीकृत दृष्टिकोण और सार्वभौमिकता, प्रदेष में सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए मार्गदर्शक शक्तियां हैं। इस विजन दस्तावेज में वर्ष 2030 तक सतत विकास के प्रत्येक लक्ष्य के तहत प्रमुख केंद्र बिंदु क्षेत्रों, वर्तमान हस्तक्षेपों और राज्य द्वारा हासिल किए जाने वाले प्रासंगिक मील पत्थरों पर प्रकाश डाला गया है।

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बजट एक नजर में

- वर्ष 2017-18 के दौरान, अग्रिम अनुमानों के अनुसार, हरियाणा के सकल राज्य घरेलू उत्पाद  8.0 प्रतिशत पर पहुंचने की संभावना है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 6.6 प्रतिशत दर्ज की गई है।

- जीएसवीए के संयोजन ने सेवा क्षेत्र में ढांचागत परिवर्तन दर्षाया है, जोकि विकसित और परिपक्व अर्थव्यवस्था का संकेत है। स्थिर मूल्यों पर तृतीयक क्षेत्र का हिस्सा वर्ष 2014-15 में 49.4 प्रतिषत से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 50.9 प्रतिशत हो गया।

- गत तीन वर्षों के दौरान द्वितीयक क्षेत्र का हिस्सा 31 से 32 प्रतिषत के आसपास अधिक या कम स्थिर रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर, सेवा क्षेत्र का हिस्सा वर्ष 2014-15 के 52.4 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 54.2 प्रतिशत हो गया। प्राथमिक क्षेत्र का हिस्सा वर्ष 2014-15 के 19.5 प्रतिशत से कम होकर वर्ष 2017-18 में 18.0 प्रतिशत रह गया और इसी अवधि के दौरान, द्वितीयक क्षेत्र का हिस्सा 28.1 प्रतिशत से कम होकर 27.8 प्रतिशत रह गया।

- वर्ष 2016-17 में, वर्तमान मूल्यों पर राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1,78,890 रुपये अनुमानित थी, जोकि वर्ष 2017-18 में 1,12,764 रुपये के अखिल भारतीय आंकड़े की तुलना में बढ़कर 1,96,982 रुपये रहने की संभावना है, जोकि देशभर में सर्वाधिक में से एक है।

- वैश्विक विश्‍लेषण कंपनी क्रेडिट रेटिंग इन्फार्मेशन सर्विसिज ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीआरआईएसआईएल) ने जनवरी 2018 में प्रकाषित अपनी रिपोर्ट ‘राज्य का विकास’ में उल्लेख किया है कि ‘वित्त वर्ष 2013 और 2016 के बीच समग्र सकल घरेलू उत्पाद के साथ-साथ श्रम-सघन क्षेत्र के सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) के अर्थों में’ हरियाणा शीर्ष तीन राज्यों में रहा।

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राज्य वित्त-राजकोषीय मानक

- वर्ष 2016-17 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 2.92 प्रतिशत से गिरकर 2017-18 में 1.80 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह संशोधित अनुमान 2017-18 में 1.35 प्रतिशत तक कम होने की संभावना है। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इसे सकल राज्य घरेलू उत्पाद के लगभग 1.20 प्रतिशत तक नीचे लाने का है और वर्ष 2019-20 के अंत तक लक्ष्य इसे शून्य के निकट लाने का है।

- प्रभावी राजस्व घाटा वर्ष 2016-17 में 2.81 प्रतिशत की तुलना में बजट अनुमान 2017-18 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 1.19 प्रतिशत था। संशोधित अनुमान 2017-18 में इसके राज्य सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 0.52 प्रतिशत रहने की संभावना है।

- वर्ष 2018-19 में भी, सकल राज्य घरेलू उत्पाद के मात्र 0.39 प्रतिशत के सम्भावित प्रभावी राजस्व घाटे के साथ, यही रुझान रहने की संभावना है।

- राजकोषीय घाटा राज्यों के लिए 14वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सकल राज्य घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत की निर्धारित सीमा के अंदर रहा। आगामी वर्ष 2018-19 के लिए यह राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 2.51 प्रतिशत (उदय के बिना) और 2.82 प्रतिशत (उदय के साथ) रहने की संभावना है।

-ऋण व राज्य घरेलू सकल उत्पाद का अनुपात 25 प्रतिषत की निर्धारित सीमा के अंदर रहा। यह उदय के बिना वर्ष 2016-17 में 18.09 प्रतिशत तथा संशोधित अनुमान 2017-18 में 19.04 प्रतिशत और उदय के साथ 2016-17 में 22.85 प्रतिशत तथा संशोधित अनुमान 2017-18 में 23.30 प्रतिशत था। वर्ष 2018-19 में यह उदय के बिना 19.66 प्रतिशत और उदय के साथ 23.44 प्रतिशत अनुमानित है।

- संशोधित अनुमान 2017-18 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद के अनुपात में कुल राजस्व प्राप्तियां 11.52 प्रतिशत अनुमानित हैं, जबकि वर्ष 2016-17 में ये  9.63 प्रतिशत थीं। यह राज्य संसाधनों के लिए एक अति महत्वपूर्ण और स्वस्थ सुधार है।

- बजट अनुमान 2018-19 में 76933.02 करोड़ रुपये की कुल राजस्व प्राप्तियां अक्षेपित है, जिनमें कर प्राप्तियां 58431.74 करोड़ रुपये तथा गैर-कर प्राप्तियां 18501.28 करोड़ रुपये की हैं। यह राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 11.19 प्रतिशत होगा।

पूंजीगत व्यय

- बजट अनुमान 2017-18 में अनुमानित 22,393.51 करोड़ रुपये के कुल पूंजीगत व्यय के समक्ष इसे संशोधित अनुमान में 22,428.08 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्‍य है।

- आगामी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए  इसे बढ़ाकर 30,012 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है। यह बजट अनुमान 2017-18 की अपेक्षा 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

- वर्ष 2018-19 में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा 4741 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किए जाने का अनुमान है। इसलिए, वर्ष 2018-19 में पूंजीगत व्यय 34753 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।

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किसके लिए कितना बजट (करोड़ में)

कृषि 1838.49
पशुपालन 913.43
बागवानी 834.91
वन 427.17
मत्स्य पालन 83.46
सिंचाई 3222.21
एसवाईएल 100
ग्रामीण विकास 4301.88
स्वास्थ्य 2964.54
चिकित्सा शिक्षा 1344.14
आयुष 278.29
ईएसआइ 160.01
खाद्य एवं औषण 22.63
शिक्षा 13978.22
तकनीकी शिक्षा 482.95
आइटीआइ 657.94
पीडब्ल्यूडी/रेलवे 3169.7
नागरिक उड्डयन 201.27
बिजली 15376.16
अक्षय ऊर्जा 112.85
पब्लिक हेल्थ 3719.71
परिवहन सेवाएं 2538.4
सूचना प्रौद्योगिकी 148.66
उद्योग व खनन 399.86
पर्यटन 52.12
शहरी निकाय 4221.83
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग 1405.01
पुलिस एवं संबद्ध 4719.14
एससी-बीसी विकास 6812.3
महिला एवं बाल विकास 1385.73
जिला योजना स्कीम 400


हरियाणा को मिलेंगी सात नई रेल परियोजनाएं

हरियाणा सरकार की रेल आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड ने सात नई रेल परियोजनाओं की सौगात देने का निर्णय लिया है।
 - यमुनानगर-चंडीगढ़ वाया नारायणगढ़ और सढ़ोरा।
- दिल्ली-सोहना-नूंह-फिरोजपुर झिरका-अलवर।
- फर्रूखनगर-झज्जर-चरखी दादरी।
- जींद-हांसी।
- भिवानी-लोहारू।
- करनाल-यमुनानगर।
रेलवे स्लाइडिंग परियोजना मानेसर की व्यवहारिता रिपोर्ट तैयार करने पर भी होगा काम

एक नजर में हरियाणा के पिछले बजट पर

वर्ष 2016-17 का कुल बजट 90 हजार 412 करोड़ 59 लाख
बजट में कुल खर्च 22 हजार 393 करोड़ 51 लाख
बजट में पूंजीगत खर्च 79 हजार 935 करोड़ 84 लाख
जीएसटी लागू होने से टैक्स संग्रह वर्ष 2016-17 का कुल बजट
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