हरेरा के चेयरमैन एवं सदस्यों से बदसलूकी पर केस दर्ज

अभद्र भाषा प्रयोग करने का मामला सामने आया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Feb 2019 10:27 PM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 10:27 PM (IST)
हरेरा के चेयरमैन एवं सदस्यों से बदसलूकी पर केस दर्ज
हरेरा के चेयरमैन एवं सदस्यों से बदसलूकी पर केस दर्ज

जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण पंचकूला के चेयरमैन एवं सदस्यों से फरीदाबाद स्थित कैलिफोर्निया कंट्री फ्लैट बायर्स वेलफेयर एसोसिएशन के एक पदाधिकारी द्वारा बदसलूकी एवं अभद्र भाषा प्रयोग करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने प्राधिकरण के कार्यकारी डायरेक्टर आरपी गुप्ता की शिकायत पर धारा-186, 353, 509, 109, 500 के तहत केस दर्ज कर लिया है। प्रत्येक सोमवार को होती है बैठक

प्राधिकरण का गठन रियल एस्टेट क्षेत्र के नियमन के लिए रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत किया गया है। प्राधिकरण प्रत्येक सोमवार को अपनी साप्ताहिक बैठक करता है। 18 फरवरी को दोपहर लगभग 12 बजे एजेंडों पर चर्चा शुरू हुई। बैठक में सेवानिवृत्त आइएएस चेयरमैन राजन गुप्ता, सदस्य एके पंवार, कार्यकारी निदेशक आरपी गुप्ता, अरविंद महतानी मुख्य नगर नियोजक, केएल कपूर बजट और वित्त अधिकारी, केएल बंसल प्रशासनिक अधिकारी (याचिकाएं), तरुण रंगा कानून सहयोगी, सुश्री सरिता लॉ एसोसिएट मौजूद थे। अरविंद मेहतानी ने बताए मामले में तथ्य

एजेंडा आइटम को समाप्त करने के बाद प्राधिकरण एजेंडा आइटम नंबर 42.8, आवेदक की अचल संपत्ति परियोजना के पंजीकरण के लिए ढींगरा जार्डिन इफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के मनवीर सिंह ओबेराय, जिन्होंने एक मृतक निदेशक कंपनी के अटॉर्नी होल्डर की शक्तियों और परियोजना अपने नाम करवानी है, वह कुछ प्लॉट आवंटियों के प्राधिकरण की अदालत के कमरे में आ गया। मामले के तथ्यों को मुख्य नगर नियोजक अरविंद मेहतानी ने बताया। जब प्राधिकरण ने उस व्यक्ति को बुलाया, जिसने परियोजना के पंजीकरण के लिए आवेदन दायर किया था, तो मनवीर सिंह ओबेरॉय ने प्राधिकरण को सूचित किया कि बिनोद झा, जिन्होंने आवेदक डेवलपर कंपनी की ओर से परियोजना के पंजीकरण के लिए आवेदन पर हस्ताक्षर किए थे, वे जेल में बंद है। मनवीर सिंह ओबेरॉय ने अथॉरिटी को सूचित किया कि वह अन्य अलॉटीज़ के साथ कंपनी के अटॉर्नी धारक हैं, जिन्होंने तब से कैलिफोर्निया कंट्री फ़्लैट बायर्स वेलफ़ेयर एसोसिएशन' के नाम एसोसिएशन का गठन किया था, जो परियोजना के पंजीकरण में रुचि रखते हैं। उन्होंने दस्तावेजों को दिखाते हुए उन्हें अटॉर्नी होल्डर के रूप में दिखाया।

विनीत हांडा ने किया दु‌र्व्यवहार

दस्तावेजों को देखने के बाद मनवीर सिंह ओबेरॉय प्राधिकरण ने एक बिंदु पर स्पष्टीकरण देना चाहा कि क्या निदेशक ने अपने पक्ष में पावर ऑफ अटॉर्नी को निष्पादित किया था या नहीं, प्रमोटर कंपनी की ओर से ऐसा करने के लिए एक वैध प्रस्ताव के माध्यम से अधिकृत किया गया था। मामले में सुनवाई चल रही थी कि अचानक कैलिफोर्निया कंट्री फ़्लैट बायर्स वेलफ़ेयर एसोसिएशन का एक पदाधिकारी विनीत हाडा ने न्यायालय के साथ दु‌र्व्यवहार करना शुरू कर दिया और फरार निदेशक द्वारा दायर आवेदन के आधार पर पंजीकरण प्रदान करने के लिए जोर देने लगा। जब प्राधिकरण ने उन्हें समझाया कि पंजीकरण को मनवीर सिंह ओबेरॉय और फ्लैट क्रेता एसोसिएशन को फरार निदेशक के आवेदन पर अनुमति नहीं दी जा सकती है। विनीत हाडा ने अदालती कार्यवाही के दौरान उपस्थित अन्य आवंटियों को उकसाया। उन्होंने अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया और अदालत का बहिष्कार करने के लिए कहा। विनीत हाडा कोर्ट रूम से बाहर चले गए और 5-10 मिनट के बाद फिर से कमरे में घुस गए और अदालत के माननीय सदस्यों को चिल्लाना शुरू कर दिया। प्राधिकरण के सदस्यों एवं चेयरमैन पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। रिश्वत की मांग की गई : हांडा

वहीं विनीत हाडा का कहना है कि प्राधिकरण द्वारा कैलिफोर्निया कंट्री फ़्लैट बायर्स वेलफ़ेयर एसोसिएशन फरीदाबाद प्रोजेक्ट को लाइसेंस देने की एवज में रिश्वत की माग की है। जान-बूझकर उस पर केस दर्ज करवाया गया है।

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