सरकार ने उठाया बड़ा कदम, पंचायतों में अब बड़े विकास प्रोजेक्ट में नहीं हो सकेगा गोलमाल

हरियाणा की पंचायतों में अब विकास प्रोजेक्‍ट में गोलमाल करना आसान नहीं होगा। सरकार ने फैसला किया है कि पंचायतों में एक लाख से अधिक के कार्य के लिए ई टेंडरिंग की जाएगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sun, 22 Mar 2020 01:55 PM (IST) Updated:Sun, 22 Mar 2020 01:55 PM (IST)
सरकार ने उठाया बड़ा कदम, पंचायतों में अब बड़े विकास प्रोजेक्ट में नहीं हो सकेगा गोलमाल
सरकार ने उठाया बड़ा कदम, पंचायतों में अब बड़े विकास प्रोजेक्ट में नहीं हो सकेगा गोलमाल

चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। हरियाणा की ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्यों में अब भ्रष्टाचार की शिकायतों पर अंकुश लगेगा। अब एक लाख रुपये से अधिक की सभी विकास परियोजनाओं को ई-टेंडरिंग होगी जिससे पंचायत प्रतिनिधि अपने चहेतों को प्रोजेक्ट का ठेका देकर गोलमाल नहीं कर सकेंगे।

पंचायतों में ई-टेंडर से होंगे एक लाख रुपये से अधिक के काम, इससे नीचे के काम पंचायतें खुद करा सकेंगी

ग्रामीण विकास विभाग ने इस संबंध में सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि एक लाख रुपये से नीचे के काम ग्राम पंचायतें अपने स्तर पर करा सकेंगी। विधायक आदर्श ग्राम योजना के तहत होने वाले काम भी ई-टेंडर  से होंगे, जिससे भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगेगा। ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की कड़ी में सभी बड़ी विकास परियोजनाओं की सरकार निगरानी करेगी।

प्रदेश में 6200 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें विधायक आदर्श ग्राम योजना के तहत काम कराए जा रहे हैं। प्रत्येक विधायक को अपने हलके के एक या इससे अधिक गांव के विकास के लिए हर साल दो करोड़ रुपये  दिए जाते हैं। पांच हजार की आबादी वाले गांवों को 50 लाख रुपये,  पांच से दस हजार की आबादी वाले गांव के लिए एक करोड़ और इससे अधिक आबादी वाले गांवों के लिए विधायक दो करोड़ रुपये तक खर्च कर सकते हैं। अप्रैल से शुरू हो रहे नए बजट सत्र में कुल बजट का 25 फीसद हिस्सा पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर खर्च किया जाएगा।

इसमें ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों विशेष रूप से सौर ऊर्जा के बिजली कनेक्शन व स्ट्रीट लाइट शामिल हैं। इसके अलावा बरसात के पानी के संचयन के लिए सोखता गड्ढे, जोहड़ों की सफाई व खुदाई तथा प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन योजना पर यह राशि खर्च की जाएगी। फिलहाल सात ग्राम पंचायतों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में  घर-घर से ठोस कचरा संग्रहण और इसके निस्तारण का काम शुरू किया गया है।

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