25 करोड़ रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा दिलाने के नाम पर पंचकूला में एनआरआइ से डेढ़ करोड़ ठगे

पंचकूला में एक एनआरआइ ओवरड्राफ्ट सुविधा के नाम पर ठगी का शिकार हो गया। आरोपित ने खुद को पूर्व रेलमंत्री पवन कुमार बंसल का भतीजा बताया था। पूर्व रेलमंत्री के बेटे ने कहा-रचित बंसल नाम का हमारा कोई रिश्तेदार नहीं है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 01:06 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 01:07 PM (IST)
25 करोड़ रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा दिलाने के नाम पर पंचकूला में एनआरआइ से डेढ़ करोड़ ठगे
पंचकूला में एनआरआइ से 1.5 करोड़ रुपये की ठगी।

जेएनएन, पंचकूला। यहां सेक्टर 20 पुलिस ने एनआरआइ रंजेय त्रेहन की शिकायत पर एक व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। रंजेय त्रेहन के अनुसार आरोपित रचित बंसल ने स्वयं को पूर्व रेलमंत्री पवन कुमार बंसल का भतीजा बताया था। दूसरी तरफ पवन कुमार बंसल के बेटे मनीष बंसल का कहना है कि रचित बंसल नाम का उनका कोई रिश्तेदार नहीं है। यदि कोई ऐसा कह रहा है तो पुलिस उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

त्रेहन की तरफ से पुलिस को दी शिकायत के अनुसार वह यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) का निवासी है। उसके पास ब्रिटिश पासपोर्ट भी है। त्रेहन ने सन 2009 में भारत आना-जाना शुरू किया। उसने शिमला में एक होटल बनाने के बारे में सोचा था। अपने व्यवसाय के लिए उसे बैंक से 25 करोड़ रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा चाहिए थी, लेकिन अनिवासी भारतीय होने के कारण उसे यह सुविधा नहीं मिल पा रही थी। इस दौरान उसके दोस्त दीपक सिंगारी और अरुण ने रचित बंसल से मिलवाया। रचित बंसल को वित्तीय सलाहकार बताया गया।

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रचित ने बताया कि उसके कई राजनीतिक लोगों से संबंध हैं। उसने खुद को पूर्व रेलमंत्री का भतीजा बताया और साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ भी अपने संबंध बताए। इसके अलावा उसने हिमाचल के कई एसएसपी रैंक के अधिकारियों से संपर्क होने की भी बात कही थी। रंजेय के मुताबिक रचित ने बताया कि उनके पास कई ग्राहक हैं और उसने अपने ग्राहकों के लिए बैंकों से ऋण एवं अन्य सुविधाएं भी दिलवाई हैं।

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रचित ने रंजेय को बताया कि उसके मामा शिमला में हिमाचल प्रदेश के एक कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष हैं। रंजेय ने रचित बंसल को अपना वित्तीय सलाहकार बना लिया। रचित बंसल ने रंजेय से कहा कि वह अपनी फीस के रूप में ओवरड्राफ्ट सुविधा का सात प्रतिशत लेगा और खर्च के रूप में डेढ़ करोड़ रुपये की राशि अलग से लेगा। गारंटी के तौर पर रचित बंसल ने रंजेय के कांसल गांव में पड़े दो प्लाटों को भी रखा। त्रेहन के मुताबिक इन सभी बैठकों के दौरान दीपक सिंगाारी भी हमेशा मौजूद रहता था।

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रंजेय ने बताया कि ओवरड्राफ्ट सुविधा हासिल करने के लिए उसने एक नई मसर्डीज कार भी खरीदी थी, वह भी रचित बंसल को दे दी थी। शिकायत के मुताबिक पैसा और मॢसडीज कार देने के बाद फोन उठाना बंद कर दिया और मिले भी नहीं। पुलिस ने रचित बंसल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

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