हाईकमान ने हरियाणा के कांग्रेसियों को उनके हाल पर छोड़ा
कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा कांग्रेस के नेताआें की गुटबाजी के कारण उनको अपने हाल पर छोड़ दिया है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की दिल्ली रैली की तैयारियों में जुटे हाईकमान ने हरियाणा के कांग्रेसियों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। पार्टी हाईकमान 29 अप्रैल की जन आक्रोश रैली के बाद भले ही हरियाणा की तरफ ध्यान देने का दावा कर रहा है, लेकिन ऐसा है नहीं। हाईकमान की यह बेरूखी जहां तंवर-किरण-कुलदीप-सुरजेवाला व सैलजा खेमे को रास आ रही है, वहीं हुड्डा खेमे को नई रणनीति बनाने के लिए मजबूर कर रही है। बताया जाता है पार्टी नेतृत्व हरियाणा में नेताओं की खेमेबाजी से तंग आ चुका है।
दिखावे के तौर पर दिल्ली की रैली की तैयारियों में जुटे नेता
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार दिल्ली के रामलीला मैदान में शक्ति प्रदर्शन करने वाले हैैं। दिल्ली के नजदीक होने के कारण रैली में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी सबसे अधिक हरियाणा की है। साढ़े तीन साल पहले तक हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी। तब से लेकर अब तक हुड्डा लगातार दिल्ली रैलियों में अपनी धमक दिखाते रहे हैैं। इस बार की स्थिति कुछ अलग तरह की है।
कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा को करीब 50 हजार लोग लाने का टारगेट दिया है। इस टारगेट को हासिल करने के लिए हुड्डा, तंवर, किरण, सुरजेवाला, सैलजा और कुलदीप अपने-अपने ढंग से जुट गए हैैं। तंवर और किरण ने खुले तौर पर बैठकों का दौर शुरू कर दिया, जबकि सुरजेवाला भी लगातार आयोजन कर रहे हैैं। हाईकमान तक संदेश पहुंचाने के लिए हुड्डा समर्थक विधायकों ने भी अपने-अपने प्रभाव वाले जिलों में बैठकें व प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू कर दी है।
हुड्डा ने 24 अप्रैल को दिल्ली में बुलाई बैठक, तंवर व किरण फील्ड में
हुड्डा समर्थक करीब एक दर्जन विधायकों को कहीं न कहीं यह आभास हो रहा है कि दिल्ली रैली में भीड़ जुटाने के बाद भी हाईकमान हरियाणा के बारे में खास चिंता नहीं करने वाला है। हुड्डा खेमे ने हाईकमान पर प्रदेश अध्यक्ष का पद सौंपने का दबाव बना रखा है, जबकि अशोक तंवर और किरण चौधरी खेमा उनके इस दबाव से पूरी तरह बेचिंत नजर आ रहा है।
हुड्डा ने अपने दिल्ली निवास पर 24 अप्रैल को पार्टी विधायकों, पूर्व विधायकों, प्रमुख पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और पूर्व मंत्रियों के साथ-साथ पूर्व उम्मीदवारों की बैठक बुलाई है। माना जा रहा कि इस बैठक में दिल्ली रैली को लेकर अंतिम रणनीति तय की जाएगी। कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी कमलनाथ समेत तमाम हाईकमान की निगाह हुड्डा की इस बैठक पर टिकी हुई है।