अफसरों पर फिर गरम हुए विधानसभा स्पीकर, कमेटियों की बैठक में शामिल होना अनिवार्य

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता अफसरों पर फिर गरम हुए। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा। कहा विधानसभा कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होने वाले अफसरों पर होगी कार्रवाई।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 14 Jun 2020 11:07 AM (IST) Updated:Sun, 14 Jun 2020 11:07 AM (IST)
अफसरों पर फिर गरम हुए विधानसभा स्पीकर, कमेटियों की बैठक में शामिल होना अनिवार्य
अफसरों पर फिर गरम हुए विधानसभा स्पीकर, कमेटियों की बैठक में शामिल होना अनिवार्य

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता एक बार फिर अधिकारियों पर लाल-पीले हुए हैं। विधायकों से मिले फीडबैक के आधार पर स्पीकर सरकार को अफसरों द्वारा उनकी सुनवाई नहीं करने तथा सम्मान नहीं देने की रिपोर्ट पहले ही दे चुके हैं। अब उन्होंने विधानसभा की विभिन्न कमेटियों की बैठक में अधिकारियों के शामिल होने को भी अनिवार्य कर दिया है। यदि कोई अधिकारी विधानसभा कमेटी के बुलावे पर बैठक में शामिल नहीं होगा तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है।

हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने हाल ही में करीब एक दर्जन विधानसभा कमेटियों का गठन करते हुए सभी राजनीतिक दलों के विधायकों को उनमें एडजस्ट किया है। कुछ विधानसभा कमेटियों का गठन होना अभी बाकी है। विधानसभा कमेटियों की पहली बैठक में स्पीकर ने जब विधायकों की राय सुनी तो फिर अधिकारियों द्वारा की जाने वाली अवहेलना का मुद्दा सामने आया। विधायकों ने कहा कि यदि किसी कमेटी में विभाग से जुड़ी समस्या पर चर्चा होती है तो उस विभाग के अधिकारी का बैठक में रहना जरूरी है, ताकि संबंधित मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की जा सके।

विधानसभा स्पीकर ने बातचीत के दौरान माना कि विधायकों ने अधिकारियों के बैठक में शामिल होने को जरूरी बताया है। इस बारे में उन्होंने मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि विधानसभा कमेटी के बुलावे पर संबंधित विभाग के अधिकारी का जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए। इस बारे में मुख्य सचिव कार्यालय से आदेश जारी किए जाएं। यदि किसी कारण से कोई अधिकारी बैठक में नहीं आ पाता तो उसे ठोस कारण बताना होगा। संबंधित अधिकारी के बैठक में नहीं आने को आधार बनाते हुए विधानसभा कमेटी अपनी उस दिन की बैठक अगली बार के लिए स्थगित कर सकती है, लेकिन यदि कोई अधिकारी बार-बार भी बैठक में शामिल नहीं होता तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।

ज्ञानचंद गुप्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोई भी कमेटी यदि स्टडी टूर के लिए किसी राज्य के दौरे पर जाती है तो उसे कोई न कोई विषय का चयन पहले से करना होगा। टूर से आने के बाद कमेटी को अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को देनी होगी। उदाहरण के लिए यदि कोई कमेटी उत्तर प्रदेश का दौरा करती है और वहां की शिक्षा नीति का आकलन कर अच्छी बातों का उल्लेख करती है तो उनका रिपोर्ट में उल्लेख रहेगा। ऐसी तमाम सिफारिशों को राज्य सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा, ताकि उन्हेंं हरियाणा में भी लागू किया जा सके।

chat bot
आपका साथी