अदालत में अपराधियों के खिलाफ मजबूत पैरवी न करने वाले जांच अधिकारी नपेंगे

अनिल विज ने एलान किया कि अपराधियों के विरुद्ध अदालतों में मजबूत पैरवी नहीं करने वाले जांच अधिकारी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 03 Mar 2020 10:25 AM (IST) Updated:Tue, 03 Mar 2020 01:25 PM (IST)
अदालत में अपराधियों के खिलाफ मजबूत पैरवी न करने वाले जांच अधिकारी नपेंगे
अदालत में अपराधियों के खिलाफ मजबूत पैरवी न करने वाले जांच अधिकारी नपेंगे

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में महिलाओं, बच्चों और दलित समुदाय के लोगों के प्रति होने वाले अपराधों पर विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। वर्ष 2018 की अपेक्षा 2019 में महिलाओं के प्रति सवा तीन फीसद अपराध बढ़े, जबकि सरकार ने बच्चों के प्रति तीन फीसद अपराध कम होने का दावा किया है। दलितों के प्रति सात फीसद से अधिक अपराध बढ़ने पर सरकार ने सदन में चिंता जाहिर की है।

महिला, दलितों व बच्चों के प्रति बढ़ते अपराधों पर हंगामा बढ़ता देख गृह मंत्री अनिल विज ने एलान किया कि अपराधियों के विरुद्ध अदालतों में मजबूत पैरवी नहीं करने वाले जांच अधिकारी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। इसके लिए गृह मंत्री ने डीजीपी मनोज यादव को पत्र भी लिखा है। इसके बावजूद विपक्ष के विधायक सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुए और सरकार को घेरते रहे। कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, जगबीर सिंह मलिक, चिरंजीव राव, आफताब अहमद और जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने विधानसभा में महिला, बाल व दलितों के प्रति बढ़ते अपराधों पर सरकार की घेराबंदी की।

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने यह सभी सवाल एक ही तरह के होने की वजह से संयुक्त रूप से लगा दिए, जिस पर कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने कहा कि जब सभी सवाल ड्रा से निकाले जाते हैं तो इन पांच सवालों को एक साथ कैसे लगाया जा सकता है। स्पीकर ने कहा कि सवाल तो गीता भुक्कल का ही है, लेकिन सप्लीमेंटरी के तौर पर हमने बाकी चार विधायकों को भी एक साथ सवाल लगाने का मौका दे दिया है। स्पीकर के इस जवाब पर विधायक जगबीर मलिक और किरण चौधरी संतुष्ट नहीं हुए।

बहरहाल, विधायकों ने कहा कि पुलिस द्वारा सही जांच नहीं करने और कोर्ट में वकीलों व पुलिस द्वारा अच्छे से पैरवी नहीं करने की वजह से अधिकतर मामलों में आरोपित बरी हो जाते हैं। जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने सदन को बताया कि केवल 13 फीसद मामलों में ही सजा हो पाती है, जबकि 87 फीसद में आरोपित बरी हो जाते हैं। जगबीर मलिक ने ऑनलाइन होने वाली ठगी रोकने का सुझाव दिया, जबकि आफताब अहमद ने सजा बढ़वाने के लिए प्रयास करने की बात कही। गीता भुक्कल ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। ईश्वर सिंह ने कहा कि 28 लड़कियां गायब हैं, लेकिन उन्हें ढूंढने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए जा रहे। चिरंजीव राव ने महिला अपराधों पर चिंता जताई।

डीएसपी से लेकर एसपी भी नहीं बच सकेंगे

गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि पांच वषों के दौरान महिलाओं, बच्चों व कमजोर वर्ग के लोगों के खिलाफ हुए अपराध के मामलों का रिकार्ड डीजीपी से तलब किया गया है। पुलिस जांच में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की सूची बनेगी व सख्त कार्रवाई होगी। न केवल जांच अधिकारी बल्कि लापरवाही बरतने वाले डीएसपी से लेकर एसपी रैंक के अधिकारियों को भी बख्शा नहीं जाएगा।

महिलाओं व दलितों के प्रति अपराध बढ़े

गीता भुक्कल के सवाल पर सदन में जानकारी दी गई कि 2018 में महिलाओं के प्रति अपराध के 12,691 केस दर्ज हुए तो 2019 में इनकी संख्या बढ़कर 13,104 हो गई। कमजोर वगोर्ं के विरुद्ध अपराध के मामलों में 7.9 फीसद का इजाफा हुआ है।

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