राजकीय विद्यालयों के आसपास लगे गंदगी के ढेर

होडल: एक ओर भाजपा सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत गावों व शहरों में सफाई अभियान चलाकर लोगों को सफाई के प्रति जागरुक करने में जुटी हुई है, लेकिन दूसरी ओर राजकीय विद्यालयों के आसपास लगे गंदगी के ढेर इस अभियान को मुंह चिढा रहे हैं। विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र तो क्या शिक्षक भी इन गंदगी के ढेरों को लांघकर विद्यालयों में प्रवेश कर जाते हैं और सब कुछ देखते हुए अनजान बने रहते हैं। ऐसे माहौल में छात्र यहां कैसे शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 06:54 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 06:54 PM (IST)
राजकीय विद्यालयों के आसपास लगे गंदगी के ढेर
राजकीय विद्यालयों के आसपास लगे गंदगी के ढेर

संवाद सहयोगी, होडल: एक तरफ तो भाजपा सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत गावों व शहरों में सफाई अभियान चलाकर लोगों को सफाई के प्रति जागरुक करने में जुटी है। दूसरी ओर राजकीय विद्यालयों के आसपास लगे गंदगी के ढेर इस अभियान को मुंह चिढा रहे हैं। विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र तो क्या शिक्षक भी इन गंदगी के ढेरों को लांघकर विद्यालयों में प्रवेश कर जाते हैं और सब कुछ देखते हुए अनजान बने रहते हैं। ऐसे माहौल में छात्र यहां कैसे शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे।

शहर के एक मात्र राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के बाहर सीवरेज के पाइप डालने के लिए गड्ढे खोदे गए थे, लेकिन वर्षों बीतने के बाद भी न तो इन गड्ढों में पाइप डाले गए और न ही मिट्टी। जिसके कारण विद्यार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यही हाल राजकीय प्राथमिक पाठशाला का है। यहां विद्यालय के मुख्य द्वार और आसपास वर्षों से गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। यहां भी छात्र और शिक्षक गंदगी से परेशान हैं। विद्यालय के बाहर नालियां गंदगी से अटी पडी हैं। गंदा पानी नालियों से ओवरफ्लो होकर विद्यालय के मुख्य द्वार के सामने भरा रहता है। पानी में दर्जनों सूअर पूरा दिन विचरण करते रहते हैं।

मामले में शिक्षकों द्वारा कई बार विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो सका। अब परेशान शिक्षकों ने मामले को एसडीएम गजेंद्र ¨सह के समक्ष रखा है जिस पर एसडीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च अधिकारियों को अवगत कराकर समस्या का शीघ्र समाधान कराने का आश्वासन दिया है।

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