..और शिक्षा अधिकारी के इंतजार में समाप्त हो गई बैठक

जिला आला अधिकारी ने जिले में सरकार के कार्यों का मीडिया को लेखा-जोखा देने के लिए बैठक बुलाई जिसमें सभी विभागों के आला अधिकारियों को बुलाया गया। जिले के एक शिक्षा अधिकारी भी बैठक में तो आए लेकिन जब उनके महकमे से संबंधित सवाल आया तो वे अपनी सीट से नदारद थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Jul 2018 05:35 PM (IST) Updated:Fri, 27 Jul 2018 05:35 PM (IST)
..और शिक्षा अधिकारी के इंतजार में समाप्त हो गई बैठक
..और शिक्षा अधिकारी के इंतजार में समाप्त हो गई बैठक

जोगिया द्वारे द्वारे एक आला अधिकारी ने जिले में सरकार के कार्यों का मीडिया को लेखा-जोखा देने के लिए बैठक बुलाई जिसमें सभी विभागों के अधिकारियों को बुलाया गया। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी बैठक में पहुंचे, लेकिन जब उनके महकमे से संबंधित सवाल आया तो वे अपनी सीट से नदारद थे। अपनी चिरपरिचित शैली में जब जिला आला अधिकारी ने उन्हें तलब किया तो कोई जवाब नहीं मिला। इस पर उन्हें किसी ने इशारे में बताया कि पंडित जी कश लगाने के लिए गए हैं, जिस पर जिला आला अधिकारी ने मुस्कराते हुए कहा कि कोई नहीं अभी आ जाएंगे। हालांकि शिक्षा अधिकारी के बैठक समाप्त होने तक भी दर्शन नहीं हुए। वैसे शिक्षा अधिकारी के बारे में एकबात मशहूर है कि वे अपने दफ्तर में भी कम ही दर्शन देते हैं।

----

इशारों-इशारों में साधा खादी धारियों पर निशाना

जिला अधिकारी अपने मन की बात को रोकते नहीं हैं। बड़ी मासूमियत व साफगोई से अपनी बात कह ही जाते हैं। एक कार्यक्रम में अपने मन के उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि भले ही वे अफसर तो बड़े बन गए हैं, लेकिन कई बार उनके भी आदेश की तामील करनी पड़ती है जो कि शिक्षा व ज्ञान के मामले में उनके सामने कहीं नहीं टिकते। उनका इशारा उन खादीधारियों की तरफ था जो अधिकारियों पर बेवजह का दबाब बनाते हैं। हालांकि वे कह तो छात्रों से रह थे कि उन्हें बिना किसी झमेले में पड़े पढ़ाई की तरफ ध्यान देना चाहिए तथा नंबरों की बजाय लक्ष्य की तरफ ही फोकस करें। लेकिन इसी के साथ-साथ उन्होंने अपने किशोरावस्था के दिनों की भी चर्चा की कि आखिर किस तरह उन्होंने समाज में गरीब विरोधी ताकतों से जूझते हुए यह मुकाम पाया।

----

उपेक्षा से खफा नजर आ रहे हैं मस्त पंडित जी

मस्त पंडित जी आजकल सरकार में अपनी उपेक्षा से खफा हैं। कभी मंच की शोभा बढ़ाने वाले मस्त पंडित जी को शिकायत निवारण कमेटी की बैठक में कुर्सी नहीं मिली तो वे शिकायतकर्ताओं की जमात में ही शामिल हो गए। बोले कि अधिकारी सुनते ही नहीं हैं तथा नेताओं को घंटों इंतजार कराया जाता है। ज्यादा खफा वे खाकी आला अधिकारी से दिखे। बैठक की अध्यक्षता करने आए सड़क मामलों के वजीर ने उन्हें शांत कराया, लेकिन मस्त पंडित जी का गुस्सा है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब कह रहे हैं कि जल्दी ही खाकी आला अधिकारी की रुखसती करा देंगे तो खाकी आला अधिकारी कह रहे हैं कि वे तो आमजन को न्याय दिलाने तथा अपराध कंट्रोल की दिशा में कार्य करने को अपना ध्येय मानते हैं।

----

सामाजिक कार्यों से रास्ता बना रहे गौरव बाबू

कमल दल में आजकल शह और मात का खेल चल रहा है। ¨डपल बाबू जहां सरकार की योजनाओं को जनता के बीच ले जा रहे हैं तो गौरव बाबू ने सामाजिक कार्यों से अपना रास्ता बनाना शुरू किया हुआ है। एक बार पर्यावरण संरक्षण के नाम पर मैराथन दौड़ में वे जहां खंड के हजारों युवाओं के साथ अपनी ताकत दिखा चुके हैं तो अब कारगिल विजय दिवस के आयोजन नाम पर ताकत दिखाने का रास्ता अपनाया है। मैराथन दौड़ में उन्होंने जहां सूफी गायक हंसराज हंस तथा मुक्केबाज बिजेंद्र को बुलाया था तो अब बॉलीवुड के नायक अनिल कपूर को राज्यपाल व नेताओं के बीच को बुलाया गया है।

----

अगली बार रस्सा भी मजबूत रखना

राहगीरी के कार्यक्रम में नौकरशाहों व खादीधारियों के बीच रस्साकशी ने भी खासी चर्चा बटोरी। नौकरशाहों की टीम के आगे फूल दल के खादीधारी कुछ पल भी नहीं टिक पाए। पहले ही झटके में नौकरशाहों की टीम ने उन्हें चित कर दिया जिस पर खादीधारियों ने एक बोर फिर से जोर आजमाइश का दाव खेला, लेकिन इस बार रस्सा ही टूटकर दो हिस्सों में बंट गया तथा कई खादीधारी जमीन पर गिरकर चोटिल भी हो गए। बाद में जिला आला अधिकारी ने तंज कसते हुए अपनी जीत की बात कही तो ¨डपल बाबू ने कहा कि वो तो हम देख लेते लेकिन कमजोर रस्से ने खेल बिगाड़ दिया। ¨डपल बाबू ने सौम्यता के साथ बधाई भी दी तथा कहा कि अगली बार रस्सा मजबूत रखना। खैर इस हंसी के माहौल ने भी शहर के नागरिकों का मनोरंजन खूब किया।

- प्रस्तुति : संजय मग्गू

chat bot
आपका साथी