परिवहन संसाधनों के अभाव में उच्च शिक्षा पाने से महरूम हैं युवा

क्षेत्र में परिवहन संसाधनों का अभाव इलाके के छात्रों पर भारी पड़ रहा है। यहां परिवहन संसाधनों का अभाव लंबे समय से बना हुआ है। ऐसे में ग्रामीण आंचल के युवक-युवतियां बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। उपमंडल के दर्जनों गांवों में अभी भी परिवहन सुविधाओं का टोटा बरकरार है। इस पर सरकार का भी ध्यान नहीं है। -------- ये बात सत्य है कि ग्रामीण आंचल में परिवहन सुविधाओं का भारी अभाव है। कई गांव तो आज भी ऐसे हैं जहां रोडवेज की बसें नहीं पहुंची। ऐसे में ग्रामीण आंचल के युवक युवतियां आठवीं या फिर दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं। हमारी सरकार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Nov 2018 05:07 PM (IST) Updated:Sat, 10 Nov 2018 05:07 PM (IST)
परिवहन संसाधनों के अभाव में उच्च शिक्षा पाने से महरूम हैं युवा
परिवहन संसाधनों के अभाव में उच्च शिक्षा पाने से महरूम हैं युवा

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर झिरका: क्षेत्र में परिवहन संसाधनों का अभाव इलाके के छात्रों पर भारी पड़ रहा है। यहां परिवहन संसाधनों का अभाव लंबे समय से बना हुआ है। ऐसे में ग्रामीण आंचल के युवक-युवतियां बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। उपमंडल के दर्जनों गांवों में अभी भी परिवहन सुविधाओं का टोटा बरकरार है। इस पर सरकार का भी ध्यान नहीं है। ये बात सत्य है कि ग्रामीण आंचल में परिवहन सुविधाओं का भारी अभाव है। कई गांव तो आज भी ऐसे हैं जहां रोडवेज की बसें नहीं पहुंची। ऐसे में ग्रामीण आंचल के युवक युवतियां आठवीं या फिर दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं। हमारी सरकार से मांग है कि वो ग्रामीण इलाकों में परिवहन संसाधन उपलब्ध करवाएं।

-सन्नी धींगड़ा। बालिका शिक्षा में हमारा क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है। अमूमन गांवों की लड़कियां आठवीं के बाद इसलिए आगे की पढ़ाई छोड़ देती हैं क्योंकि उन्हें पर्याप्त मात्रा में परिवहन संसाधनों की सुविधा नहीं मिल पाती। अगर परिवहन सुविधा मिले तो निश्चित ही बालिका शिक्षा में हमारा क्षेत्र आगे बढ़ सकता है।

-कासिम आजाद, शिक्षाविद। उपमंडल के सैकड़ों गांव ऐसे हैं जहां आज तक परिवहन सुविधा नहीं पहुंची। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से शहरों में शिक्षा ग्रहण करने आने वाले छात्र डग्गामार वाहनों में सफर कर अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूलों तक पहुंचते हैं। मौजूदा सरकार ग्रामीण इलाकों में परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाएं।

-राजकुमार वशिष्ठ।

chat bot
आपका साथी