गेहूं सीजन के तीन करोड़ आढ़त और 1.25 करोड़ रुपये मजदूरी का नहीं हुआ भुगतान

शाहाबाद शाहाबाद अनाज मंडी में आढ़तियों को अभी तक गेहूं खरीद की आढ़त और मजदूरी का सवा चार करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक नहीं मिल पाया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:02 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 07:02 AM (IST)
गेहूं सीजन के तीन करोड़ आढ़त और 1.25 करोड़ रुपये मजदूरी का नहीं हुआ भुगतान
गेहूं सीजन के तीन करोड़ आढ़त और 1.25 करोड़ रुपये मजदूरी का नहीं हुआ भुगतान

संवाद सहयोगी, शाहाबाद : शाहाबाद अनाज मंडी में आढ़तियों को अभी तक गेहूं खरीद की आढ़त और मजदूरी का सवा चार करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक नहीं मिल पाया है। अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान स्वर्णजीत सिंह बिट्टू कालड़ा ने कहा कि वर्ष गेहूं सीजन में मंडी के आढ़तियों की 12 लाख कट्टों की खरीद की थी। इसी खरीद का तीन करोड़ रुपये आढ़त तथा सवा करोड़ रुपये मजदूरी का आज तक बकाया है। इससे आढ़तियों के साथ-साथ मजदूरों में भी रोष है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से दावा किया गया था कि गेहूं सीजन समाप्त होने के 15 दिन के भीतर भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह भी हैरानी की बात यह है कि आढ़तियों की आढ़त 49.36 पैसे प्रति क्विंटल बनती है जबकि सरकार उन्हें 46 रुपये प्रति क्विटल दे रही है। इससे अकेले शाहाबाद मंडी के आढ़तियों को ही 20 लाख रुपये की चपत लगेगी, जबकि पूरे प्रदेश लगभग 250 मंडियों में आढ़तियों को 30 करोड़ रुपये का भारी घाटा वहन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीद का भुगतान एक सप्ताह के अंदर करने और ऐसा न करने पर ब्याज देने की बात कही थी। उस पर भी सरकार खरा नहीं उतरी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपना वायदा पूरा नहीं किया तो आढ़ती अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2020 की जीरी सीजन की मजदूरी का भुगतान फूड एंड सप्लाई के जिम्मे था। इसमें से भी अभी तक 80 लाख रुपये की राशि बकाया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि मंडियों में प्राइवेट बिकने वाली फसलों का भुगतान आढ़ती के माध्यम से होनी चाहिए।

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