कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का मुद्दा होगा बड़ा

जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र हरियाणा की स्थापना 1966 में हुई थी लेकिन इससे भी पहले संयुक्त पंजाब सरकार में ही कुरुक्षेत्र में 1956 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की स्थापना हो गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Apr 2019 08:11 AM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2019 08:11 AM (IST)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का मुद्दा होगा बड़ा
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का मुद्दा होगा बड़ा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

हरियाणा की स्थापना 1966 में हुई थी, लेकिन इससे भी पहले संयुक्त पंजाब सरकार में ही कुरुक्षेत्र में 1956 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की स्थापना हो गई थी। हरियाणा बनने के बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र विश्वविद्यालय रहा है और विश्वविद्यालय ने दिन रात उन्नति की। वहीं पिछले दो दशकों से जैसे ही प्रदेश में अन्य विश्वविद्यालयों की स्थापना हुई और सत्ता का केंद्र बिदू भिवानी, हिसार, सिरसा और रोहतक रहा तो कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की उपेक्षा भी शुरू हो गई। इसी के चलते प्रदेश सरकार की ओर से विश्वविद्यालय को दी जाने वाली सहायता को कम करना शुरू किया तो आलम ये हो गया कि पिछले वर्षों में कुवि को कई बार प्रदेश सरकार की ओर से कुल बजट का मात्र 20 से 30 प्रतिशत ही दिया जा रहा है। जिसके कारण विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही है।

जिसके बाद पिछले दो वर्षों से कुवि शिक्षक और कर्मचारी विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की मांग करते रहे हैं। बाक्स

विधानसभा में उठा चुके हैं विधायक सवाल

थानेसर के विधायक सुभाष सुधा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने के लिए वर्ष 2015 से आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने एक बार मामले को विधानसभा में भी प्रश्न के रूप में उठाया था। हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से उस समय आश्वासन दिया गया था, लेकिन मामला केंद्रीय समिति को नहीं भेजा गया। जिसके कारण कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं मिल सकता।

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अब भी प्रदेश के सबसे अधिक छात्रों को शिक्षित कर रहा है कुवि

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. परमेश कुमार ने बताया कि उन्होंने यह मामला कुवि प्रशासन से लेकर तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी के समक्ष तक उठाया था, लेकिन बात नहीं बन पाई। उन्होंने बताया कि इस बार के लोकसभा चुनावों में यह बड़ा मुद्दा है। भले ही प्रदेश में वर्तमान समय में लगभग 50 विश्वविद्यालय हों, लेकिन प्रदेश के सबसे अधिक महाविद्यालय कुवि से संबंधित हैं और प्राइवेट और दूरवर्ती शिक्षा केंद्र के माध्यम से पूरे प्रदेश के विद्यार्थियों को शिक्षित करने का कार्य कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कर रहा है।

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