सरकार के पैनल पर कार्यरत निजी अस्पताल व निजी मेडिकल कॉलेजों में 1337 तरह की बीमारियों का करा सकेंगे इलाज

कुरुक्षेत्र। सरकार के पैनल पर आने वाले निजी अस्पताल और निजी मेडिकल कॉलेजों में उपचार कराने वाले सरकारी कर्मचारी कर्मचारियों पर आश्रित परिजन और पेंशनर्स के लिए हरियाणा सरकार ने 1337 बीमारियों के पैकेज जारी किए हैं। वर्ष 2015 में आखिरी बार पैकेज की सूची सरकार की ओर से जारी की गई थी तब इस सूची में सिर्फ 152 बीमारियों के पैकेज शामिल थे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Jul 2020 08:15 AM (IST) Updated:Tue, 21 Jul 2020 08:15 AM (IST)
सरकार के पैनल पर कार्यरत निजी अस्पताल व निजी मेडिकल कॉलेजों में 1337 तरह की बीमारियों का करा सकेंगे इलाज
सरकार के पैनल पर कार्यरत निजी अस्पताल व निजी मेडिकल कॉलेजों में 1337 तरह की बीमारियों का करा सकेंगे इलाज

विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र :

सरकार के पैनल पर आने वाले निजी अस्पताल और निजी मेडिकल कालेजों में उपचार कराने वाले सरकारी कर्मचारी, कर्मचारियों पर आश्रित परिजन और पेंशनर्स के लिए हरियाणा सरकार ने 1337 बीमारियों के पैकेज बनाए हैं। वर्ष 2015 में आखिरी बार पैकेज की सूची सरकार की ओर से जारी की गई थी, तब इस सूची में सिर्फ 152 बीमारियों के पैकेज शामिल थे। जबकि इन बीमारियों से अलग बीमारियों में उपचार कराने वाले कर्मचारियों व पेंशनर्स को पैनल पर कार्यरत इन अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में तो पूरा पैसा देना पड़ता था, लेकिन उन्हें पीजीआई रेट के साथ बाकी बचे बिल का 75 प्रतिशत पैसे ही रिबर्स (प्रतिपूर्ति) होते थे। मगर अब ऐसे मरीजों को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि तमाम छोटी से बड़ी बीमारियों को इस सूची में शामिल किया गया है, जिसमें बाकायदा मरीजों को दाखिल करके उपचार करने तक के दिन भी निर्धारित किए गए हैं। एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने बताया कि एक पत्र उन्हें भी प्राप्त हुआ है। इससे प्रदेश के करीब तीन लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।

यूरोलॉजी में सबसे ज्यादा 228 पैकेज किए गए शामिल

कॉर्डियोलॉजी में 89, ईएनटी में 90, स्त्री रोग एवं प्रसव में 100, न्यूरोसर्जरी में 47, नेत्रविज्ञान में 120, हड्डी रोगों के 111, पैथोलॉजी इंवेस्टीगेशन व टेस्ट 326, रेडियोलॉजी में 129, सर्जरी में 144 और यूरोलॉजी में सबसे ज्यादा 228 पैकेज बनाए गए हैं। इसी तरह सामान्य डिलीवरी में 17000 से 20000, वैक्यूम डिलीवरी और फोरसैप्स डिलीवरी (यंत्रों से डिलीवरी) पर तीन दिन में 21250 से 25000 रुपये का पैकेज निर्धारित किया गया है। सही से लागू हुआ तो सरकारी कर्मचारी को भटकना नहीं पड़ेगा।

सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान ओमप्रकाश ने कहा कि अगर सरकार ने ऐसा किया है और इसे अच्छे से लागू कराया जाएगा तो कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए फायदा ही होगा, क्योंकि सरकारी कर्मचारी को पहले उपचार के बिल एकत्रित करने और फाइल बनाने में ही एक-एक साल लग जाता था। कई बार स्वास्थ्य विभाग इसमें आब्जेक्शन लगा देता था। इसके अलावा जितना इलाज पर खर्च होता था उतना पैसा रिबर्स नहीं हो पाता था। अगर पैकेज होगा तो यह बड़ी राहत की बात होगी।

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