ऋषि धन्वंतरि आयुर्वेद जगत के प्रणेता और वैदिक शास्त्र के देवता हैं : डॉ. श्रीप्रकाश

आदिकाल में आयुर्वेद की उत्पत्ति ब्रहा से ही मानी जाती है। वैदिक काल के ग्रंथों में रामायण, महाभारत तथा विविध पुराणों की रचना हुई है, जिसमें सभी ग्रंथों ने आयुर्वेद का अवतरण के प्रसंग में ऋषि धन्वंतरि का उल्लेख मिलता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Nov 2018 12:00 AM (IST) Updated:Tue, 06 Nov 2018 12:00 AM (IST)
ऋषि धन्वंतरि आयुर्वेद जगत के प्रणेता और वैदिक शास्त्र के देवता हैं : डॉ. श्रीप्रकाश
ऋषि धन्वंतरि आयुर्वेद जगत के प्रणेता और वैदिक शास्त्र के देवता हैं : डॉ. श्रीप्रकाश

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आदिकाल में आयुर्वेद की उत्पत्ति ब्रहा से ही मानी जाती है। वैदिक काल के ग्रंथों में रामायण, महाभारत तथा विविध पुराणों की रचना हुई है, जिसमें सभी ग्रंथों ने आयुर्वेद का अवतरण के प्रसंग में ऋषि धन्वंतरि का उल्लेख मिलता है। ऋषि धनवंतरी को भारतीय ¨चतन परंपरा की दृष्टि से स्वास्थ्य के देवता माना जाता है।

यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संयोजक के डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने आयुर्वेद के जनक ऋषि धन्वंतरि के अवतरण दिवस के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा प्राचीन काल में आयुर्वेद के माध्यम से ही चिकित्सा पद्धति प्रसिद्ध थी। देवता एवं दैत्यों के सम्मिलित प्रयास के शांत हो जाने पर समुद्र मंथन स्वयं क्षीर-सागरशायी कर रहे थे। अमृतपूर्ण स्वर्ण कलश लिए श्याम वर्ण, चतुर्भुज भगवान धन्वंतरि का अवतरण हुआ था। ऋषि धन्वंतरि के माध्यम से पूरे विश्व को आयुर्वेद एक अमूल्य धरोहर के रूप में प्राप्त हुआ। धनवंतरी, आरोग्य, स्वास्थ्य, आयु और तेज के आराध्य देवता हैं। ऋषि धनवंतरी आयुर्वेद जगत के प्रणेता तथा वैद्यक शास्त्र के देवता हैं। धन्वंतरि सभी रोगों के निवारण में निष्णात थे। ऋषि धन्वंतरि भारत के गौरव हैं। आयुर्वेद अथर्वेद का विस्तार है यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। यह संपूर्ण जीवन का ज्ञान है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को अपनाकर पूरा विश्व संपूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकता है।संसार का सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद है, जिसमें आयुर्वेद का पर्याप्त वर्णन है। आज विश्व में आयुर्वेद पुन: एक श्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित हो रहा है।

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