कवियों ने राजनीतिक गीता शीर्षक के साथ भ्रष्टाचार और मानवीय संबंधों पर किया कटाक्ष

कवियों ने भ्रष्टाचार और मानवीय संबंधों पर किया कटाक्ष जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं के दिलों को खूब गुदगुदाया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Dec 2018 01:34 AM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 01:34 AM (IST)
कवियों ने राजनीतिक गीता शीर्षक के साथ भ्रष्टाचार और मानवीय संबंधों पर किया कटाक्ष
कवियों ने राजनीतिक गीता शीर्षक के साथ भ्रष्टाचार और मानवीय संबंधों पर किया कटाक्ष

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं के दिलों को खूब गुदगुदाया। सोमवार देर रात तक चले हास्य कवि सम्मेलन में देश के प्रख्यात कवियों में बिहार से शिखर शंभु, मुंबई से आश करण अटल, चिराग जैन, हरियाणवी हास्य कवि अरुण जैमिनी तथा सुरेंद्र शर्मा ने अपनी काव्य रचनाओं की प्रस्तुति दी। कवि सम्मेलन का शुभारंभ बिहार से आए युवा कवि शिखर शंभु ने अपनी रचनाओं के साथ किया। शिखर शंभु ने तुम तोड़ो वायदा हम निभाते रहेंगे, नाराजगी भी हम जताते रहेंगे, जब तक दोबारा नहीं आते मोदी हम जीतते रहेंगे। इस रचना में कवि ने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष किए, वहीं राम मंदिर पर भी कहा कि पता नहीं मंदिरों ने कितनी सरकारें बनाई हैं। कवि चिराग जैन ने पति पत्नी के संबंधों पर बोलते हुए कहा कि आज पति-पत्नी के जीवन के तरीके भी अजब हैं। उन्होंने समाज में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा पर बोला कि मेरे पिता ने बचपन में कभी गुड़िया से खेलने नहीं दिया और कहा कि लड़कियां कोई खेलने की चीज नहीं है। कवि अरुण जैमिनी ने कहा कि राजनेता खुद अपनी बात नहीं समझ सकता है तो दूसरों को भला कैसे कर सकता है। अरुण जैमिनी ने कुरुक्षेत्र की धरती की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसी धरती पर विश्व का पहला काव्य पाठ हुआ। कवि आश करण अटल ने तो अपने अंदाज में कहा कि आज के युग में भाई भाई की नहीं सुनता है। समाज में आदमी ही आदमी के विनाश का कारण है। अटल ने अपनी रचनाओं में मानवीय संवेदनाओं का बहुत ही मार्मिक चित्रण किया। आज राजनेता के साथ मतदाता भी भ्रष्ट है। कवियों रचनाओं में जीएसटी तथा नोटबंदी पर भी खूब कटाक्ष हुए। हरियाणा के प्रमुख हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ने व्यंग्य के साथ साथ महिलाओं की भावनाओं की अभिव्यक्ति की भी सुंदर प्रस्तुति दी। उन्होंने भारतीयता और राष्ट्र प्रेम पर भी कटाक्ष किए। भ्रष्टाचार को मिटाया नहीं जा सकता है, पहले खुद को भ्रष्ट होने बचाना होगा।

इस मौके पर कथाव्यास पुण्डरीक गोस्वामी, महंत महेश मुनि, स्वामी ज्ञानेश्वर महाराज, सतपाल ब्रह्मचारी, कथा के यजमान भोलानाथ हरदत्त राय, तीर्थराज ¨सघल, प्रेम ¨सघल, सुरेश ¨सघल, सुशील ¨सघल तथा अजय ¨सघल मौजूद थे।

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