अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार कर तराशे जाएंगे खिलाड़ी: सिंह

प्रदेश के खेल और युवा कार्यक्रम मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों को तराशने के लिए प्रदेश में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार किया जाएगा। इस सेंटर में आठ से 10 खेलों के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तराशा जाएगा। पटियाला एनआइएस की तर्ज पर इस सेंटर में हॉस्टल ट्रेनिग के साथ-साथ अन्य सुविधाएं होंगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Dec 2019 08:50 AM (IST) Updated:Tue, 03 Dec 2019 08:50 AM (IST)
अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार कर तराशे जाएंगे खिलाड़ी: सिंह
अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार कर तराशे जाएंगे खिलाड़ी: सिंह

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

प्रदेश के खेल और युवा कार्यक्रम मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों को तराशने के लिए प्रदेश में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार किया जाएगा। इस सेंटर में आठ से 10 खेलों के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तराशा जाएगा। पटियाला एनआइएस की तर्ज पर इस सेंटर में हॉस्टल, ट्रेनिग के साथ-साथ अन्य सुविधाएं होंगी। उन्होंने सोमवार को कुरुक्षेत्र के लघु सचिवालय में प्रदेशभर के खेल और युवा कार्यक्रम अधिकारियों के सामने अपनी योजनाओं को साझा किया। जिला अधिकारियों को सीधे निदेशालय को मेल कर छुट्टी लेने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ किया कि अब वाटसएप या मैसेज से छुट्टी को मंजूर नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही एक माह के अंदर-अंदर प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों की हाजिरी को लागू किया जाएगा। इस प्रणाली के अनुसार वे स्वयं अपने मोबाइल से किसी भी जिले और सेंटर की हाजिरी और प्रगति को देख पाएंगे।

उन्होंने कहा कि विचार किया जा रहा है कि ट्रेनिग के बाद नर्सरी में ही अच्छी गुणवता, प्रोटीन की डाइट मुहैया कराई जाए। खिलाड़ियों को दी जाने वाले डाइट और खेल सामग्री की गुणवता को चेक करने के लिए बाकायदा एक पैनल होगा। डेड जोन क्षेत्र को पूनर्जीवित किया जाएगा। इसके लिए कोच नियुक्त होंगे। खिलाड़ियों के साथ-साथ प्रशिक्षकों को अनुशासन में रहना होगा। प्रदेश में प्रशिक्षकों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए पांच सदस्यों की फ्लाइंग स्कवायड टीम बनाई है। अब खेल स्टेडियम में केवल खिलाड़ियों को ही खेलने की अनुमति दी जाएगी और आउटसाइडर को खेल स्टेडियम की कोई सुविधा नहीं मिलेगी।

नर्सरी और खेल सेंटरों के खिलाड़ियों को हरियाणा से बाहर खेलने के लिए अनुमति लेनी होगी। कई जिलों में यह शिकायतें भी मिली हैं कि प्रशिक्षक नौकरी करने के साथ-साथ खुद की एकेडमी भी चला रहे है और खिलाड़ियों से फीस भी वसूल कर रहे हैं। इससे पहले खेल विभाग के निदेशक भूपेंद्र सिंह ने खेल विभाग की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस मौके पर संयुक्त निदेशक सुनीता शर्मा, डिप्टी निदेशक शशि राणा, डिप्टी निदेशक सचदेव सिंह मलिक, डिप्टी निदेशक अरुणकांत, डीएसओ कुरुक्षेत्र यशबीर सिंह मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी