स्मॉग से वाहनों की रफ्तार हुई धीमी

सर्दी की दस्तक के साथ ही सोमवार को आसमान पर स्मॉग छा गया और दृश्यता शून्य रह गई। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की गति मंद पड़ गई और छह रेलगाड़ियां अपने निर्धारित समय से लेट हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Nov 2018 12:24 AM (IST) Updated:Tue, 06 Nov 2018 12:24 AM (IST)
स्मॉग से वाहनों की रफ्तार हुई धीमी
स्मॉग से वाहनों की रफ्तार हुई धीमी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सर्दी की दस्तक के साथ ही सोमवार को आसमान पर स्मॉग छा गया और दृश्यता शून्य रह गई। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की गति मंद पड़ गई और छह रेलगाड़ियां अपने निर्धारित समय से लेट हो गई। स्मॉग के चलते कई जगह वाहन आपस में भिड़ गए। गांव थाना स्थित पेट्रोल पंप के नजदीक एक हादसा हो गया, जिसमें एक युवक-युवती घायल हो गए। वहीं चिकित्सक इस वातावरण को अस्थमा के मरीजों के लिए नुकसानदेह बता रहे हैं। इसकी वजह से अगले कुछ दिनों में अस्थमा के मरीजों की तकलीफ बढ़ सकती है। स्मॉग के कारण न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आ गई। सोमवार को अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रह गया। ये रेलगाड़ियों हुईं लेट

सरयू यमुना एक्सप्रेस रेलगाड़ी छह घंटा 34 मिनट लेट चली, जबकि पश्चिम एक्सप्रेस एक घंटा नौ मिनट, सचखंड एक्सप्रेस 24 मिनट, शान-ए-पंजाब एक घंटा, ऊंचाहार एक घंटा, पठानकोट 25 मिनट लेट हो गई। इससे यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ा और अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी हो गई। मौसम विभाग का पूर्वानुमान मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन दिनों में तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज की जाएगी। हालांकि स्मॉग का प्रभाव बने रहने की आशंका भी जताई जा रही है। अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी भी होगी। मगर सुबह के तापमान में गिरावट संभव है। दीपाली के बाद तक वातावरण का रह सकता है यही मिजाज पर्यावरणविद नरेश भारद्वाज ने बताया कि अक्टूबर व नवंबर में हल्का कोहरा पड़ना शुरू हो जाता है। वातावरण में ठंडक बढ़ने से धूल और प्रदूषण के कण भारी होकर नीचे आने लगते हैं, वायु प्रदूषित हो जाती है। इससे ही स्मॉग बनता है। दीपाली के बाद तक वातावरण का यही मिजाज बना रह सकता है।

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अस्थमा के मरीजों के लिए अच्छा नहीं मौसम : डॉ. एनके झांब सेवानिवृत्त उपसिविल सर्जन एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. एनके झांब ने बताया कि ये मौसम अस्थमा के मरीजों के लिए अच्छा नहीं माना जाता। इस मौसम में अस्थमा का असर बढ़ जाता है। अस्थमा के मरीजों को एहतियात बरतना चाहिए। सुबह और शाम पांच से सात बजे के बीज मौसम में अचानक बदलाव आ रहा है। बाहर जाएं तो कैप पहन कर जाएं। नियमित व्यायाम करें। मगर स्मॉग के समय इसे नहीं करना चाहिए। नाक साफ रखे, गले को खराब होने से बचाएं। तली-भुनी चीजों से परहेज करें। वर्जन

आसमान में धुंआ तो पहले से ही है। यह पराली जलाने की वजह से फैला धुंआ है। तापमान में गिरावट के कारण इसे स्मॉग का रूप ले लिया है। - राकेश भोंसले, रिजनल आफिसर, पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड पंचकुला।

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