नाटक मंचन से बता रहे जरूरतमंदों को गरीबी उन्मूलन की योजनाएं

केंद्र हो या प्रदेश सरकार गरीबी उन्मूलन को लेकर अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन इन योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Jan 2020 09:20 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jan 2020 09:20 AM (IST)
नाटक मंचन से बता रहे जरूरतमंदों को गरीबी उन्मूलन की योजनाएं
नाटक मंचन से बता रहे जरूरतमंदों को गरीबी उन्मूलन की योजनाएं

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : केंद्र हो या प्रदेश सरकार गरीबी उन्मूलन को लेकर अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इन योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा है। इन योजनाओं के लाभ का लालच देकर कई बार बिचौलिए ही गरीबों को ठग लेते हैं। सरकार गरीबी उन्मूलन को लेकर लंबे चौड़े दावे तो करती हैं लेकिन नीचे बैठे अधिकारी उसकी हवा निकाल देते हैं क्योंकि वे सही दिशा में कार्य नहीं करते और योजनाओं को फेल कर देते हैं। एक युवा ने इन समस्याओं को समझा और नाटक तैयार कर गरीबों को उनके अधिकारों के प्रति जगाने निकल पड़ा।

नाटककार विकास शर्मा कहते हैं कि कई बार ऐसा सुनने में मिलता था कि फलां योजना गरीबों के उत्थान और उनके रोजगार के लिए आई थी, लेकिन उनका उन्हें कोई लाभ नहीं मिला, बल्कि उल्टा वे बिचौलिए के हाथों ठगी के शिकार हो गए। उनके मन में आया कि क्यों ना एक ऐसा नाटक तैयार किया जाए, जो गरीबों के लिए सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं और अधिकारों पर आधारित हो। इस नाटक को ऐसे लोगों के बीच जाकर प्रस्तुत कर उनके अधिकारों के प्रति जागृत किया जाए। विकास शर्मा ने बताया कि उन्होंने नाटक 'फ्री फंड' तैयार किया। उनकी नाटक मंडली में उनके अलावा पुलिस विभाग के एसआइ नरेश सागवाल व शिवकुमार सहित कुल 23 सदस्य हैं। फ्री फंड हास्य नाटक है, जिसमें दिखाया गया किस तरह सरकार की योजनाओं के लेकर एक एजेंट लोगों के बीच आता है और योजनाओं के लाभ का लालच देता है। इसमें गांव के कई अमीर भी इसका लाभ लेने के लिए अपने आप को गरीब दिखाते हैं। लेकिन यह एजेंट योजना के लाभ के लिए उनसे पैसे ऐंठता है और गायब हो जाता है। वे इस नाटक के माध्यम से ग्रामीणों और गरीब बस्तियों के लोगों को जागरूक करते हैं कि वे किसी ऐसे एजेंट के चक्कर में नहीं पड़ें, बल्कि सीधे संबंधित विभाग के अधिकारी से संपर्क करें।

विकास शर्मा ने बताया कि वे तथा उनकी पूरी टीम वर्ष 2009 से इस अभियान में जुटी है। वे गरीब बस्तियों में जाकर नाटक के माध्यम से उनके अधिकारों के बारे में बताते हैं। उनके रोजगार के लिए क्या योजनाएं हैं तथा उसका लाभ उठाकर अपना जीवन स्तर कैसे ऊंचा उठा सकते हैं इस बारे में जानकारी दी जाती है।

इसके अलावा भी कई सामाजिक समस्याओं, जैसे बुजुर्गों की अनदेखी, अंधविश्वास, भ्रूणहत्या, बेरोजगारी, सफाई, अभियान, जल संरक्षण को लेकर नाटक तैयार कर रखा है जिसे वे शहर, गांवों के प्रमुख स्थानों तथा स्कूलों में जाकर प्रस्तुत करते हैं। विकास शर्मा ने बताया कि उनके इस ग्रुप में नौकरीपेशा, घरेलू महिलाएं व छात्र शामिल हैं, जो अपने कार्य में से समय निकालकर इस तरह के सामाजिक कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे दूसरे राज्यों में भी सामाजिक बुराईयों से संबंधित नाटक प्रस्तुत कर चुके हैं।

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