बंपर भर्ती को युवाओं ने सराहा, परीक्षा के लिए दूर जिलों में भेजने के लिए भी घेरा

प्रदेश के मुख्यमंत्री जहां नौकरियों में खर्ची और पर्ची बंद करने का दावा किया है वहीं प्रदेश के लोग भी इससे काफी प्रभावित नजर आ रहे हैं। प्रदेश में बंपर भर्ती करने से युवाओं का उत्साह सरकारी नौकरियों की ओर बढ़ा है। वहीं परीक्षा के लिए दूर जिलों में भेजने को लेकर भी विरोधी पक्ष के लोग घेर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 07:20 AM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 07:20 AM (IST)
बंपर भर्ती को युवाओं ने सराहा, परीक्षा के लिए दूर जिलों में भेजने के लिए भी घेरा
बंपर भर्ती को युवाओं ने सराहा, परीक्षा के लिए दूर जिलों में भेजने के लिए भी घेरा

विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : प्रदेश के मुख्यमंत्री जहां नौकरियों में खर्ची और पर्ची बंद करने का दावा किया है वहीं प्रदेश के लोग भी इससे काफी प्रभावित नजर आ रहे हैं। प्रदेश में बंपर भर्ती करने से युवाओं का उत्साह सरकारी नौकरियों की ओर बढ़ा है। वहीं परीक्षा के लिए दूर जिलों में भेजने को लेकर भी विरोधी पक्ष के लोग घेर रहे हैं।

सुनील ने कहा कि इस सरकार ने पर्ची और खर्ची बंद करके नौकरियों में योग्यता के आधार पर भर्ती की है। जिससे युवाओं का रुझान शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ रहा है और दिल से पढ़ाई करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों का हौसला बढ़ा है। आज उन युवाओं को बड़े-बड़े पद पर चयनित होते हुए देखा जा रहा है, जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। वहीं दूसरी ओर रवि ने कहा कि हाल ही में एसडीओ की भर्ती में जो प्रदेश से बाहरी युवाओं का चयन होने की अफवाह उड़ाई जा रही है वह गलत है। सरकार को चाहिए कि इस मामले में नियमानुसार काम करे। मनीष ने कहा कि परीक्षा में ड्यूटी देने वाले शिक्षकों को एक से दूसरी जगह परीक्षा लेने के लिए भेजा जा सकता था। मगर रोजगार के लिए आवेदन करने वाले युवाओं को यहां से वहां भटकाया गया। लोगों को दूर-दराज क्षेत्रों तक बस, ट्रेनों में लटक कर सफर करना पड़ा। कैंडिडेट्स के साथ उनके परिवारों को भी दूर दराज के क्षेत्रों में पहुंचना पड़ा। सुरेंद्र ने प्रदेश में भ्रष्टाचार कम होने का दावा किया और कहा कि भ्रष्टाचार कम होने से लोगों के काम अब बिना किसी सिफारिश और पैसे के हो रही है। ज्यादातर सेवाओं को आनलाइन किया गया है, जिससे पारदर्शिता आई है। काम कराने के लिए अब लोगों को यहां से वहां भटकना नहीं पड़ता। पहले एक प्रमाण पत्र के लिए कभी नगर परिषद तो कभी किसी और कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे मगर अब एक बार आनलाइन आवेदन करने के बाद स्वीकृति आनलाइन मिलती रहती है।

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