रेलवे की जमीन पर बनी 40 से अधिक झुग्गियां ढहाई

फोटो संख्या : 15, 16 -रेलवे पुलिस बल, जीआरपी थाना प्रभारी व रेलवे अधिकारी रहे मौके पर मुस्तैद जागरण

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Jun 2018 01:39 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jun 2018 01:39 AM (IST)
रेलवे की जमीन पर बनी 40 से अधिक झुग्गियां ढहाई
रेलवे की जमीन पर बनी 40 से अधिक झुग्गियां ढहाई

फोटो संख्या : 15, 16 -रेलवे पुलिस बल, जीआरपी थाना प्रभारी व रेलवे अधिकारी रहे मौके पर मुस्तैद जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

रेलवे की जमीन पर बनी 40 से ज्यादा झुग्गियों को रेलवे प्रशासन ने सोमवार को ढहा दिया। यह कार्रवाई थानेसर रेलवे स्टेशन के नजदीक, रेलवे क्वार्टर के नजदीक और गांधी नगर में की गई। सुबह नौ बजे शुरू हुई कार्रवाई तीन बजे तक जारी रही। इस कार्रवाई को अंजाम देने में रेलवे पुलिस बल, जीआरपी थाना और रेलवे के अधिकारी भी मुस्तैद रहे। वहीं इस कार्रवाई से आहत जन संघर्ष मंच ने उपायुक्त कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना देने की बात कही है। 15 दिन पहले दिया था नोटिस रेलवे की जमीन पर झुग्गियां बनाकर रह रहे लोगों को 15 दिन पहले रेलवे प्रशासन ने जगह खाली करने का नोटिस दिया था। झुग्गी में रहने वाले लोगों की आवाज जन संघर्ष मंच ने उपायुक्त के सामने भी उठाई थी और एक दिवसीय धरना दिया था। मंच ने झुग्गी झोपड़ी वालों को पहले पक्के मकान देने की मांग की थी। मगर सोमवार को रेलवे के अधिकारियों ने जेसीबी के जरिए झुग्गियों को हटा दिया गया। पहले टीम थानेसर रेलवे स्टेशन के नजदीक पहुंची और यहां पर कुछ समय दिया झुग्गियों से सामान निकालने का। इसके बाद करीब 15 से 20 झुग्गियों को जेसीबी से हटा दिया गया। इसके बाद रेलवे प्रशासन, आरपीएफ व जीआरपी की टीम थानेसर रेलवे स्टेशन के नजदीक ही सरकारी क्वार्टर के पास पहुंची और यहां पर बनी अवैध झुग्गियों को हटाया। बताया जा रहा है कि इन झुग्गियों में शराब बेचने का काम चल रहा था और कुछ ही दिन पहले लड़ाई झगड़ा भी हुआ था। इसके बाद सरकारी अमला गांधी नगर पहुंचा और यहां पर रेलवे की जमीन पर बसी अवैध बस्ती को हटवाया गया। जच्चा-बच्चा को देख अधिकारियों ने दिखाई इंसानियत थानेसर रेलवे स्टेशन के पास जब झुग्गियों को ढहाया जा रहा था तो एक झुग्गी में जच्चा-बच्चा को टीम ने देखा। दूसरी झुग्गी वालों ने हाथ जोड़कर अपील की कि एक झुग्गी जिसमें जच्चा-बच्चा है उसे छोड़ दिया जाए। इस गर्मी के मौसम में बच्चे को बाहर खुले आसमान के नीचे रखना ठीक नहीं होगा। इस पर रेलवे पुलिस बल के थाना प्रभारी और रेलवे प्रशासन ने बात कर उस एक झुग्गी को छोड़ दिया। लोगों की इस गुजारिश को सुनकर जब झुग्गी वालों ने हाथ जोड़कर आभार जताया तो आरपीएफ थाना प्रभारी श्याम सुंदर बोले कि अभी इंसानियत ¨जदा है। इसके बाद दूसरी झुग्गियों को तहस-नहस करने के बाद वे आगे बढ़ गए।

सिर से छीन लिया आसरा

फोटो संख्या : 17 झुग्गी से सामान निकाल रही सावित्री ने कहा कि बंगाल, बिहार और ओडिशा से आए आर्थिक रूप से कमजोर लोग इन झुग्गियों में रह रहे थे। उसके पति भी पैरों से लाचार हैं। वो दिहाड़ी करके अपने परिवार का गुजारा कर रही है। वरना कौन इस तरह गंदगी में रहना चाहता है। किराये पर घर लेने के लिए पैसे नहीं हैं इसलिए पिछले करीब 10 से 15 साल पहले से यहां झुग्गी डालकर रह रही थी। रेलवे ने उनके सिर से यह आसरा भी छीन लिया। सरकार अगर उन्हें कहीं स्थाई जगह उपलब्ध करा दे तो उन्हें भी ऐसी जगह रहने की जरूरत नहीं। मगर तीनों बच्चों को सफल बनाने के लिए वह यहां रहती है, क्योंकि नजदीक के ही सरकारी स्कूल में उनका दाखिला हो गया है। सोनिया, बाबूलाल और राहुल तीनों आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। अब प्रशासन ने सिर छिपाने का ठोर भी छीन लिया है अब वहीं जाना पड़ेगा जहां किस्मत ले जाए।

शांतिपूर्ण ढंग से की गई कार्रवाई आरपीएफ थाना प्रभारी श्याम सुंदर ने कहा कि इस पूरी कार्रवाई को शांतिपूर्ण ढंग से किया गया। यह उच्चाधिकारियों के आदेश थे, जिनकी अनुपालना की गई है। उन्होंने बताया कि सर्दियों में इन झुग्गियों को हटाने के आदेश जारी हुए थे, मगर जन संघर्ष मंच और झुग्गी वालों की अपील पर इस कार्रवाई को रोक दिया गया था। मगर यह कार्रवाई दिल्ली मंडल के क्षेत्र में हर जगह की गई है।

पक्के घर देने का सपना दिखा कच्चे भी छीन रहे : उषा कुमारी जन संघर्ष मंच की जिला उपाध्यक्ष उषा कुमारी ने बताया कि उपायुक्त कार्यालय के सामने मंच ने झुग्गी में रहने वालों की आवाज उठाई थी। मगर अधिकारियों ने एक न सुनी और बसी हुई झुग्गियों को तहस-नहस करके रख दिया। उषा कुमारी ने कहा कि एक तरफ तो सरकार लोगों को पक्का घर देने का सपना दिखा रही है और दूसरी तरफ 40 से ज्यादा बसे बसाए परिवारों को खुले आसमान के नीचे लाकर खड़ा कर दिया है। सरकार की कल्याणकारी योजनाएं केवल नाम की हैं जो असली में इसके हकदार हैं उन तक वह पहुंचती ही नहीं। इस कार्रवाई की मंच ¨नदा करता है और आगामी दिनों में अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।

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