मनरेगा में गड़बड़ी का आरोप, ग्रामीणों ने की नारेबाजी

संवाद सहयोगी इंद्री पटहेड़ा गांव में ग्रामीणों ने मनरेगा में गड़बड़ी कर धांधली के आरोप ल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 07:33 AM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 07:33 AM (IST)
मनरेगा में गड़बड़ी का आरोप, ग्रामीणों ने की नारेबाजी
मनरेगा में गड़बड़ी का आरोप, ग्रामीणों ने की नारेबाजी

संवाद सहयोगी, इंद्री : पटहेड़ा गांव में ग्रामीणों ने मनरेगा में गड़बड़ी कर धांधली के आरोप लगा नारेबाजी कर हंगामा किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मनरेगा के काम में बड़ी संख्या में फर्जी मजदूर दिखाकर इनके खातों में लाखों रुपये डाल दिए गए हैं जबकि जिन मनरेगा मजदूरों ने सही में काम किया है, उनको पैसे नहीं मिल रहे। ग्राम पंचायत सरपंच व सचिव ने मनरेगा में गड़बड़ी के आरोपों को नकार दिया।

ग्रामीण मेहर सिंह ने कहा कि मनरेगा के तहत पटहेड़ा गांव में काम चला था जिसमें मिलीभगत करके पंचायती रिकॉर्ड में अनगिनत फर्जी लोगों के नाम चढ़ा दिए गए। लॉकडाउन के चलते इस साल मार्च में काम बंद हो गया था। इसके बाद मनरेगा के रिकॉर्ड में फर्जी नाम चढ़ा दिए गए। अब अगस्त महीने में भी रिकॉर्ड मे फर्जी दिहाड़ीदारों के नाम दर्शाए गए हैं, ऐसे ही चढ़ाए गए फर्जी एक-एक व्यक्ति के खाता में 75, 80, 91 व 99-99 हजार रुपये तक डाले गए हैं बल्कि जिन मजदूरों ने मनरेगा में काम किया है, उन्हें लॉकडाउन के दौरान सरकार की योजना का लाभ तक नहीं मिला। हम भूखे अपने घरों पर पड़े हैं। बच्चों को खाना नसीब नहीं हो रहा है। हमारी मांग है कि जिन फर्जी लोगों के खातों में मनरेगा के पैसे दिए गए हैं, इन पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासनिक अधिकारी समझौते के कागजात पर साइन कराने गांव में आया था ताकि यह मामला रफा-दफा हो जाए। इसलिए मनरेगा की इस योजना में गबन करने वालों, फर्जी दिखाए दिहाड़ीदारों व मिलीभगत करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। योजना के पैसे हड़पे गए : बलविद्र

ग्रामीण बलविद्र सिंह ने कहा कि मनरेगा में जिन लोगों ने काम किया, उन्हें पैसे नहीं मिल रहे हैं बल्कि रिकॉर्ड में फर्जी दिहाड़ीदार दिखाकर बड़ी संख्या में खातों में पैसे भेज दिए गए हैं। गरीबों को काम किए का पैसे नहीं मिलेगा तो वो लोग क्या खाएंगे। उनके गांव में करीब 95 से ज्यादा फर्जी लोगों के नाम रिकॉर्ड में चढ़ाकर योजना के पैसे हड़पे गए हैं। जिन लोगों ने आजतक मनरेगा में काम ही नहीं किया, ऐसे लोगों के रिकॉर्ड में फर्जी नाम चढ़ाए गए हैं। रिकॉर्ड में दे रखे फर्जी नाम : पवन

ग्रामीण पवन कुमार ने कहा कि हमने एडीसी को इस बारे में शिकायत भी दी थी। फर्जी नाम रिकॉर्ड में दे रखे हैं, गड़बड़ी करने वालों ने अपने ही पक्ष के लोगों के नाम चढ़ा रखे हैं। गांव में मौके पर बीडीपीओ कार्यालय से एक कर्मचारी आया था जब ग्रामीणों ने सवाल-जवाब किए तो वो उठकर में चला गया। हमारे गांव में मनरेगा में 46 मनरेगा मजदूर काम करते हैं लेकिन मनरेगा के रिकॉर्ड में सैकड़ों मजदूर फर्जी चढ़ा दिए गए हैं। गांव में करीब 150 फर्जी नाम रिकॉर्ड में दिखाए गए हैं, जिनकी पूरी डिटेल हमारे पास है। एक फर्जी व्यक्ति ऐसा भी है जिसने मनरेगा में काम नहीं किया लेकिन इसके खाता में 91 हजार रुपये आ गए हैं। पार्टीबाजी के चलते की जा रही शिकायत : कुलदीप

सरपंच प्रतिनिधि कुलदीप का कहना है कि मनरेगा में कोई गड़बड़ी नहीं की गई। पंचायती चुनाव नजदीक है इसलिए पार्टीबाजी के चलते शिकायतबाजी की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऑनलाइन रिकॉर्ड देखते हैं लेकिन मनरेगा के तहत गांव से बाहर बुढनपुर आदि जगहों पर भी मनरेगा के तहत काम हुआ है। उन्होंने कहा कि इसकी प्रशासन जांच कर रहा है और ग्राम पंचायत जांच के लिए तैयार है। गांव में जांच अधिकारी आया था लेकिन कुछ ग्रामीणों ने उसकी बात नहीं सुनी। जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी। ग्राम सचिव ने गड़बड़ी से किया इन्कार

ग्राम सचिव श्रवण कुमार ने कहा कि मनरेगा रिकॉर्ड में कोई फर्जी नाम नहीं चढ़ाए गए, जिन्होंने मनरेगा में काम किया है सिर्फ उन्हीं लोगों के नाम रिकॉर्ड में दर्ज हैं। कुछ मनरेगा मजदूरों ने गांव और कुछ ने गांव से बाहर साइट पर भी काम किया है। मनरेगा का सारा काम ऑनलाइन है। ग्रामीणों को कोई गलतफहमी हुई है। उन्होंने मनरेगा में कोई भी गड़बड़ी से इंकार किया। दोनों पक्षों से की जाएगी बातचीत : एबीपीओ

एबीपीओ गोविद का कहना है कि कुछ ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों को मनरेगा में धांधली की शिकायत की थी, वह पटहेड़ा गांव में शिकायतकर्ताओं के ब्यान लेने के लिए आए थे लेकिन शिकायतकर्ताओं ने वहां रिसीव करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि गांव से आने के बाद बीडीपीओ को रिपोर्ट कर दी है बाकी आगे दोनों पक्षों को बुलाया जाएगा और इसके बाद ही सच्चाई का पता चल पाएगा।

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