ट्रांसपोर्टरों को राहत, दो साल के लिए मिलेगा वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट

फ्लैग: रोड सेफ्टी विशेषज्ञ सरकार के इस निर्णय के पक्ष में नहीं, उनका मानना अनफिट वाहन सड़

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jan 2019 08:30 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jan 2019 01:50 AM (IST)
ट्रांसपोर्टरों को राहत, दो साल के लिए मिलेगा वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट
ट्रांसपोर्टरों को राहत, दो साल के लिए मिलेगा वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट

जागरण संवाददाता, करनाल

अब कॉमर्शियल वाहनों को एक नहीं दो साल का फिटनेस सर्टिफिकेट मिलेगा। वहीं नए व्यवसायिक वाहनों को आठ साल तक दो-दो साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा। केंद्र सरकार के निर्णय के अनुसार करनाल में आरटीए विभाग ने कार्य करना शुरू कर दिया है। सरकार का यह निर्णय ट्रांसपोर्टरों के लिए राहत भरा है, क्योंकि उन्हें वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के लिए हर साल विभाग के कार्यालय के चक्कर काटने से निजात मिली है। वहीं, रोड सेफ्टी विशेषज्ञ सरकार के इस निर्णय के पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि अब भी ज्यादतार हादसों का कारण अनफिट वाहन होते हैं। अब दो साल तक का समय मिलने से सड़क पर दौड़ने वाले अनफिट वाहनों की संख्या भी बढ़ेगी और हादसों में भी इजाफा होने की आशंका है। बॉडी तैयार वाहन पर पहले दो साल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं

अगर कोई कॉमर्शियल वाहन कंपनी की ओर से ही बॉडी तैयार कर दिया जा रहा हो तो उसे दो साल तक फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं लेना होगा। वहीं, अगर वाहन मालिक कंपनी से चैसी लेकर वाहन की बॉडी बाहर से बनाएगा तो उसे फिटनेस टेस्ट कराना पड़ेगा। इस तरह फिटनेस कराएंगे तो 10 वर्ष होगी वैधता

एक गाड़ी को कुल आठ साल तक दो-दो साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा। यहां आठवां साल खत्म होने से पहले अगर फिटनेस दोबारा कराया जाएगा तो वह दो साल के लिए वैध होगा, यानी गाड़ी 10 साल तक चलेगी। वहीं आठ साल की समय सीमा पूरी होने के बाद फिटनेस कराने पर एक साल का ही फिटनेस सर्टिफिकेट मिलेगा। यानि अगर आपकी गाड़ी को आठवां साल चल रहा है। अगर आपने फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर होने से पहले नया नहीं बनवाया तो एक साल के लिए नया फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होगा। हादसे में 40 फीसद वाहन होते हैं अनफिट

रोड सेफ्टी विशेषज्ञों का कहना है कि गाड़ी की फिटनेस सर्टिफिकेट की वैधता एक साल होनी चाहिए। सरकार ने इसे दो साल किया है तो एक साल बाद कम से कम फिटनेस जांच जरूर कराई जानी चाहिए। रोड सेफ्टी विशेषज्ञ एडवोकेट जो¨गद्र ने बताया कि ज्यादातर हादसों में 40 फीसद वाहन अनफिट पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह आंकड़ा रिसर्च में सामने आया है। वाहन अनफिट और ओवरलोड होने से हादसे बढ़ना तय

रोड सेफ्टी विशेषज्ञ एडवोकेट संदीप राणा और तेजपाल ने बताया कि यह बहुत अच्छा कदम नहीं है। कॉमर्शियल वाहन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है, इसलिए इसके खराब होने की संभावना भी ज्यादा होती है। पैसे बचाने के चक्कर में कई वाहन ओवरलोड भी चलते हैं। अगर अब लंबे समय तक इनकी फिटनेस नहीं होगी तो हादसे बढ़ना तय है, क्योंकि फिटनेस सर्टिफिकेट के बहाने कम से कम साल में एक बार वाहनों की जांच हो जाती थी। फोटो---21 नंबर है।

वर्जन-

दो वर्ष का फिटनेस सर्टिफिकेट देना शुरू : एडीसी

आरटीए सचिव और एडीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्णय के अनुसार कॉमर्शियल वाहनों को दो साल का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करना शुरू कर दिया है। सड़क पर दौड़ने वाले हर वाहन की फिटनेस होना जरूरी है। अनफिट दौड़ने वाले वाहनों को इंपाउंड करने की भी कार्रवाई की जाएगी। एनजीटी के निर्देशानुसार एनसीआर क्षेत्र में इन डीजल वाहनों को 10 साल तक ही चलने की इजाजत है।

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