एक साल से नागरिक अस्पताल में नहीं हुई एक भी आई सर्जरी, केसीजीएमसी में कर रहे रेफर

नागरिक अस्पताल में रोजाना महज 80 से सौ ओपीडी हो रही हैं। उसके लिए तीन नेत्र रोग विशेषज्ञों की टीम बैठा रखी है। इसके अलावा भी स्टाफ की नियुक्ति की हुई है, लेकिन एक साल से ऊपर का समय हो गया है, एक भी आइ सर्जरी यहां पर नहीं हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 01:40 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 01:40 AM (IST)
एक साल से नागरिक अस्पताल में नहीं हुई एक भी आई सर्जरी, केसीजीएमसी में कर रहे रेफर
एक साल से नागरिक अस्पताल में नहीं हुई एक भी आई सर्जरी, केसीजीएमसी में कर रहे रेफर

जागरण संवाददाता, करनाल : नागरिक अस्पताल में रोजाना महज 80 से सौ ओपीडी हो रही हैं। उसके लिए तीन नेत्र रोग विशेषज्ञों की टीम बैठा रखी है। इसके अलावा भी स्टाफ की नियुक्ति की हुई है, लेकिन एक साल से ऊपर का समय हो गया है, एक भी आइ सर्जरी यहां पर नहीं हुई है। ओपीडी के दौरान जांच में जिन मरीजों का आंखों का चेकअप होता है और उन्हें सर्जरी की जरूरत होती है, उनको कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया जा रहा है। इधर भारी-भरकम स्टाफ लेकिन सर्जरी की सुविधा नहीं है, उधर मेडिकल कॉलेज ओवरलोड है।

नागरिक अस्पताल से मरीज वहां चले जाते हैं, जिससे सर्जरी की वे¨टग एक माह से अधिक बढ़ गई है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि ऑपरेशन के लिए जिस मशीन की जरूरत होती है, वह मेडिकल कॉलेज को दी गई है, जिस कारण यह स्थिति बनी है। नागरिक अस्पताल में आइ सर्जरी की सुविधा शुरू करने के लिए नीलोखेड़ी से मशीन मंगवाई जानी है। बड़ा सवाल : एक साल से ज्यादा समय हो गया, अभी तक मशीन क्यों नही संभाली

कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज शिफ्ट होने के बाद नागरिक अस्पताल को दोबारा शुरू हुए एक साल से अधिक का समय हो गया। अस्पताल प्रबंधन तर्क दे रहा है कि उनकी मशीन केसीजीएमसी के पास गई है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या मशीन को संभालने के लिए एक साल का समय कम है।

आइ सर्जरी न होने पर पिछले दिनों डीजी हेल्थ ने लगाई भी झाड़

अस्पताल में आइ सर्जरी न होने पर डायरेक्टर जनरल हेल्थ ने पिछले दिनों पीएमओ को झाड़ लगाई थी। उसके बाद आश्वासन दिया गया था कि एक सप्ताह के अंदर व्यवस्था कराई जाएगी। आनन-फानन में नीलोखेड़ी में आइ सर्जरी के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीन को ढूंढ़ भी लिया। समय के साथ डीजी हेल्थ आदेश भी अधिकारियों की लापरवाही से नीचे दब गए। डीजी ने नेत्र रोग विभाग के सर्जन को मुख्यालय में भी बुलाया था, लेकिन उन्हें भेजा नहीं गया। अब नीलोखेड़ी से यह मशीन कब आएगी यह भी स्पष्ट नहीं है।

एक डॉक्टर कर सकता 80 तक की ओपीडी, तो दूसरे डॉक्टरों फ्री क्यों?

समाजसेवी संजय कुमार का कहना है कि नागरिक अस्पताल में औसत 80 ओपीडी होती हैं। यह व्यवस्था एक डॉक्टर भी संभाल सकता है, लेकिन यहां पर तो एक एसएमओ और दो नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। इसके अलावा एक ओपथॉमोलोजी एसिस्टेंट और अन्य स्टाफ है। जब यहां पर ऑपरेशन ही नहीं हो पा रहे हैं इस स्टाफ का क्या लाभ। वर्जन

नागरिक अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी पीयूष शर्मा ने कहा कि सर्जरी में इस्तेमाल होने वाली मशीन कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज गई हुई है। नीलोखेड़ी सब डिवीजनल अस्पताल में एक मशीन हमारे पास है, उसको लाया जाएगा। जल्द ही आई सर्जरी की सुविधा लोगों को दी जाएगी।

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