अब नेशनल हाइवे 44 पूरे देश के लिए बनेगा मॉडल, हादसों पर लगेगा अंकुश : डीजीपी

नेशनल हाइवे पर अब न केवल हादसों पर अंकुश लगेगा बल्कि यह देश का मॉडल हाइवे होगा। इसके लिए हरियाणा पुलिस ने पहल की है जिसके तहत ही सड़क सुरक्षा शिक्षा संस्थान नेशनल हाइवे अथारिटी व अन्य विभाग भी आगे आए है

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jan 2020 09:29 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jan 2020 09:29 AM (IST)
अब नेशनल हाइवे 44 पूरे देश के लिए बनेगा मॉडल, हादसों पर लगेगा अंकुश : डीजीपी
अब नेशनल हाइवे 44 पूरे देश के लिए बनेगा मॉडल, हादसों पर लगेगा अंकुश : डीजीपी

जागरण संवाददाता, करनाल : नेशनल हाइवे पर अब न केवल हादसों पर अंकुश लगेगा बल्कि यह देश का मॉडल हाइवे होगा। इसके लिए हरियाणा पुलिस ने पहल की है, जिसके तहत ही सड़क सुरक्षा शिक्षा संस्थान, नेशनल हाइवे अथारिटी व अन्य विभाग भी आगे आए है। बुधवार को डीजीपी मनोज यादव की अध्यक्षता में इस संबंध में पुलिस अकादमी मधुबन में उक्त सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की अहम बैठक हुई, जिसमें हरियाणा पुलिस का आइआरटीई के साथ समझौता भी हुआ, जिस पर हस्ताक्षर भी किए गए। इस दौरान आइआरटीई ने नेशनल हाइवे 44 के हरियाणा में आने वाले 187 किलोमीटर क्षेत्र का सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में सड़क सुरक्षा सप्ताह के उपलक्ष्य में कुंडली (सोनीपत) से शंभू बॉर्डर (अंबाला) तक हादसों को कम करने के लिए बड़ी पहल की शुरूआत की गई है। डीजीपी ने कहा कि एनएच-44 को सुरक्षा के दृष्टिकोण से विश्व स्तर का मॉडल राजमार्ग बनाना है। डीजीपी ने कहा कि आइआरटीई सुरक्षा आडिट तैयार करने के साथ-साथ सड़क इंजीनियरिग सुधार से संबधित गति सीमा निर्धारण, रोड मार्किंग और रोड साइनेज सहित सभी कार्यों का बेहतर क्रियान्वयन तथा सड़क उपयोगकर्ताओं की सभी श्रेणियों का जागरूकता के माध्यम से ध्यान केंद्रित कर दुर्घटना की रोकथाम के लिए एक विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करेगा। बैठक में लोगों की सुरक्षा, सड़क पर लोगों का व्यवहार, गलत ओवर टेकिग, ब्लैक स्पोट की पहचान, वैज्ञानिक निर्माण दृष्टिकोण, प्रवर्तन उपायों को तेज करना, सड़क के ठेकेदारों, सलाहकारों की गलत सड़क डिजाइन के लिए जवाबदेही तय करना जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार किया गया। बैठक में डीजीपी ने बताया कि पुलिस और अन्य एजेंसियों के सामने सबसे महत्वपूर्ण और सबसे बेहतर कार्य ट्रैफिक जागरूकता और ट्रैफिक प्रवर्तन को इस ढंग से लागू करना है जिससे सड़क दुर्घटनाओं में जीवन हानी बचाई जा सके। पुलिस विभाग एनएचएआइ और परिवहन विभाग की सहायता से आइआरटीई द्वारा की जा रही सड़क सुरक्षा ऑडिट से निकलने वाली सिफारिशों को लागू करने के लिए काम करेगा। बॉक्स

2018 में हुई देश में सबसे अधिक दुर्घटना, 743 की हुई मौत

आईआरटीइ के डॉ रोहित बलुजा ने बताया कि एनएच-44 के इस हिस्से में साल 2018 में 743 मृत्यु दर्ज हुईं, जो इसे भारत में सबसे अधिक दुर्घटना वाला राजमार्ग बनाता है। वास्तव में एक वर्ष में इन सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या पूरे नीदरलैंड में और यहां तक कि संयुक्त अरब अमीरात में हर साल मरने वाले व्यक्तियों की संख्या से अधिक है। इन लोगों में से जिन लोगों की जान चली गई, वे पैदल यात्री, साइकिल चालक और दो पहिया वाहन चालक हैं। बॉक्स

स्थापित होगा स्पीड रडार व कैमरे का नेटवर्क

डीजीपी नेकहा कि एनएच-44 पर स्पीड रडार, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर्स और कैमरे का एक नेटवर्क स्थापित किया जाएगा, जो खतरनाक ड्राइविग करने वालों सहित ओवरस्पीड और असुरक्षित लेन में चलने वालों पर अंकुश लगाने के लिए एक केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष से जुड़ा होगा। बॉक्स

हर माह अकादमी में 50 पुलिस कर्मियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण को सड़क सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू बताते हुए डीजीपी ने कहा कि अकादमी द्वारा प्रत्येक माह 50 पुलिस कर्मियों को सड़क सुरक्षा और क्रैश जांच संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में आईआरटीई संस्थान की टीम से भी सहयोग देने का आग्रह किया। वहीं हरियाणा, पंजाब व हिमाचल रोडवेज, सीटीयू और 20 से अधिक परिवहन कंपनियों के सहयोग से एक योजनाबद्ध और समन्वित जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा, सभी अनाधिकृत कट बंद किए जाएंगे। उचित जगहों पर फुट ओवर ब्रिज भी बनाए जाएंगे। बॉक्स

पहले 10 किलोमीटर में होगा पायलेट प्रोजेक्ट

इस पहल को अगले दो महीनों के भीतर एनएच-44 के पहले 10 किलोमीटर पर कुंडली से राई तक एक पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में शुरू किया जाएगा और बाद में इसे पूरे एनएच 44 तक बढ़ाया जाएगा। बॉक्स

ये रहे बैठक में मौजूद

बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक, लोक निर्माण विभाग व परिवहन विभाग के अधिकारियों सहित सड़क सुरक्षा शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) फरीदाबाद के डॉ रोहित बलुजा व अन्य सड़क सुरक्षा इंजीनियरों के अलावा बैठक में अंबाला, करनाल और रोहतक रेंज के रेंज आईजी, व संबंधित जिलों के एसपी ने भी शिरकत की।

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