पहले शराब पी, चार किलोमीटर दूर गाड़ी खड़ी कर आए थे मंदिर

छहमार गैंग के बदमाश पिकअप गाड़ी में आए थे। मंदिर से उत्तर प्रदेश का बॉर्डर 500 मीटर दूर है। घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर उप्र में गाड़ी खड़ी की। पहले शराब पी। इसके बाद खेतों के रास्ते मंदिर तक पहुंचे। वहीं आस-पास खड़े पेड़ों से डंडे तोड़कर नशे की हालत में अंदर घुसे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 02:25 AM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 02:25 AM (IST)
पहले शराब पी, चार किलोमीटर दूर गाड़ी खड़ी कर आए थे मंदिर
पहले शराब पी, चार किलोमीटर दूर गाड़ी खड़ी कर आए थे मंदिर

जागरण संवाददाता, करनाल : छहमार गैंग के बदमाश पिकअप गाड़ी में आए थे। मंदिर से उत्तर प्रदेश का बॉर्डर 500 मीटर दूर है। घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर उप्र में गाड़ी खड़ी की। पहले शराब पी। इसके बाद खेतों के रास्ते मंदिर तक पहुंचे। वहीं आस-पास खड़े पेड़ों से डंडे तोड़कर नशे की हालत में अंदर घुसे। मंदिर में कैथल जिले के बधनारा निवासी विनोद (32), र¨वद्र बंबरेहड़ी (31), अजय शर्मा संगोही सो रहे थे। पीछे गोशाला में श्रमिक सुलतान ¨सह (52) व सेवादार हर¨जद्र ¨सह लेटे थे। हमले से पहले पांचों के हाथ-पांव बांधे गए। नींद में किसी को इसकी भनक नहीं लगी। इसके बाद बदमाशों ने डंडों से सिर पर ताबड़तोड़ वार किए। आखिर में मंदिर का कैश, पुजारियों के पैसे व अन्य सामान लूटने के बाद के बाद खेतों के रास्ते पैदल ही गाड़ी तक पहुंचे और फरार हो गए थे। बदमाशों का कहना है कि उन्होंने सिर पर केवल दो-दो वार किए थे लेकिन शव व घायलों की स्थिति से साफ था कि उन पर लगातार वार किए थे।

सवाल जो हर किसी के जहन में हैं

1. पैदल गए थे तो डॉग स्क्वायड नाकाम क्यों

पुलिस के अनुसार बदमाश करीब चार किलोमीटर पैदल गाड़ी तक गए। सवाल उठता है कि यदि वह पैदल गए थे तो पुलिस के डॉग स्क्वायड नाकाम क्यों रहे। 19 अगस्त को एक्सपर्ट कुत्ते मंदिर से कुछ दूर जाकर वापस लौट आए थे जबकि उन्हें कम से कम गाड़ी के स्थान तक तो जाना ही चाहिए था।

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2. चंद रुपयों के लिए चार की हत्या

मंदिर के संचालक सुनील शास्त्री के अनुसार गल्ले में 700 से एक हजार रुपये से अधिक नहीं होंगे। तो क्या केवल इतनी राशि के लिए बदमाशों ने मंदिर पर हमला कर चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया। पुजारियों के पैसे भी मिला दिए जाएं तो पांच हजार से अधिक राशि नहीं होगी। पुलिस के अनुसार ऐसे गिरोह के लिए पैसे अधिक मायने नहीं रखते। इधर, सबूत जुटाने के बाद एफएसएल के सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर कृष्ण कुमार ने प्रथम दृष्टया इसे लूटपाट के लिए हत्या ही बताया था। शुरुआत में अरुण व उसके साथियों पर दर्ज हुआ था केस

19 अगस्त को घायल सेवादार हर¨जद्र ने बताया था कि कुछ दिन पहले उसका अरुण से झगड़ा हुआ था। उसने ही साथियों के साथ हमला किया है। संगोही निवासी घायल अजय के बड़े भाई लख¨वद्र ने इसी आधार पर मधुबन थाने में मंगलौरा के अरुण उर्फ गंजा व उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पुलिस के अनुसार वह फरार था। बाद में उसे अवैध हथियार के साथ पकड़ा गया। मंगलवार को एसपी ने कहा कि अरुण से पूछताछ में उसकी भूमिका सामने नहीं आई है। इसलिए अब उसका पोलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा। पुलिस ने गांव के 10-12 अन्य लोगों से भी पूछताछ की थी।

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