कंडम वाहन भी बढ़ते प्रदूषण का कारण

एनसीआर में शामिल करनाल का प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नियमों की सख्ताई से पालना नहीं होने के कारण पुराने वाहन धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ रहे हैं। नियम अनुसार एनसीआर क्षेत्र में 15 साल से पुराने पेट्रोल और 10 साल से पुराने डीजल वाहन नहीं चल सकते।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Nov 2019 09:40 AM (IST) Updated:Sat, 02 Nov 2019 09:40 AM (IST)
कंडम वाहन भी बढ़ते प्रदूषण का कारण
कंडम वाहन भी बढ़ते प्रदूषण का कारण

जागरण संवाददाता, करनाल : एनसीआर में शामिल करनाल का प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नियमों की सख्ताई से पालना नहीं होने के कारण पुराने वाहन धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ रहे हैं। नियम अनुसार एनसीआर क्षेत्र में 15 साल से पुराने पेट्रोल और 10 साल से पुराने डीजल वाहन नहीं चल सकते। यदि इस तरह के वाहन चलते हैं तो उन्हें तुरंत पकड़ने का प्रावधान है। लेकिन नियमों के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जाने की वजह से करनाल जिले में ऐसे करीब 30 हजार वाहन चल रहे हैं। इनमें कार, थ्री-व्हीलर, ट्रक व जीप सहित अन्य वाहन शामिल हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ा रहा चिता

करनाल में एयर क्वालिटी इंडेक्स चिता बढ़ा रहा है। करनाल में इंडेक्स का स्तर 300 तक पहुंच गया है। इसमें भी शुक्रवार को पीएम 2.4 का स्तर 193 और पीएम 10 का स्तर 143 तक पहुंच गया। जाहिर तौर पर करनाल में वाहनों का प्रदूषण भी एयर क्वालिटी इंडेक्स को पूरी तरह से प्रभावित कर रहा है। लिहाजा स्मॉग का असर भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कंडम वाहनों से जो कार्बन मोनो ऑक्साइड निकल रही है, वह 300 पीपीएम (पा‌र्ट्स पर मिलियन) तक मापी जा चुकी है। जबकि 120 पीपीएम से अधिक कार्बन मोनो ऑक्साइड मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। 10 और 15 साल पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रोका गया

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेशों का हवाला देते प्रशासन ने चेतावनी दी हुई है कि यदि एनसीआर में पेट्रोल का 15 साल पुराना वाहन और डीजल का 10 साल पुराना वाहन चेकिग में पकड़ा गया तो वह जब्त किया जाएगा। इसके बाद छूटने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके साथ ही इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी रोक दिया गया है। नियमों के दायरे में आने वाले 1 लाख के करीब पेट्रोल वाहन और 10 हजार के करीब डीजल वाहन अपनी मियाद पूरी कर चुके हैं। प्रशासन को नहीं है प्रदूषण को लेकर चिता

पर्यावरण संरक्षण पर काम करने वाली संस्था आकृति के अध्यक्ष अनुज सैनी ने कहा कि प्रशासन को प्रदूषण को लेकर चिता नहीं है। करनाल का एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार खतरे के निशान को पार कर रहा है। बावजूद इसके प्रशासन जहरीली गैस छोड़ने वाले कंडम वाहनों पर लगाम कसने के लिए कोई विशेष अभियान नहीं चला रहा है। लगातार कर रहे हैं चेकिग, प्रदूषण कंट्रोल सेंटर पर भी जांच की जा रही है : एडीसी

एडीसी कम आरटीए अनीश यादव ने कहा कि एनसीआर के तहत लागू होने वाले नियमों की पालना की जा रही है। इसके लिए लगातार वाहनों की चेकिग भी कर रहे हैं और इसके साथ ही प्रदूषण कंट्रोल सेंटर पर भी जांच की जा रही है। नियमों को लेकर पूरी गंभीरता बरती जा रही है।

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