पाठशाला में बच्चों को दी संस्कारवान बनने की सीख

प्रिसिपल मनोज गौतम ने बच्चों को दैनिक जागरण में छपी कहानी पढ़कर सुनाने के साथ ही इसके वास्तविक उद्देश्य को भी समझाया। विद्यार्थियों से संस्कारशाला में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने को कहानी में छपे प्रश्न भी पूछे गए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Sep 2019 06:42 AM (IST) Updated:Wed, 25 Sep 2019 06:42 AM (IST)
पाठशाला में बच्चों को दी संस्कारवान बनने की सीख
पाठशाला में बच्चों को दी संस्कारवान बनने की सीख

जागरण संवाददाता, करनाल : एंथम इंटरनेशनल स्कूल निगदू में दैनिक जागरण की संस्कारशाला की पाठशाला में बच्चों को संस्कारवान की सीख दी गई। शिक्षकों ने बच्चों को नैतिक शिक्षा को आत्मसात करने पर जोर दिया। बच्चों ने भी संस्कारों को जीवन में धारण करने का संकल्प लिया। शिक्षकों ने बच्चों को संस्कारशाला के उद्देश्य व महत्व के बारे में भी जानकारी दी।

प्रिसिपल मनोज गौतम ने बच्चों को दैनिक जागरण में छपी कहानी पढ़कर सुनाने के साथ ही इसके वास्तविक उद्देश्य को भी समझाया। विद्यार्थियों से संस्कारशाला में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने को कहानी में छपे प्रश्न भी पूछे गए। कहानी को ध्यान से सुन और समझ रहे विद्यार्थियों में प्रश्नों का जवाब देने के लिए उत्साह नजर आया। कई मौके ऐसे रहे कि स्टोरी रीडर के सवाल पूरा पूछने के साथ ही एक साथ कई छात्र जवाब देने के लिए आगे आ गए। कहानी से मिली सीख के बारे में बताने के लिए कहा गया तो इसके लिए छात्रों में होड़ मच गई।

प्रिसिपल ने कहा कि हमें अपना अधिक से अधिक समय अपने अभिभावकों और परिवार के बुजुर्गो के साथ गुजारना चाहिए। ताकि उनसे अच्छी बातें सीखने का मौका मिल सके। इसके साथ ही पशु पक्षियों के प्रति भी प्रेमभाव रखना चाहिए। आगे से वह सुबह उठकर अपनी छत पर पक्षियों के लिए दाना और पानी रखें।

उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन ने लोगों के काम को आसान किया है, लेकिन अपनों से दूर कर दिया है। डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ काम तक सीमित होना चाहिए। इसके बाद का समय हमें अपने परिजनों के साथ बिताना चाहिए, जिससे रिश्तों में दूरी नहीं आए। स्कूल की निदेशक वीना खेतरपाल ने दैनिक जागरण की इस मुहिम को साधुवाद दिया। इस दौरान शिक्षक सतीश राणा, नवनीत, उदय, प्रीति, पूनम, नीरू, ऊषा, सीमा, कविता, रेखा, रणजीत, राकेश, गुरदीप व संध्या मौजूद रही।

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