अनाज मंडी में मूलभूत सुविधाओं का टोटा

By Edited By: Publish:Wed, 16 Apr 2014 07:20 PM (IST) Updated:Wed, 16 Apr 2014 07:20 PM (IST)
अनाज मंडी में मूलभूत सुविधाओं का टोटा

किसानों व आढ़तियों को परेशानी

संवाद सूत्र, निगदू : अनाज मंडी में गेहूं की आवक जोरों पर है, लेकिन मार्केट कमेटी की ओर से अब तक मंडी में मूलभूत सुविधाओं को पूरा नहीं किया गया। इस कारण किसानों व आढ़तियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। फसल सीजन में किसानों से लाखों रुपये कमेटी फीस के रूप में वसूल किए जाते हैं। लेकिन इसके बदले सुविधा के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। मंडी में बिजली, पानी, शौचालय व सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं दिखाई नहीं देती। हालांकि प्रदेश सरकार फसल सीजन के समय मंडी में 24 घंटे बिजली व मूलभूत सुविधाएं देने के दावे करती है। लेकिन धरातल पर स्थिति दयनीय हो चुकी है। बिजली निगम व मंडी बोर्ड के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। व्यापारी अपने स्तर पर किसानों की सुविधा के लिए मूलभूत सुविधाओं का इंतजाम करने को मजबूर हैं। व्यापारी गेहूं की खरीद के साथ-साथ पैसों का लेनदेन भी करते हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षा रामभरोसे है। पुलिस प्रशासन को व्यापारियों की सुरक्षा के लिए मंडी में पुलिस गश्त बढ़ानी चाहिए।

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पेयजल की सुविधा नहीं

मदनलाल शर्मा ने कहा कि अनाज मंडी में किसानों, मजदूरों व आढ़तियों के लिए पेयजल की व्यवस्था भी नहीं की गई है। कमेटी की ओर से पेयजल की सुविधा के लिए लगाया गया फ्रीजर बिजली नहीं होने से ठप है। मार्केट कमेटी की ओर से मंडी में पेयजल व्यवस्था जल्द ही की जानी चाहिए।

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मंडी की सड़कें टूटी

महिंद्र सिंह ने कहा कि मंडी की सड़के टूटी हुई हैं। इस कारण किसान अपना अनाज मंडी में सुरक्षित नहीं ला सकता। फसल सीजन में किसानों से मार्केट फीस के रूप में लाखों रुपये वसूल किए जाते हैं, लेकिन इसके बदले सुविधा नाममात्र की दी जाती है।

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बिजली भी नहीं व्यवस्था

किसान प्रवीन कुमार ने कहा कि मंडी में बिजली की सुविधा नाममात्र की है। प्रदेश सरकार फसल सीजन के समय मंडी में 24 घंटे बिजली देने के दावे करती है, लेकिन धरातल पर स्थिति दयनीय बनी हुई है। बिजली निगम की ओर से मंडी में दस घंटे बिजली दी जाती है। जबकि गेहूं की सफाई के लिए हर समय बिजली की आवश्यकता रहती है। बिजली नहीं होने से आढ़ती किसानों से गेहूं की फसल में पंखा लगाने के चार रुपये प्रति क्विंटल लेते हैं।

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अधिकांश शौचालय रहते बंद

रामदिया ने कहा कि मंडी में 145 दुकानें व करीब 1500 मजदूर कार्यरत हैं, लेकिन इनकी सुविधा के लिए शौचालय पर्याप्त नहीं। मंडी में चार शौचालय हैं जो अधिकांश समय बंद रहते हैं। खुले में शौच जाने से डायरिया व चेचक जैसी भयंकर बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है। मंडी बोर्ड की ओर से मजदूरों, किसानों व आढ़तियों के लिए स्थायी या अस्थायी शौचालय व स्नान घर की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।

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विश्राम ग्रह में लेटते हैं मंडी कर्मचारी

किसान रमेश कुमार ने कहा कि मंडी में किसानों की सुविधा के लिए बने विश्राम ग्रह मंडी कर्मचारी आराम फरमाते हैं। किसान खुले आसमान के नीचे रात बीताने को मजबूर हैं। प्रशासन की ओर से किसानों की सुविधा के लिए विश्राम ग्रह की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

जल्द होंगी मूलभूत सुविधाएं पूरी

मंडी एसोसिएशन के प्रधान नरेश सागवाल ने कहा कि जिला प्रशासन से जनहित को देखते हुए बिजली व सुरक्षा के लिए शीघ्र कदम उठाने की माग है। मंडी में पानी की व्यवस्था दुरूस्त है। बिजली के जाने पर जनरेटर चला दिया जाता है। मंडी की समस्याओं को दुरुस्त करने काम किया जा रहा है।

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