लॉक डाउन तोड़ रहे लोगों के काटे चालान

महामारी के इस संकट के दौर में जहां पूरा देश घरों में बंद है और कई राज्यों में तो क‌र्फ्यू तक लगाया गया है ऐसे में कुछ लोग इस लॉक डाउन को विफल करने पर उतारू हैं। कुछ लोग हैं जो सरकार के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2020 09:28 AM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2020 09:28 AM (IST)
लॉक डाउन तोड़ रहे लोगों के काटे चालान
लॉक डाउन तोड़ रहे लोगों के काटे चालान

संवाद सहयोगी, सीवन : महामारी के इस संकट के दौर में जहां पूरा देश घरों में बंद है और कई राज्यों में तो क‌र्फ्यू तक लगाया गया है ऐसे में कुछ लोग इस लॉक डाउन को विफल करने पर उतारू हैं। कुछ लोग हैं जो सरकार के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों के कारण महामारी अपने पांव पसार रही है। यह लोग अपनी और अपने परिवार की जान को तो जोखिम में डाल रहे हैं साथ ही अपने आस पास के लोगों के लिए भी खतरा बढ़ा रहे हैं। थाना प्रभारी जयवीर ने बताया कि ऐसे लोगों को रोकने के लिए सीवन पुलिस में चालान काटने का अभियान आरंभ किया है। जो भी लोग बिना कारण के सड़कों पर वाहन दौड़ा रहे हैं उन लोगों के चालान किए जा रहे हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि यदि किसी को बहुत आवश्यक कार्य है जोकि टाला नहीं जा सकता है उसके लिए घर में से केवल एक व्यक्ति बाहर निकल सकता है, लेकिन यदि कोई बिना किसी कारण के घरों से बाहर घूमता मिलता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। --------- लोगों की सेवा में जुटी सामाजिक संस्थाएं

संस, सीवन : लॉक डाउन की इस मुश्किल घड़ी में जब जरूरत मंद लोगों के पास कोई काम नहीं हैं और सभी लोग अपने अपने घरों में बंद हैं। बहुत से लोगों के पास खाने तक का कोई सामान नहीं बचा है। ऐसे में बहुत सी सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाएं और समाज सेवी लोग अपने कर्तव्यों को निभा रहे हैं। इसी कड़ी में डेरा थली वाला गुरुद्वारा ने नगर में जरूरतमंद लोगों के लिए लंगर लगाया। सेवादारों ने बताया कि इस संकट की घड़ी में यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम सभी की सहायता करें। यदि हम मिल कर काम करेंगे और अपनी जिम्मेदारी को पूर्ण रूप से निभाएं। गेहूं की फसल पककर तैयार, किसानों की बढ़ी चिता

सीवन : गेहूं की फसल तैयार होने को है। गेहूं की बालियां सुनहरी मारने लगी हैं, लेकिन महामारी के संकट के चलते पूरे देश में लॉक डाउन किया गया है। ऐसे में अब जब किसानों की छह माह की कमाई खेतों में तैयार है और फसल कटाई और बिकने का कोई जरिया नजर नहीं आ रहा है तो किसानों के माथे पर चिता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। इस बार बाहर से प्रवासी मजदूर भी कटाई के लिए नहीं आएंगे और कंबाइन मशीनें भी गेहूं कटाई के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि गई हुई हैं तो किसानों को फसलों की कटाई की चिता सता रही है। किसानों को चिता है की उनकी फसल किस प्रकार से कटेगी और किस प्रकार से मंडी में पहुंचेगी। गेहूं के साथ साथ बूटी की फसल भी तैयार हो चुकी है। उसकी भी कटाई का समय आ गया है। सीवन व आस पास के क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ में बूटी की फसल बोई जाती है और ऐसे में बूटी की फसल की कटाई पर भी संकट के बादल छाए हैं। पूर्व चेयरमैन पैक्स बलविद्र सिंह उमेदपुर ने बताया कि पहले तो एक अप्रैल से गेहूं की कटाई आरंभ हो जाती थी लेकिन इस बार नमी अधिक होने के कारण कटाई कुछ दिन देरी से आरंभ होने की उम्मीद है। -----------

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