आढ़त और मजदूरी का दस करोड़ नहीं मिलने से आढ़तियों में रोष
सरकार की खरीद एजेंसी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा चीका अनाज मंडी के आढ़तियों का धान के सीजन का आढ़त व मजदूरी का लगभग दस करोड़ रुपए का भुगतान ना करने से खफा आढ़तियों ने बृहस्पतिवार मार्केट कमेटी चीका के कार्यालय के समक्ष दो दिवसीय धरना शुरू किया।
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका :
सरकार की खरीद एजेंसी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा चीका अनाज मंडी के आढ़तियों का धान के सीजन का आढ़त व मजदूरी का लगभग दस करोड़ रुपए का भुगतान ना करने से खफा आढ़तियों ने बृहस्पतिवार मार्केट कमेटी चीका के कार्यालय के समक्ष दो दिवसीय धरना शुरू किया। धरने की अगुवाई मंडी एसोसिएशन के प्रधान जयपाल गर्ग व आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान जय भगवान गोयल उर्फ ज्ञान गोयल की। अपने संयुक्त ब्यान में प्रधान जयपाल गर्ग व ज्ञान गोयल ने बताया कि प्रदेश सरकार की खरीद एजेंसी डीएफएससी ने चीका अनाज मंडी से धान की खरीद की थी। उस खरीद का आढ़त व मजदूरी का लगभग 10 करोड़ रुपये का भुगतान आज तक नहीं किया गया है। आढ़तियों ने कहा कि मंडी में पैसा ना आने से हर तरफ मंदा की मार है। किसान अपनी फसलों के लिए आढ़तियों से पैसा मांगता है लेकिन आढ़ती के पास पैसा होता नहीं है। उन्होंने कहा कि मंडी में पैसा नहीं आने से बाजार में भी ठप होकर रह गए हैं। आढ़तियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 14 नवंबर को धान की खरीद बंद कर दी थी। खरीद बंद हुए को तीन महीने बीत गए हैं। आढ़ती तभी से एजेंसी से अपने पैसे की मांग करते आ रहे हैं लेकिन एजेंसी के अधिकारी हर बार ऊपर से पैसा नहीं आने की बात कह टाल देते हैं। मार्केट कमेटी के सचिव के कार्यालय में ना होने पर मंडी सुपरवाइजर रामफल नेहरा ने आढ़तियों से बात की और उनकी समस्या उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कह धरने को समाप्त करने का आढ़तियों को राजी किया। आढ़तियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अगले दो दिनों में उनका पैसा नहीं मिला तो वे फिर से अनिश्चित कालीन धरना शुरू करेंगे।
वर्जन : मांग को उच्च अधिकारियों को भेजा गया
डीएफएससी द्वारा खरीदे गए धान की आढ़त व मजदूरी का पैसा लेने के लिए धरने पर बैठे आढ़तियों से बात कर धरना समाप्त करवा दिया है। आढ़तियों की मांग को उच्च अधिकारियों को भेजा गया है। उच्च अधिकारियों से जैसे भी आदेश आएंगे आढ़तियों को अवगत करवा दिया जाएगा।
-रामफल नेहरा, मंडी सुपरवाइजर मार्केट कमेटी चीका।