सीवर के खुले पड़े मैनहोल बदबू से दुकानदार बेहाल

जींद रोड पुल के नीचे सीवरेज व्यवस्था बदहाल होने के कारण दुकानदारों को परेशानी उठानी पड़ रही है। ट्रक यूनियन के पास सीवरेज के दो मैनहोल बनाए गए हैं जो कि खुले पड़े हैं। दुकानदार कई बार इन मैनहोल को लेकर जन स्वास्थ्य विभाग के पास जा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। व्यवस्था बदहाल होने के कारण दुकानदार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Jun 2018 11:08 PM (IST) Updated:Sun, 03 Jun 2018 11:08 PM (IST)
सीवर के खुले पड़े मैनहोल  बदबू से दुकानदार बेहाल
सीवर के खुले पड़े मैनहोल बदबू से दुकानदार बेहाल

जागरण संवाददाता, कैथल : जींद रोड पुल के नीचे सीवरेज व्यवस्था बदहाल होने के कारण दुकानदारों को परेशानी उठानी पड़ रही है। ट्रक यूनियन के पास सीवरेज के दो मैनहोल बनाए गए हैं जो कि खुले पड़े हैं। दुकानदार कई बार इन मैनहोल को लेकर जन स्वास्थ्य विभाग के पास जा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

दुकानदार कमल, मोहन, राजेश, काला ने बताया कि दुकानों के पास ही सीवरेज बने हुए हैं, जिसे पूरी तरह से ढका नहीं गया है, जिस कारण हमेशा बदबू फैली रहती है। गंदा नाले का पानी सीधा सीवरेज में ही छोड़ दिया गया है, जिसके कारण रोजाना ही दूषित पानी सड़कों पर बहता रहता है। इनके आस-पास कॉलोनी भी बसी हुई है। कई बार छोटे बच्चे दुकान से सामान लेने के लिए आ जाते हैं। ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है, लेकिन विभाग कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। खुला पड़ा सीवरेज इतना गहरा है कि कोई छोटा पशु भी इसमें गिर सकता है। अगर यहां कोई हादसा हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। प्रशासन और विभाग को सीवरेज को लेकर गंभीर होने की जरूरत है।

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बरसात के मौसम में ज्यादा परेशानी :

दुकानदारों ने बताया कि बरसात का मौसम शुरू होने वाला है। सीवरेज को पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है। हल्की बरसात से ही गंदा पानी सड़कों पर जमा हो जाएगा। ऐसे में वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पानी निकासी का भी कोई प्रबंध नहीं है। जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कई-कई महीनों तक इसकी देखरेख नहीं करते, जिस कारण नियमित रूप से सीवरेज की सफाई भी नहीं हो पाती।

वर्जन

जींद रोड पुल के नीचे दो सीवरेज के मैनहोल पूरी तरह से ढके हुए नहीं है। उनको ठीक करवाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बोल चुके हैं। अब दोबारा से शिकायत दे दी जाएगी, ताकि उन्हें ठीक करवाया जा सके।

- नरेश कुमार, पार्षद।

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