अच्छे लोगों की निष्क्रियता से गर्त में जा रहा देश

फोटो- 41, 42, 43, 44 अच्छे लोगों की निष्क्रियता से गर्त में जा रहा देश फोटो नंबर : 43 स्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Dec 2017 07:47 PM (IST) Updated:Wed, 20 Dec 2017 07:47 PM (IST)
अच्छे लोगों की निष्क्रियता 
से गर्त में जा रहा देश
अच्छे लोगों की निष्क्रियता से गर्त में जा रहा देश

फोटो नंबर : 43

स्वामी विवेकानंद से प्रभावित डॉ. रामपाल मान कहना है कि देश की 65 प्रतिशत आबादी युवा है। इस आधार पर कहना गलत नहीं होगा कि देश की प्रगति काफी हद तक युवाओं पर ही निर्भर करती है, लेकिन क्या इस वर्ग को वे सुविधाएं मिल रही हैं, जिसके आधार पर वह सशक्त बनकर देश की प्रगति में अपनी भूमिका निभा सकता है। युवाओं का एक बड़ा वर्ग उसी वंचित समुदाय से है जो अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने को लेकर संघर्ष कर रहा है। जो शिक्षित युवा हैं उसके बारे में कॉरपोरेट जगत की अक्सर शिकायत रहती है कि उसे जो शिक्षा मिली है उसमें गुणवत्ता का अभाव है। आपराधिक घटनाओं में युवाओं की बढ़ती संलिप्तता पर अक्सर ¨चता जताई जाती है। कहा जा सकता है कि जिस वर्ग पर देश की तरक्की का सबसे अधिक भार है, वह आज कई समस्याओं का सामना कर रहा है। युवाओं को राह दिखाते हुए स्वामी विवेकानंद कहते थे कि कोई भी समाज अपराधियों की सक्रियता की वजह से गर्त में नहीं जाता, बल्कि अच्छे लोगों की निष्क्रियता इसका असली कारण है। इसलिए नायक बनो। हमेशा निडर रहो। यह डर ही है जो दुख लाता है और भय की वजह है अपने आसपास को नहीं समझना।

डॉ. मान कहना है स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को सफलता का सूत्र भी दिया है। युवा पीढ़ी को इस पर अमल करने की जरूरत है। विवेकानंद युवाओं को कहते थे कि कोई एक विचार को अपनी ¨जदगी बना लो। उसी के बारे में सोचो और सपने में भी वही देखो। सफलता का रास्ता यही है। जब तुम कोई काम कर रहे हो तो फिर किसी और चीज के बारे में मत सोचो। इस दुनिया में आए हो तो अपनी छाप छोड़कर जाओ। ऐसा नहीं किया तो फिर तुझ में और पेड़-पत्थरों में अंतर क्या रहा। वे भी पैदा होते हैं और नष्ट हो जाते हैं।

फोटो नंबर : 41 युवाओं को राजनीति में रखना होगा कदम

युवा नेता जसबीर गुज्जर कहते हैं कि देश को बदलने के लिए युवाओं को जिम्मेदारी लेनी होगी। युवा आज घर बैठे सोशल मीडिया पर तो खूब आवाज बुलंद कर रहा है। इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन देश को बदलने के लिए युवाओं को राजनीति में भी अपना कदम रखना होगा। देश के विकास के लिए सभी क्षेत्रों में तो युवा अपना योगदान दे रहे हैं, लेकिन राजनीति में युवा चेहरे बहुत कम हैं। देश में इस समय भ्रष्टाचार और बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है। दोनों ही समस्याओं को युवा कर सकते हैं। युवाओं में ज्यादा जोश होती है इसलिए युवा अधिक लगन और लंबे समय तक काम कर सकता है। युवाओं की सोच विकासशील होती है इसलिए विकास होगा यह तय है।

राकेश कुमार

फोटो नंबर : 44 युवाओं पर निर्भर करता देश का विकास

युवा शिक्षक राकेश कुमार का कहना है कि किसी भी देश का विकास उस देश के युवाओं पर निर्भर करता है। युवाओं को तैयार करने की जिम्मेदारी शिक्षकों की होती है। किसी भी देश का विकास उसकी शिक्षा नीति के इर्द गिर्द ही घूमता है। हमारे देश में आज भी हम अंग्रेजों की बनाई शिक्षा नीति पर ही अपने स्कूलों को चला रहे हैं। हमनें कभी भी इसको बदलने के लिए प्रयास नहीं किए। देश के विकास के लिए हमें अपनी शिक्षा नीति में बदलाव लाना ही होगा। शिक्षक चाहते हुए भी आज वैसा युवा तैयार नहीं कर पा रहा है जो करना चाहिए। सरकार को शिक्षा नीति में बदलाव करते हुए शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य करवाने बंद करने होंगे। साथ ही पाठ्यक्रम में बदलाव करने की जरूरत है। आज भी बहुत सी सामग्री ऐसी है जो बेवजह ही स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई जा रही है।

होशियार ¨सह गिल

फोटो नंबर : 42 किसी से नहीं छिपी है किसानों की दुर्दशा

युवा किसान नेता होशियार ¨सह गिल कहना है कि भले ही देश की 70 फीसदी आबादी अब भी गुजर-बसर के लिए कृषि पर निर्भर हो लेकिन किसानों की दुर्दशा किसी से छिपी हुई नहीं है। कहने को तो सरकार हर साल बजट में किसानों के कल्याण के लिए लंबे-चौड़े वादे करती है, लेकिन बड़ी-बड़ी योजनाओं और कर्ज माफी की घोषणाओं होने के बावजूद नियमित अंतराल पर आने वाली किसानों की आत्महत्या की खबरें बताती हैं कि जमीनी हाल जस का तस है।

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