लक्ष्मण के मूर्छित होने पर वानर सेना में छाया शोक

श्रीरामा भारतीय कला केंद्र के तत्वावधान में हुडा ग्राउंड में रामलीला का आयोजन।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 06:15 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 06:15 AM (IST)
लक्ष्मण के मूर्छित होने पर वानर सेना में छाया शोक
लक्ष्मण के मूर्छित होने पर वानर सेना में छाया शोक

संवाद सूत्र, नरवाना : श्रीरामा भारतीय कला केंद्र के तत्वावधान में हुडा ग्राउंड में चल रही रामलीला मंचन के सातवें दिन का शुभारंभ समाजसेवी रोशन लाल मित्तल, प्राचार्य संजय चौधरी व सुरेश कुमार ने रिबन काटकर किया। शुक्रवार रात को प्रसंगों में राम-सुग्रीव मित्रता, बाली-सुग्रीव युद्ध, सीता की खोज में हनुमान का लंका पहुंचना, अशोक वाटिका उजाड़ना, अक्षय कुमार वध व मेघनाद द्वारा हनुमान को बंदी बनाना, रावण-हनुमान संवाद, विभीषण की प्रताड़ना, लंका दहन, राम-विभीषण मित्रता, अंगद का रावण के दरबार में पांव जमाना, युद्ध का प्रारंभ, लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध, लक्ष्मण मूर्छा व हनुमान द्वारा हिमालय से संजीवनी बूटी लाना था। महाबली हनुमान समुद्र को लांघकर अशोक वाटिका पहुंचते है और सीता माता को राम द्वारा दी गई अंगूठी देकर कुशलता का समाचार देते हैं। इसके पश्चात मेघनाद भीषण युद्ध पश्चात हनुमान को बंदी बनाने में सफल हो जाता है। प्रसंगों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध रहा। दोनों ही महारथी हार मानने को तैयार नहीं थे और एक-दूसरे के अस्त्रों को काट रहे थे। अंत में मेघनाद ने ब्रह्मास्त्र द्वारा लक्ष्मण पर प्रहार किया और लक्ष्मण मूर्छित हो गिर पड़े। वानर पक्ष में शोक छा गया और श्रीराम नाना प्रकार से प्रलाप करने लगे। विभीषण के सुझाव पर वैद्य सुषेण को बुलाया गया तथा वैद्य ने सुबह तक संजीवनी बूटी लाने की बात कही। वीर हनुमान यह कार्य शिरोधार्य कर हिमालय से संजीवनी बूटी लाने में सफल होते हैं और वैद्य सुषेण के प्रयासों से लक्ष्मण के प्राण लौट आते हैं। यह दृश्य देखकर दर्शक भाव विह्ल हो उठते हैं और जय श्रीराम व जय हनुमान के नारों से पूरा पंडाल गुंजायमान हो उठता है।

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