मानसिक तनाव हावी न होने दें बच्चे : डॉ. भोला

निर्जन गांव स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग ने मेंटल हेल्थ कार्यक्रम के तहत शनिवार को व‌र्ल्ड सिजोफ्रेनिया-डे पर जागरूकता शिविर लगाया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 10:50 AM (IST) Updated:Mon, 27 May 2019 06:27 AM (IST)
मानसिक तनाव हावी न होने दें बच्चे : डॉ. भोला
मानसिक तनाव हावी न होने दें बच्चे : डॉ. भोला

जागरण संवाददाता, जींद : निर्जन गांव स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग ने मेंटल हेल्थ कार्यक्रम के तहत शनिवार को व‌र्ल्ड सिजोफ्रेनिया-डे पर जागरूकता शिविर लगाया। डिप्टी एमएस एवं नोडल अधिकारी मेंटल हेल्थ डॉ. राजेश भोला ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को मानसिक तनाव से दूर रहने के बारे में जानकारी दी।

डॉ. भोला ने कहा कि मानसिक परेशानी के संदर्भ में सबसे अहम बात यह है कि इनसे पीड़ित व्यक्ति को स्वयं इसके लक्षणों का आभास नहीं होता है। ऐसी स्थिति में परिवार वालों और दोस्तों की जिम्मेदारी बनती है कि अपने आसपास किसी में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो वे उसे क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट के पास ले जाएं। कुछ नया पाने और कुछ खो जाने का डर हमें अपने जीवन में तनाव और डिप्रेशन की तरफ ले जाता है, इसीलिए इससे बचने की कोशिश करें। इच्छाओं पर कंट्रोल करें। छात्रों को परीक्षा या किसी दूसरे काम को कभी भी मानसिक बोझ नहीं बनने देना चाहिए। इस मौके पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी हुई, जिसमें विजेता बच्चों को स्कूल बैग, रजिस्टर व पैन बांटे गए। कार्यक्रम में डॉ. प्रीति, रीना, राजरानी, अनिला, ऊषा, मुख्यध्यापिका संगीता मौजूद रही।

मानसिक बीमारी के लक्षण

मेंटल हेल्थ कम्युनिटी नर्स अश्विन ने बताया कि सिजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी में रोगी किसी वस्तु या व्यक्ति की अनुपस्थिति में भी उसे देखता है। गंध न होते हुए भी उसे महसूस करता है। किसी आवाज की अनुपस्थिति में भी उसे आवाज महसूस होती है। छात्र जीवन में बच्चों को हर तरह के मानसिक तनाव से दूर रहना चाहिए। तनाव दूर करने के लिए खेलों और मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। इस मौके पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी और शिक्षक उपस्थित रहे।

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