अधिकारियों ने बिना टेंडर वाल पें¨टग पर खर्चे 32 लाख, अब होगी विजिलेंस जांच

स्वच्छ भारत अभियान में जिले में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। डीआरडीए के अधिकारियों ने बिना टेंडर मांगे ही वाल पें¨टग के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर दिए। जिला समन्वय एवं निगरानी समिति में यह मामला उठा तो बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद रमेश कौशिक और उपायुक्त अमित खत्री ने विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Apr 2018 12:39 AM (IST) Updated:Fri, 27 Apr 2018 12:39 AM (IST)
अधिकारियों ने बिना टेंडर वाल पें¨टग पर खर्चे 32 लाख, अब होगी विजिलेंस जांच
अधिकारियों ने बिना टेंडर वाल पें¨टग पर खर्चे 32 लाख, अब होगी विजिलेंस जांच

जागरण संवाददाता, जींद : स्वच्छ भारत अभियान में जिले में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। डीआरडीए के अधिकारियों ने बिना टेंडर मांगे ही वाल पें¨टग के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर दिए। जिला समन्वय एवं निगरानी समिति में यह मामला उठा तो बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद रमेश कौशिक और उपायुक्त अमित खत्री ने विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए।

दरअसल, जिले के लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करने के लिए कई स्थानों पर डीआरडीए ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत दीवारों पर पें¨टग कराई थी। इसके लिए न तो टेंडर मांगे गए और न ही क्वोटेशन के लिए किसी अखबार में विज्ञापन दिया गया। अधिकारियों ने गड़बड़झाला कर हिसार की फर्म मै. महादुर्गा ट्रे¨डग कंपनी को ठेका दे दिया। इसी कंपनी को मनरेगा स्कीम के तहत भी ठेका दिया गया था। तत्कालीन उपायुक्त के आदेश पर उसी फर्म को मनरेगा की दर पर काम सौंप दिया, जबकि बिना टेंडर मांगे सरकारी पैसे खर्च नहीं किए जा सकते। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत जिले की सभी 301 ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक स्थानों स्कूल, चौपाल, आंगनबाड़ी केंद्रों और अस्पतालों में तीन जगह वाल पें¨टग कराई गई है। इसमें करीब 32 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। निगरानी समिति की मी¨टग में जुलाना के विधायक परमेंद्र ढुल ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि वाल पें¨टग के तहत बड़ा गडबड़झाला हुआ है। उन्होंने कहा कि इनेलो ने भी पूरे जिले में वाल पें¨टग कराई है और प्रशासन से ज्यादा संख्या में पें¨टग हुई है। इसके लिए पार्टी ने करीब पौने तीन लाख रुपये खर्च किए हैं। जुलाना हलके में भी 250 जगह वाल पें¨टग हुई है, जिस पर 35 हजार रुपये खर्च हुए हैं, जबकि डीआरडीए के अधिकारियों ने बिना टेंडर मांगे 32 लाख रुपये खर्च कर बड़ा घोटाला किया है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते सांसद ने इसकी विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए।

कार्यालय सहायक पद पर नौकरी देने की भी होगी जांच

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में चार साल बाद वे¨टग सूची के आधार पर कार्यालय सहायकों को नौकरी देने के कारनामे की भी विजिलेंस जांच होगी। मी¨टग में परमेंद्र ढुल ने कहा कि जींद के हरिनगर निवासी अभिषेक वर्मा को एडीसी ने कार्यालय सहायक के पद पर नौकरी के लिए उसके चयन को लेकर 15 फरवरी को पत्र लिखा और उसी दिन अभिषेक की ज्वाइ¨नग भी हो गई। कार्यालय सहायक पद के लिए 3 नवंबर, 2013 को विज्ञापन जारी हुआ था। इसके लिए 25 आवेदन मिले, जिनमें से 18 ने लिखित परीक्षा दी। उनमें से पांच का चयन हो गया। उनमें एक सुनील श्योकंद ने 12 फरवरी को नौकरी छोड़ दी। उसकी जगह पर चार साल पुरानी वे¨टग लिस्ट के आधार पर अभिषेक को नौकरी दे दी गई। बड़ौदी के सुरेश ने आरटीआइ से जानकारी मांगी तो बताया गया। इसके लिए कोई साक्षात्कार नहीं लिया गया। फिर वे¨टग लिस्ट कैसे तैयार हुई। चार साल बाद किस वे¨टग लिस्ट पर नौकरी दी गई।

दोषियों पर कार्रवाई होगी

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत बिना टेंडर मांगे वाल पें¨टग पर 32 लाख रुपये खर्च करने का मामला सामने आया है। इसकी विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।

अमित खत्री, उपायुक्त, जींद सब जगह हो रही लूट

अधिकारी मनमानी से काम कर रहे हैं। सभी विभागों में जमकर लूट मचाई जा रही है, लेकिन सरकार आंख मूंदें बैठी है। जनता की गाढ़ी कमाई को ठेकेदारों से मिलीभगत करके लूटा जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन का गड़बड़झाला इसका बड़ा प्रमाण है।

परमेंद्र ढुल, विधायक, जुलाना।

chat bot
आपका साथी