बिजली कटों ने बढ़ाई किसानों की समस्या, ¨सचाई का कार्य प्रभावित

जागरण संवाददाता, झज्जर : जिले में बिजली की व्यवस्था को दुरूस्त बनाने के लिए करोड़ों रुपये हर साल प

By Edited By: Publish:Thu, 08 Dec 2016 01:00 AM (IST) Updated:Thu, 08 Dec 2016 01:00 AM (IST)
बिजली कटों ने बढ़ाई किसानों की समस्या, ¨सचाई का कार्य प्रभावित

जागरण संवाददाता, झज्जर :

जिले में बिजली की व्यवस्था को दुरूस्त बनाने के लिए करोड़ों रुपये हर साल पानी की तरह बहाए जाते हैं। लेकिन व्यवस्था सुधार नहीं हो पा रहा है। झज्जर को 15 जुलाई 1997 को उपमंडल से जिले का दर्जा मिला था। उस समय भी झज्जर के लोग बिजली को लेकर तरस रहे थे और आज करीब 18 साल बाद भी जिले के लोगों को बिजली के लिए तरसना पड़ रहा है। लाइनों की जर्जर हालत किसी से छुपी नहीं है। क्योंकि इनके कारण लगने वाले कटों का सामना तो आम आदमी को ही करना पड़ता है। बिजली की लाइनें जर्जर होना बिजली आपूर्ति में सबसे बड़ी परेशानी है। जुगाड़ के सहारे बिजली की आपूर्ति हो रही है। खास कर कृषि क्षेत्र की बिजली आपूर्ति अधिक प्रभावित रहती है। जब भी कोई फाल्ट बिजली की लाइनों में आता है तो कृषि क्षेत्र की बजाई घरेलू क्षेत्र की लाइनों को ठीक करने को प्राथमिकता दी जाती है। कृषि क्षेत्र की लाइनों को उसके बाद ठीक किया जाता है। व्यवस्था को सुधारने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जाते हैं। लेकिन आज भी बिजली व्यवस्था जुगाड़ के सहारे ही चल रही है। कहीं बिजली आपूर्ति की लाइनों के तार कमजोर होकर बार-बार टूट रहे हैं तो कहीं बिजली की लाइन जुगाड़ कर तैयार किए गए खंभों के सहारे झूल रही हैं। जिले के अधिकांश पावर हाउसों की क्षमता भी बढ़ाई जा चुकी है। उसके बाद भी लोगों को बिजली कटों से निजात नहीं मिल रही है। इन दिनों किसानों ने अपनी फसलों की ¨सचाई का कार्य शुरू किया हुआ है। लेकिन समय पर बिजली आपूर्ति न मिलने से किसानों के खेतों की ¨सचाई का कार्य प्रभावित हो रहा है। किसानों को समय पर बिजली न मिलने से डीजल इंजनों का सहारा लेना पड़ रहा है।

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बिजली को लेकर जिले की स्थिति :

-जिला : झज्जर

शहर : तीन (झज्जर, बहादुरगढ़, बेरी)

जनसंख्या : करीब 10 लाख

शहरी क्षेत्र की जनसंख्या : करीब 2 लाख

ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या : करीब 8 लाख

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थमर्ल प्लांट : 2

बिजली उत्पादन की क्षमता :

1. इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर प्लांट 1500 मेगावाट।

2. महात्मा गांधी सुपर थर्मल पावर प्लांट 1320 मेगावाट।

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बिजली उपभोक्ता : करीब 2 लाख

-पावर हाउस कुल : 35

-220 केवी : 2

-132 केवी : 10

-33 केवी : 23

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बिजली वितरण का शेडयूल :

-शहरी घरेलू क्षेत्र : 24 घंटे

-औद्योगिक क्षेत्र : 24 घंटे

-ग्रामीण घरेलू क्षेत्र : 12 घंटे

कृषि क्षेत्र को : 8 घंटे

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जिले में कृषि के लिए कुल भूमि

-1 लाख 91 हजार हेक्टेयर

-कितनी भूमि में हो रही खेती :1 लाख 61 हजार हेक्टेयर भूमि

-किसान परिवार : 104070

- भूमि वाले किसान परिवार : 98910

-0से 1 हेक्टेयर भूमि वाले किसान : 28645

-1से 2 हेक्टेयर वाले किसान : 34465

-2से 4 हेक्टेयर वाले किसान : 24652

-4से 10 हेक्टेयर वाले किसान : 9546

-10 हेक्टेयर भूमि वाले किसान : 1602

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जिले की मुख्य फसलें

फसल एरिया हेक्टेयर में

धान 25 से 30 हजार

ज्वार 18 से 20 हजार

बाजरा 30 से 40 हजार

दलहन 5 से 6 हजार

गेहूं 1 लाख 5 हजार

सरसों 30 से 35 हजार

गुवार 10 से 15 हजार

जौ 10 से 20 हजार

गन्ना 8 से 10 हजार

सब्जियां 3 से 5 हजार

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जिले का ¨सचित एरिया

-कुल ¨सचित क्षेत्र : 1 लाख 5 हजार हेक्टेयर

-नहरी पानी पर आधारित : 39 हजार हेक्टेयर

-टयूबवेल पर आधारित क्षेत्र : 66 हजार हेक्टेयर

-बिना ¨सचाई वाला एरिया : 55 हजार हेक्टेयर

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जिले में नहरों की स्थिति

मुख्य नहर तीन : जवाहर लाल नेहरू कैनाल, झज्जर डिस्ट्रिब्यूटरी, एनसीआर चेनल

-कुल नहर व माइनर : 54

-जिले में टेल : 49

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कृषि क्षेत्र को बिजली पूरी आठ घंटे दी जाती है। लाइनों या ट्रांसफार्मर में कोई फाल्ट आ जाए तो पावर कट उसे ठीक करने के लिए मजबूरी के कारण लगाना पड़ता है। किसानों को ए व बी ग्रुपों के हिसाब से बिजली आपूर्ति दी जाती है।

-उमेद ¨सह, एसडीओ, बिजली निगम झज्जर।

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