विश्व साइकिल दिवस : साइकिल चला शुगर-बीपी कर रहे कंट्रोल, साहिल के पास कार से महंगी साइकिल

फिटनेस के प्रति संजीदा लोगों के साथ ही कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त लोग भी ग्रुप्स से जुड़ रहे हैं। साइकिल चलाकर शुगर ब्लड प्रेशर ओबेसियिटी जैसी बीमारियों को कंट्रोल कर रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 03 Jun 2020 02:56 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 02:56 PM (IST)
विश्व साइकिल दिवस : साइकिल चला शुगर-बीपी कर रहे कंट्रोल, साहिल के पास कार से महंगी साइकिल
विश्व साइकिल दिवस : साइकिल चला शुगर-बीपी कर रहे कंट्रोल, साहिल के पास कार से महंगी साइकिल

रोहतक [केएस मोबिन] साइकिलिंग का क्रेज दो-तीन सालों में बढ़ा है। रोहतक में दो बड़े बाइसाइकिलिंग ग्रुप बन गए हैं। फिटनेस के प्रति संजीदा लोगों के साथ ही कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त लोग भी ग्रुप्स से जुड़ रहे हैं। साइकिल चलाकर शुगर, ब्लड प्रेशर, ओबेसियिटी जैसी बीमारियों को कंट्रोल कर रहे हैं। सिर्फ फिटनेस ही नहीं सामाजिक मुद्दों के प्रति भी जागरुकता संदेश साइकिलिस्ट दे रहे हैं। 14 साल से 60 साल से ऊपर उम्र के लोग बाइसाइकिलिंग क्लब से जुड़ रहे हैं।

कोरोना संक्रमण काल में साइकिल की बिक्री भी बढ़ गई है। इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही आर्थिक तंगी के कारण भी ऐसा किया जा रहा है। हिसार रोड स्थित इंडस्ट्रियल क्षेत्र में स्थित कंपनियों के कर्मचारी बाइक-स्कूटर के बजाए साइकिल का इस्तेमाल आवागमन के लिए कर रहे हैं। शहर के रोहतक बाइसाइकिलिंग क्लब और इको राइडर्स क्लब से 400 से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। प्रत्येक मेंबर को क्लब के कोड ऑफ कंडक्ट को भी फोलो करना होता है। रोहतक बाइसाइकिलिंग क्लब के प्रधान प्रवीण गहलावत ने बताया कि डेढ़ साल पहले क्लब तीन-चार साथियों के साथ क्लब की शुरूआत की थी।

वर्तमान में 250 के करीब सदस्य जुड़े गए हैं। वहीं इको राइडर्स क्लब की शुरुआत नवंबर 2017 में हुई थी। क्लब की प्रवक्ता पुष्पा राणा ने बताया कि करीब 200 मेंबर एक्टिव हैं। दोनों ही क्लब की सदस्यता के लिए बेसिक इलिजिबिलिटी व कोड ऑफ कंडक्ट बनाया गया है। साइकिलिंग के समय हेलमेट पहनना, ग्रुप के साथ तालमेल व अन्य नियमों की पालना को अनिवार्य किया गया है। 

महीने में एक राइड सामाजिक मुद्दों को समर्पित

दोनों की क्लब महीने में पांच स्पेशल राइड का आयोजन करते हैं। जिनमें चार राइड फिटनेस के लिए व एक राइड किसी भी सामाजिक मुद्दे पर जागरुकता के लिए आयोजित की जाती है। रोजाना 15 से 20 किलोमीटर साइकिलिंग प्रत्येक मेंबर करता है।

साइकिलिंग से 440 शुगर को किया कंट्रोल

शहर की सेक्टर-4 निवासी 61 वर्षीय कमलेश राणा ने हाई डाइबिटिक मरीज थी। बेटी के प्रोत्साहन पर साइकिलिंग की शुरूआत की। कमलेश बताती हैं कि  दो-तीन सप्ताह बाद ही वह पूरी तरह से स्वस्थ महसूस करने लगी। पिछले एक साल से साइकिङ्क्षलग कर रही हैं। गत वर्ष 15 अगस्त को क्लब सदस्यों के साथ रोहतक से दिल्ली के इंडिया गेट तक साइकङ्क्षलग की। रोजाना 10 से 12 किलोमीटर साइकिल चलाती हैं। वर्तमान मेंइको राइडर्स क्लब की सदस्य हैं।

16 हजार किमी साइकिल चला चुके हैं साइकिल, पाकिस्तान बॉर्डर तक का सफर किया

स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ ऑफिस में एमपीएचडब्लयू मुकेश कुमार का कहना है कि उन्होंने साइकिलिंग से 26 किलो वजन कम किया है। 16 हजार से अधिक किलोमीटर साइकिल चला चुके हैं। नशा मुक्ति, मलेरिया व डेंगू के प्रति जागरुकता संदेश रोहतक से पाकिस्तान बॉर्डर केसरी ङ्क्षसहपुरा तक साइकिल पर सफर कर दिया।

कार से महंगी साइकिल चलाते हैं साहिल

रोहतक बाइसाइकिलिंग क्लब के सदस्य साहिल साहू एक सामान्य कार से महंगी साइकिल चलाते हैं। करीब साढ़े छह लाख की कीमत की टाइम ट्रायल बाइक उनके पास है। जोकि, बाइसाइकिङ्क्षलग स्पोर्टस एथलीट फिटनेस के लिए इस्तेमाल करते हैं। उनके अलावा प्रधान प्रवीण गहलावत भी महंगी साइकिल के शौकिन हैं। वह करीब डेढ़ लाख की रोड बाइक कैटेगरी की साइकिल चलाते हैं।

इन चार कैटेगरी की साइकिल का हो रहा इस्तेमाल

- रोड बाइक : रेसिंग पर्पज के लिए इन साइकिल का इस्तेमाल होता है। 40 हजार से दो लाख रुपये तक इन साइकिल की कीमत होती है।

- टाइम ट्रायल बाइक : फिटनेस राइड के लिए इन साइकिल का इस्तेमाल किया जाता है। करीब छह लाख से कीमत शुरू होती है।

- हाईब्रिड बाइक : साइकिलिंग के शौकिन ज्यादातर लोग हाईब्रिड बाइक चलाते हैं। 15 से 70 हजार रुपये तक साइकिल की कीमत होती है।

- एमटीबी : माउंटेन बाइक के नाम से ये साइकिल जानी जाती है। 15 से 70 हजार रुपये तक की इन साइकिल का इस्तेमाल ऑफ रोड के लिए किया जाता है। उबड़-खाबड़ सड़क, पहाड़ी इलाकों में यह साइकिल कारगर होती है।

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