निगम का नया नियम उम्मीदवारों की बढ़ाएगा मुश्किलें, हाउस टैक्स एनओसी में फंसेगा पेच

नगर निगम प्रशासन ने मेयर और पार्षद पद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को तंग करने का नया नियम निकाला है। यह नया नियम उम्मीदवारों के लिए परेशानी खड़ी करेगा।

By Edited By: Publish:Thu, 29 Nov 2018 10:31 AM (IST) Updated:Fri, 30 Nov 2018 10:56 AM (IST)
निगम का नया नियम उम्मीदवारों की बढ़ाएगा मुश्किलें, हाउस टैक्स एनओसी में फंसेगा पेच
निगम का नया नियम उम्मीदवारों की बढ़ाएगा मुश्किलें, हाउस टैक्स एनओसी में फंसेगा पेच

जेएनएन, हिसार : नगर निगम प्रशासन ने मेयर और पार्षद पद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को तंग करने का नया नियम निकाला है। यह नया नियम उम्मीदवारों के लिए परेशानी खड़ी करेगा। इस नियम के के अंतर्गत उम्मीदवार को अपना नया और पुराना प्रॉपर्टी टैक्स बिल लेकर आना होगा। यदि पुराना भरा हुआ प्रॉपर्टी टैक्स बिल उम्मीदवार नहीं लेकर आता है तो उसे एनओसी नहीं जारी की जाएगी।

ऐसी स्थिति में केवल मकान या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री ही उसको एनओसी दिलवा सकती है। अन्यथा निगम अधिकारियों की ओर से एनओसी जारी नहीं की जाएगी। हैरानी की बात यह है कि 70 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करने के बाद भी आज तक नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स का डाटा अपडेट नहीं हुआ है। डाटा अपडेट नहीं होने के कारण ही साल 2018- 2019 के प्रॉपर्टी टैक्स बिलों में एरियर जुड़कर आ रहा है।

इस कारण शहरवासी लंबे समय से परेशान हैं। अब उम्मीदवारों को परेशान करने की जिम्मेदारी निगम अधिकारियों ने उठा ली है। इसको लेकर विशेष आदेश निगम आयुक्त की ओर से जारी किए गए हैं। वहीं निगम सुपरिंटेंडेंट की ओर से सभी हाउस टैक्स कर्मचारियों की बैठक ली गई और उन्हें आदेशानुसार कार्रवाई करने को कहा।

अधिकारियों के तर्क
अधिकारियों का तर्क है कि साल 2012 में सर्वे हुआ था। उसके बाद या उसके पूर्व का प्रॉपर्टी टैक्स बिल बकाया है। उसे भरवाना अहम है। नई बनाई गई आइडी और पुरानी आइडी मेल नहीं खाती है। यह कई बार सामने आया है। ऐसे में किसी व्यक्ति का पुराना बिल बकाया है या नहीं। इसलिए पुराना बिल मांगा जा रहा है। यदि कोई बिल पें¨डग है तो उसे भरवाया जाए। एक बार एनओसी मिलने के बाद उपभोक्ता पुराने बिल का नहीं भरेगा। यदि किसी के पास पुराना भरा हुआ हाउस टैक्स बिल नहीं है तो वह अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री लेकर आ सकता है। उसके आधार पर पुराने बिल संबंधी पूरी डिटेल दे दी जाएगी।

अनसुलझे सवाल
पिछले तीन साल के बिल जब नियम रूप से कोई व्यक्ति भर रहा है तो एरियर कैसे रह गया। . साल 2012 से पहले का बिल अब क्यों देखे जा रहे हैं। जब कंपनी ने डाटा अपडेट कर दिया है।

प्रॉपर्टी टैक्स अपडेट को लेकर यह हुआ दो साल में काम
. जीआइएस कंपनी को 75 लाख रुपये का टेंडर दिया गया।
. जीआइएस ने डाटा अपडेट कर डिटेल निगम अधिकारियों को सौंप दी।
. पूर्व सचिव और क्लर्क ने पांच हजार प्रॉपर्टी जीरो करवा दीं।
. निगम के एक कर्मचारी ने जीएट तक गायब कर दी। जो आज तक नहीं मिली है।
. एक साल तक विभिन्न विभागों के 20 कर्मचारी हाउस टैक्स में डाटा अपडेट करने में लगे रहे।
. शहर की प्रॉपर्टी आइडी अपडेट की गई और मौका का निरीक्षण कर्मचारियों ने किया। इसके बावजूद प्रॉपर्टी बिल ठीक नहीं हुए।

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