हरियाणा के सरकारी स्कूलों 29 सितंबर से शुरू होंगी छमाही परीक्षा, बिना अध्यापकों के कैसे होगा सिलेबस पूरा

भिवानी जिले के लोहारू क्षेत्र के ऐसे कई स्कूल हैं जहां पर एक एक अध्यापक के भरोसे पूरा स्कूल चल रहा है। क्योंकि पढ़ाई के लिए सरकारी ने स्कूलों में अध्यापक नहीं है। अनेक विद्यालयों में बच्चे अपने भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Thu, 22 Sep 2022 03:16 PM (IST) Updated:Thu, 22 Sep 2022 03:16 PM (IST)
हरियाणा के सरकारी स्कूलों 29 सितंबर से शुरू होंगी छमाही परीक्षा, बिना अध्यापकों के कैसे होगा सिलेबस पूरा
हरियाणा के अधिकतर स्कूलों में लगे पड़े ताले।

मदन श्योराण, ढिगावा मंडी। हरियाणा सरकार भले ही शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए तमाम प्रयास कर रही हो, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी और सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। आपको बता दें कि विगत दो वर्षों से जहां समूचे देश प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते विद्यालय बंद थे। जिसके कारण स्कूल खुल नहीं पाए और जिसके कारण बच्चों के भविष्य पर काले बादल साफ तौर पर देखे गए हैं।

वहीं जब पढ़ाई को लेकर सरकार ने स्कूलों को शत प्रतिशत खोलकर पढ़ाई प्रारंभ की तो अनेक विद्यालयों में बच्चे अपने भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। क्योंकि कोरोना महामारी के बाद खुले इन स्कूलों में बच्चे अपनी शत-प्रतिशत उपस्थिति देकर अध्ययन कार्य में तो जुट गए हैं, लेकिन जब विद्यालय में उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक ही न मिले तो यहां शिक्षा विभाग की लापरवाही को जरूर दिखाता है।

भिवानी जिले के लोहारू क्षेत्र के ऐसे कई स्कूल हैं जहां पर एक एक अध्यापक के भरोसे पूरा स्कूल चल रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं ढिगावा जाटान के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल व राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल ढिगावा जाटान, राजकीय स्कूल बरालु की जहां पर कक्षा छठी से लेकर 8वीं तक केवल एक - एक संस्कृत अध्यापक के सहारे दोनों स्कूल चल रहे हैं।

इसके अलावा सीनियर सेकेंडरी स्कूल कुड़ल में कक्षा छठी से लेकर 12वीं तक गणित, हिंदी, हिस्ट्री, एसएस विषयों के अध्यापक नहीं है तो राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल बड़दू चैना में कक्षा छठी से लेकर 12वीं तक गणित, हिंदी, कंप्यूटर साइंस, हिस्ट्री, बायोलॉजी विषयो के अध्यापक नहीं है और  राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल खरकड़ी में कक्षा छठी से लेकर 12वीं तक गणित, साइंस, ड्राइंग विषयों के अध्यापक नहीं है। अभिभावकों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो वह अपने बच्चों को एडमिशन दूसरों स्कूलों में कराएंगे।

क्षेत्र के विद्यालयों में महत्वपूर्ण विषयों के पद रिक्त हैं। इन शिक्षकों के न होने से ग्रामीण इलाकों के छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है। तो अधर में लटके इन नौनिहालों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ का जिम्मेदार आखिर कौन है।

क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं मोहित, सचिन, रूपेश, साहिल, प्रीति, रेखा, ममता, रुचि, प्रीति, हिमांशु , नेहा, रचना, बबिता, आरती, अनिल, संदीप, दीपांशु, हनी, रुपेश, ललिता, स्वाति आदि का कहना है कि हम प्रदेश के शिक्षा मंत्री को कहना चाहते है कि वह इस ओर जरूर ध्यान दें ताकि हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। अगर समय रहते शिक्षक की व्यवस्था न हो पाई तो हम आने वाले समय में बोर्ड एग्जाम देने में भी हम सभी विद्यार्थियों को कठिनाइयों का सामना तो करना ही पड़ेगा क्योंकि जब उक्त विषय का शिक्षक ही नहीं है तो हम इन विषयों में किस प्रकार से उतीर्ण पाएंगे।

किस स्कूल में कितने बच्चे

ढिगावा जाटान बॉयज स्कूल -- 125 छात्र 

ढिगावा जाटान कन्या स्कूल -- 202 छात्राएं

कुडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल -- 258 विद्यार्थी

बरालु सीनियर सेकेंडरी स्कूल -- 181 विद्यार्थी

बड़दू चैना सीनियर सेकेंडरी स्कूल -- 198 विद्यार्थी।

खरकड़ी सीनियर सेकेंडरी स्कूल -- 315 विद्यार्थी।

अधिकारी के अनुसार

खंड शिक्षा अधिकारी धुपसिंह आर्य का कहना है कि अध्यापकों की कमी है इसके लिए उच्च अधिकारियों को अवगत करवा रखा है, जल्द ही अध्यापकों की कमी को दूर किया जाएगा।

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