शादी कार्डों पर पढ़ने को मिल रहा कुछ नया, इस तरह लोगों तक पहुंचाए जा रहे हैं ये संदेश

कोरोना की तीसरी लहर तेज हो रही है और सरकार ने पाबंदियां भी लगा रखी है। निर्धारित से ज्यादा भीड़ जुटाने पर भी रोक है। ऐसे में शादियां हो रही है तो निसंदेह उनमें एहतियात और सावधानी भी जरूरी है। दो साल से कोरोना का सामना हो रहा है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sat, 22 Jan 2022 10:39 AM (IST) Updated:Sat, 22 Jan 2022 10:39 AM (IST)
शादी कार्डों पर पढ़ने को मिल रहा कुछ नया, इस तरह लोगों तक पहुंचाए जा रहे हैं ये संदेश
लोग महामारी के बीच जिंदगी जीने की आदत डाल रहे।

बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना की तीसरी लहर के बीच कुछ शादियां तो टल गई है और कुछ हो रही है। इस महीने के आखिर तक शादियों के कई मुहूर्त है तो फरवरी में भी खूब शादियां तय हैं। इन शादियों के कार्ड बंट रहे हैं। इन कार्डों पर वैवाहिक कार्यक्रम के अलावा कुछ नया भी पढ़ने को मिल रहा है। किसी भी शादी कार्ड में पूरे कार्यक्रम की जानकारी को लोग अलग-अलग अंदाज में लिखवाते हैं, लेकिन इन दिनों एक-दो बातें और ऐसी हैं जो लोगों को पढ़ने को मिल रही हैं।

शादी के कार्ड पर लिखवाया मास्क जरुरी

अब कोरोना की तीसरी लहर तेज हो रही है और सरकार ने पाबंदियां भी लगा रखी है। निर्धारित से ज्यादा भीड़ जुटाने पर भी रोक है। ऐसे में शादियां हो रही है तो निसंदेह उनमें एहतियात और सावधानी भी जरूरी है। दो साल से कोरोना का सामना हो रहा है। ऐसे में लोग महामारी के बीच जिंदगी जीने की आदत डाल रहे हैं। यही सोचकर शादियां की जा रही है, लेकिन मेहमानों को बुलाने के साथ उनसे मास्क पहनकर आने का निवेदन भी किया जा रहा है। शादी कार्ड पर हिंदी या अंग्रेजी में लिखवाया जा रहा है कि मास्क जरूरी है। कार्ड के बिल्कुल ऊपर जहां विवाह का स्थान और तारीख होती है वहीं पर यह संदेश भी लोगों को पढ़ने को मिल रहा है कि शादी में आइए लेकिन मास्क जरूर लगाइए। ताकि एक साथ दोनों जिम्मेदारी पूरी हो सकें, कोरोना से बचाव भी और शादी में भागीदारी भी।

शादी के कार्ड पर दिखा किसानों की एमएसपी की मांग का जिक्र

दूसरी ओर एमएसपी को लेकर किसानों की जो मांग है उसका असर भी शादी कार्डों पर देखने को मिल रहा है। विगत में किसान आंदोलन के दौरान शादी कार्डों पर कुछ लोगों ने राजनीतिक विरोध की बातें लिखवई थी। अब यह लिखवाया जा रहा है- जंग अभी जारी है, अब एमएसपी की बारी है। बहादुरगढ़ में एमएसपी को लेकर धरना दे रहे किसान नेता प्रदीप धनखड़ का कहना है कि जिस तरह से तीन कृषि कानूनों को सरकार ने वापस लिया उसी तरह से अब किसान एमएसपी कानूनी बनवाने को लेकर भी लड़ाई लड़ेगा। जाहिर है कि किसानों की ये भावनाएं उनके शादी कार्ड पर भी दिखेंगी। इससे एकजुटता को बल मिलेगा।

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