मकर संक्रांति पर आसमान में नजर आ रहे पीएम मोदी, 300 रुपये चुका खरीदी जा रही पतंग

पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा अन्य किसी भी नेता की पतंग दुकानदार बिक्री के लिए नहीं लेकर आए। राहुल गांधी व अन्य नेता के चित्र वाली पतंग नहीं मिलने से कुछ समर्थक निराश होकर भी लौटे।

By manoj kumarEdited By: Publish:Sun, 13 Jan 2019 02:47 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jan 2019 02:47 PM (IST)
मकर संक्रांति पर आसमान में नजर आ रहे पीएम मोदी, 300 रुपये चुका खरीदी जा रही पतंग
मकर संक्रांति पर आसमान में नजर आ रहे पीएम मोदी, 300 रुपये चुका खरीदी जा रही पतंग

झज्जर, जेएनएन। मकर सक्रांति त्‍योहार पर पतंग उड़ाने की परंपरा दशकों पुरानी है। मांझे और पतंग की जोड़ी से हुनर दिखाना लोगों को बेहद पसंद है। बच्चों से लेकर युवाओं में पतंगबाजी का जोश भरने के लिए बरेली का मांझा, दिल्ली की पतंग आदि की सबसे ज्यादा डिमांड है। मगर इस बस के बीच इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्‍वीर वाली पतंगों की ज्‍यादा मांग हो रही है। मोदी को पसंद करने वाले समर्थक उनकी तस्‍वीर वाली पतंग खरीदने के लिए 300 रुपये की अदायगी करने में किसी तरह का गुरेज नहीं कर रहे हैं। ऐसे में पतंगों में राजनीतिक रंग देखने को मिल रहा है। बाजार में प्रधानमंत्री मोदी, आई लव इंडिया के चित्रों वाली पतंगें खूब छा रही हैं। खास बात यह है कि बाजार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अन्य किसी भी नेता की कोई पतंग दुकानदार बिक्री के लिए नहीं लेकर आए है। हालांकि, कुछ ऐसे भी पहुंच रहे हैं जो कि राहुल गांधी या अन्य नेता के चित्र वाली पतंग की डिमांड कर रहे हैं। लेकिन बाजार में उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें निराश ही होना पड़ा।

300 रूपये तक में बिक रही बड़ी पतंग

सिलानी गेट क्षेत्र से पतंग व्यापारी सुमित और शेर सिंह ने बताया कि उनके यहां बड़ी पतंगों की खास डिमांड होती है। 300 रूपये में बिकने वाली एक पतंग की बुकिंग की जा रही है। जबकि कुछ ऐसे भी है जो कि अभी से पतंगों को मकर सक्रांति पर उड़ाने के लिए पहले से ही अपने साथ लेकर जा रहे हैं। इधर, तीन-चार साल से बाजार में मोदी के चित्रों वाली पतंगों की मांग बनी हुई है। जहां बच्चों में कार्टून वाली पतंगों का खुमार रहता है, वहीं वयस्क मोदी वाली पतंग की खरीदारी में दिलचस्पी लेते हैं।

पहले से कम हुआ पतंगों के प्रति रूझान

आजकल की व्यस्त जीवनशैली के कारण अब लोगों का पतंग की तरफ रुझान कम होता जा रहा है। अब बच्चे तथा युवा स्मार्ट फोन व कंप्यूटर को अपना अधिक समय देना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को पतंगों की तरफ प्रेरित करना साल दर साल चुनौती बनता जा रहा है। दुकानदार इस कोशिश में जुटे हैं कि उनकी दुकान पर पतंगों के सबसे नए और बेहतरीन डिजाइन उपलब्ध हों, ताकि खरीदारों का जमघट लगा रहे। इधर, छुट्टी के दिन होने के कारण भी छत्तों पर युवाओं की खूब भीड़ दिखाई दी। धूप निकलने के कारण बढिय़ा हुए मौसम ने भी पतंगबाजी के शौकीनों को बढिय़ा माहौल सौगात के रूप में प्रदान किया है।

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