रोडवेज के बाद अब एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों पर कसा शिकंजा, एसोसिएशन प्रधान गिरफ्तार

एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों पर गुरूवार की रात जहां एसोसिएशन प्रधान समेत 13 लोगों पर मामला दर्ज किया गया था वहीं शुक्रवार को पुलिस ने प्रधान को गिरफ्तार कर लिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Sep 2018 04:56 PM (IST) Updated:Fri, 07 Sep 2018 04:56 PM (IST)
रोडवेज के बाद अब एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों पर कसा शिकंजा, एसोसिएशन प्रधान गिरफ्तार
रोडवेज के बाद अब एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों पर कसा शिकंजा, एसोसिएशन प्रधान गिरफ्तार

जेएनएन, हिसार : रोडवेज कर्मचारियों के बाद अब प्रशासन ने बहुद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एस्मा लगाए जाने के बावजूद हड़ताल कर रहे एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों पर गुरूवार की रात जहां एसोसिएशन प्रधान समेत 13 लोगों पर मामला दर्ज किया गया था वहीं शुक्रवार को पुलिस ने प्रधान को गिरफ्तार कर लिया। वहीं बाकी अन्य की भी तलाश जारी है। ऐसे में अब कर्मचारियों को हौंसला थोड़ा डगमगा गया है। हालांकि धरना अभी भी जारी है। शुक्रवार को एसोसिएशन की बेमियादी हड़ताल 12वें दिन भी जारी रही। शुक्रवार को भी एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों ने अस्पताल के बाहर रोड पर बैठकर ही प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे पहले कर्मचारियों ने अलग-अलग तरीकों से विरोध प्रदर्शन किया था। बुधवार को तय घोषणा अनुसार कर्मचारियों ने मुंडन भी करवाया। जिला प्रधान अनिल गोयत ने कहा कि पांच लोगों ने मुंडन करवाकर सरकार के श्राद्ध की रस्म अदा की है। रोड पर बैठने के चलते जाम की स्थिति भी बनी रही। वहीं इससे पहले मंगलवार को हड़ताली क्रम को जारी रखते हुए राज्य कार्यकारिणी के आह्वान पर मंगलवार 4 सितंबर को शहर के बाज़ारों में सरकार की नीतियों के विरोध काले कपड़े पहन जुलूस निकाला। जिसमें सभी महिला सदस्यों ने काली चुनरी और पुरुष काले गमछे ओढ़ सरकार के खिलाफ रोष जताया, सर्व कर्मचारी संघ और अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा भी कर्मचारियों की लड़ाई में समर्थन के ऐलान से कर्मचारियों के आदोलन को बल मिल गया है। एसोसिएशन के जि़ला प्रधान अनिल गोयत,राज्य मुख्य सलाहकार मन्दीप राठी,उपप्रधान प्रताप कुंडू,सचिव बजरंग सोनी,मुख्य सलाहकार जितेंद्र मलिक और प्रवक्ता नूर मोहम्मद ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज़ द्वारा मांगों को माने जाने का झूठा और बेबुनियाद बयान जारी कर हड़ताल को फैशन की संज्ञा देकर कर्मचारियो की जायज़ को बर्खास्तगी का डर दिखा आदोलन को एस्मा जैसे काले कानून लगाकर रोकना चाहते हैं। सरकार से लगातार 3 साल से मांगें पूरी करने के लिये शातिपूर्ण ढंग से वार्ता के माध्यम से अपील की परंतु हर बार सरकार ने आश्वासन के नाम कर्मचारियों को छलावा दिया। सरकार बर्खास्तगी करे या गिरफ़्तारिया करें पीछे नही हटेंगे बल्कि आदोलन को और ज्यादा उग्र करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री महोदय अनाप-शनाप बयानबाज़ी कर रहे हैं।

अनिल गोयत ने बताया कि मलेरिया,डेंगू के केस लगातार बढ़ रहे हैं किंतु सरकार कर्मचारियों की माँगों को दबाने की नाकाम चेष्ठा कर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्त्रम शिशुओं और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण मलेरिया,डेंगू,चिकनगुनिया,टीबी,गर्भवती महिलाओं का चेकअप,जन्म-मृत्यु पंजीकरण सेवाएं, प्रसव पूर्व-उपरात देखभाल,मच्छर जनित बीमारियों मलेरिया,डेंगू,चिकनगुनिया के इलाज,रोकथाम और जागरुकता अभियान,पानी की शुद्धता की जांच,एंटी-लारवा की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। सरकार को चाहिये कि मांगों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए कर्मचारियों की मांगों की अधिसूचना जारी करें।

प्रमुख मांगो में शामिल हैं :

1) बहुद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी वर्ग को तकनीकी घोषित किया जाए।

2) बहुद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन के महिला और पुरुष कर्मियों को वेतनमान 9300-34800 ग्रेड पे 4200 सातवें वेतनमान आयोग में में लेवल 6 लागू करने की अधिसूचना जारी की जाए।

3) आरसीएच परियोजना में कार्यरत अनुबंधित महिला कर्मियो को 2 साल की सेवा उपरात नियमित किया जाए,नियमित होने तक माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णयानुसार समान काम समान वेतनमान लागू किया जाए।

4) एमपीएचडब्ल्यू पुरुष कर्मियों का वर्दी भत्ता,एफटीए बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की जाए।

5) आरसीएच परियोजना में कार्यरत एमपीएचडब्ल्यू महिला कर्मियो को एफटीए और वर्दी भत्ता दिया जाए।

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